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इस्लामी क्रांति, इमाम खुमैनी का सब से बड़ा कारनामा, वरिष्ठ नेता

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इस्लामी क्रांति, इमाम खुमैनी का सब से बड़ा कारनामा, वरिष्ठ नेता

इस्लामी गणतंत्र ईरान के संस्थापक इमाम खुमैनी की 28वीं बरसी के कार्यक्रम स्थानीय समयानुसार शाम ६ बजे आरंभ हुई जिसमें भाषण देते हुए इस्लामी क्रांति के वरिष्ठ नेता आयतुल्लाहिल उज़मा सैयद अली ख़ामेनई ने इमाम खुमैनी के व्यक्तित्व के विभिन्न पहलुओं पर प्रकाश डाला और विश्व व ईरान के ज्वलंत मुद्दों पर अपने विचार रखे।

वरिष्ठ नेता ने कहा कि इमाम खुमैनी के बारे में जानकार लोगों ने अब तक बहुत कुछ कहा है किंतु यह बात याद रखनी चाहिए कि इमाम खुमैनी और क्रांति एक दूसरे से जुड़े हैं और इस संदर्भ में अब भी बहुत कुछ कहा जाना बाकी है।

वरिष्ठ नेता ने कहा कि इमाम खुमैनी और क्रांति एक दूसरे से अलग नहीं हो सकते और इस्लामी क्रांति, इमाम खुमैनी का सब से बड़ा कारनामा है। वरिष्ठ नेता ने कहा कि सच्चाई को बार बार दोहराना चाहिए वर्ना उसमें फेर-बदल की संभावना पैदा हो जाती है।

वरिष्ठ नेता ने कहा कि ईरान की इस्लामी क्रांति ईश्वर की कृपा से इमाम खुमैनी द्वारा सफल हुई किंतु वह वास्तव में एक राजनीतिक बदलाव नहीं था बल्कि पूरे समाज को उसकी पहचान के साथ बदलना था।

वरिष्ठ नेता ने कहा कि इमाम खुमैनी हमारे बीच से उठ गये हैं किंतु उसकी आत्मा हमारे बीच है और उनका संदेश हमारे समाज में जीवित है।

वरिष्ठ नेता आयतुल्लाहिल उज़मा सैयद अली ख़ामेनई ने कहा कि बहरैन में सऊदी अरब की उपस्थिति आतार्किक है किसी दूसरे देश को बहरैन में सैनिक भेजने की क्या ज़रूरत है और वह क्यों किसी  राष्ट्र पर अपनी इच्छा थोपना चाहता है। 

वरिष्ठ नेता ने कहा कि सऊदी अरब अगर कई अरब डॅालर की रिश्वत से भी अमरीका को अपने साथ करना चाहेगा तब भी उसे सफलता नहीं मिलेगी और वह यमन की जनता के सामन जीत नहीं सकता। 

वरिष्ठ नेता ने क्षेत्रीय देशों में प्राॅक्सी वार की दुश्मनों की साज़िश का उल्लेख करते हुए कहा कि आज आतंकवादी गुट दाइश, अपनी जन्मस्थली अर्थात सीरिया और इराक़ से खदेड़ा जा चुका है और अब अफगानिस्तान, पाकिस्तान बल्कि फिलिपीन और युरोप जैसे क्षेत्रों में जा रहा है और यह वह आग है जिसे खुद उन लोगों ने भड़काया था और अब खुद उसका शिकार हो रहे हैं। 

वरिष्ठ नेता आयतुल्लाहिल उज़मा सैयद अली ख़ामेनई  ने इसी प्रकार ईरान में हालिया दिनों में राष्ट्रपति चुनाव के भव्य आयोजन का उल्लेख करते हुए बल दिया कि ज़रा देखें दुश्मन किस सीमा तक दुष्ट है कि अमरीका के राष्ट्रपति एक क़बाइली व अत्याधिक गिरी हुई सरकार के साथ तलवार का नाच नाचते हैं और ईरानी जनता के चार करोड़ के वोटों पर टीका टिप्पणी करते हैं।  

 

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