Print this page

मौलाना सैयद वलीयुल हसन मरहूम की ज़िंदगी इल्मी सरगर्मियों में बसर हुई

Rate this item
(0 votes)
मौलाना सैयद वलीयुल हसन मरहूम की ज़िंदगी इल्मी सरगर्मियों में बसर हुई

 भारत के महान आलिम ज़फरुल मिल्लत अल्लामा सैयद ज़फरुल हसन रिज़वी (रह.) के बेटे हुज्जतुल इस्लाम मौलाना सैयद वलीयुल हसन साहब रह. की ज़िंदगी पूरी तरह इल्मी सरगर्मियों शैक्षिक गतिविधियों में सारी जिंदगी व्यस्त रही।

लखनऊ आयतुल्लाहिल उज़्मा सिस्तानी के प्रतिनिधि, हुज्जतुल इस्लाम मौलाना सैयद अशरफ़ अली अलग़रवी ने प्रसिद्ध आलिम और मुबल्लिग़ मौलाना सैयद वलीयुल हसन के इंतेक़ाल पर निम्नलिखित ताज़ियती पैग़ाम जारी किया हैं।

बिस्मिल्लाहिर्रहमानिर्रहीम

बेहद अफ़सोसनाक ख़बर मिली कि मौलाना सैयद वलीयुल हसन इस फ़ानी दुनिया से रुख़्सत होकर बारगाहे इलाही में  पहुँच गए भारत के महान आलिम ज़फरुल मिल्लत अल्लामा सैयद ज़फरुल हसन रिज़वी (रह.) के बेटे हुज्जतुल इस्लाम मौलाना सैयद वलीयुल हसन साहब रह. की ज़िंदगी पूरी तरह इल्मी सरगर्मियों शैक्षिक गतिविधियों में सारी जिंदगी व्यस्त रही।

मौलाना सैयद वलीयुल हसन ने अपनी पूरी ज़िंदगी क़ौम की रहनुमाई हिदायत और तालिब-ए-इल्मों की तालीम व तरबियत में गुज़ारी।मौलाना मरहूम के तमाम पसमानदगान, वाबस्तगान, शागिर्दान और अक़ीदत मंदों, और अहले ख़ानदान की ख़िदमत में ताज़ियत पेश करते हैं और बारगाहे इलाही में उनकी मग़फिरत और बुलंद दर्ज़ात की दुआ करते हैं।

लोगो से मौलाना मरहूम के बुलंद दर्ज़ात के लिए सूरह फ़ातिहा की दरख़्वास्त है।

वस्सलाम
सैयद अशरफ़ अली अलग़रवी

Read 36 times