
رضوی
अनावश्यक प्रदर्शन ने समाज में शालीनता को कम कर दिया
हज़रत मासूमा (स) के हरम के खतीब ने कहा: पहले हमारे भोजों और महफ़िलों में इतनी विलासिता और दिखावे नहीं होते थे, इसलिए हम एक-दूसरे के पास बहुत आते-जाते थे, लेकिन अब स्थिति ऐसी हो गई है कि दुर्भाग्यपूर्ण है। अनावश्यक दिखावे के कारण इनाम कम हो गया है और अब चूँकि कोई व्यक्ति स्वयं ऐसी मेज तैयार नहीं कर सकता है, इसलिए वह दावतों में भाग नहीं लेता है।
हुज्जतुल-इस्लाम वल-मुस्लेमीन मुहम्मद सईदी आर्य ने हज़रत मासूमा (स) की दरगाह में बात करते हुए कहा: एक व्यक्ति अल्लाह के रसूल (स) की सेवा में आया और कहा: सिखाओ मैं ऐसा कार्य करूं जिसके करने से ईश्वर भी मुझे पसंद करें, उसके प्राणी भी मुझसे प्रेम करें, मेरी धन-संपत्ति बढ़ाएं, मुझे स्वस्थ बनाएं, मेरी आयु लंबी करें और मुझे अपने करीब कर लें। तो इसके जवाब में नबी करीम (स) ने फरमाया कि ये छह खूबियाँ हैं। जिसके लिए छह और विशेषताओं की आवश्यकता है।
उन्होंने कहा: अल्लाह के रसूल (स) ने कहा कि यदि तुम चाहते हो कि अल्लाह तुमसे प्यार करे, तो तुम्हें परहेज़गारी अपनानी चाहिए और अल्लाह से डरना चाहिए। और यदि तुम चाहते हो कि परमेश्वर के दास तुम से प्रेम रखें, तो उनके साथ भलाई करो। अमीरुल मोमिनीन (अ) ने नहजुल बलाग़ा में कहा कि लोगों के साथ ऐसा व्यवहार करो कि वे जीवन में तुमसे मिलना चाहें और यदि तुम मर जाओ तो तुम्हारे लिए रोएँ।
हुज्जतुल-इस्लाम वल-मुस्लिमीन सईदी आर्य ने पवित्र पैगंबर (स) के कहने के अनुसार, धन और संपत्ति की वृद्धि को धन की शुद्धता पर निर्भर बताया और कहा: धन की शुद्धता का मतलब है कि जब हम कमाते हैं धन, हम हलाल और हराम से मुक्त हैं। हरम की ओर न जाएं और फिर जो कुछ हमने वैध रूप से अर्जित किया है उस पर ख़ुम्स और ज़कात देने से हमें रोक दें।
उन्होंने कहा: स्वास्थ्य और कल्याण अधिक दान देने और क्षमा मांगने में है, और जीवन का विस्तार दया के कारण है।
हत्या के अपराध में उम्र कैद की सजा काट रहे भाजपा नेता को मिली माफी, आज़ादी का रास्ता साफ
संगम नगरी प्रयागराज में 28 साल पहले समाजवादी पार्टी के तत्कालीन विधायक जवाहर पंडित की दिनदहाड़े एक-47 से हत्या किए जाने के सनसनीखेज मामले में उम्र कैद की सजा पाने वाले बीजेपी के पूर्व विधायक उदयभान करवरिया की बची हुई सजा को माफ कर उन्हें जेल से रिहा किए जाने का आदेश जारी किया गया है।
योगी सरकार की पैरवी पर सूबे की गवर्नर आनंदीबेन पटेल ने बीजेपी नेता और पूर्व विधायक उदयभान करवरिया की बची हुई सजा को माफ कर दिया है।
उम्मीद जताई जा रही है कि इस आदेश के आधार पर बीजेपी के पूर्व विधायक उदयभान करवरिया के बड़े भाई बीएसपी के पूर्व सांसद कपिलमुनि करवरिया और पूर्व एमएलसी सूरजभान करवरिया को भी राहत दी जा सकती है।
संयुक्त राष्ट्र न्यायालय के फैसले पर भड़का अवैध राष्ट्र, फिलिस्तीन में जाएं उपस्थिति गैर कानूनी
संयुक्त राष्ट्र की शीर्ष अदालत ने फिलिस्तीनी क्षेत्रों में इजराइल की मौजूदगी को गैरकानूनी बताते हुए इसे खत्म करने को कहा। साथ ही 57 साल पहले कब्जा की गई जमीन पर इस्राईल के शासन की आलोचना भी की।
ज़ायोनी नेता नेतन्याहू ने अंतर्राष्ट्रीय कोर्ट के 15-जजों के पैनल के राय की निंदा की। उन्होंने कहा कि ये क्षेत्र यहूदी लोगों की ऐतिहासिक मातृभूमि का हिस्सा है। लेकिन कोर्ट का निर्णय अंतरराष्ट्रीय राय को प्रभावित कर सकता है और फिलिस्तीनी राज्य की एकतरफा मान्यता के लिए कदम बढ़ा सकता है।
कोर्ट ने कहा कि वेस्ट बैंक और पूर्वी यरुशलम में ज़ायोनी बस्तियों का निर्माण और विस्तार, क्षेत्र के प्राकृतिक संसाधनों का उपयोग, भूमि पर कब्ज़ा और स्थायी नियंत्रण और फिलिस्तीनियों के खिलाफ भेदभावपूर्ण नीतियां अंतरराष्ट्रीय कानून का उल्लंघन है।
यमन पर ज़ायोनी सेना के बर्बर हमले, 3 की मौत कई घायल
ज़ायोनी सेना ने पश्चिमी यमन में सेना के कई ठिकानों पर हमले किए हैं, जिसमें कम से कम तीन लोग मारे गए और 87 घायल हो गए। जबकि पिछले दिन तल अवीव में यमन सेना ने फिलीस्तीन के समर्थन में एक घातक ड्रोन हमला किया था।
यमन के पश्चिमी बंदरगाह शहर हुदैदह में कई 'सैन्य ठिकानों' पर हमला किया गया। ज़ायोनी सेना ने कहा कि यह हमला हाल के महीनों में अवैध राष्ट्र के खिलाफ हुए 'सैकड़ों हमलों' के जवाब में किया गया है।
मौलाना सैयद मनव्वर रज़ा सिरसिवी का निधन
ख़तीब अहले-बैत, शिया संप्रदाय के उपदेशक, जनाब हाजी मौलाना सैयद मुनवर रज़ा साहब किबला मुमताज़ुल फ़ाज़िल, आज 20 जुलाई, शनिवार, इस दारेफ़ानी से दारे जावदानी तक अचानक गुज़र गया।
एक शमा और बुझी और अंधेरा बढ़ गया है, यह खबर बड़े दुख के साथ दी जा रही है कि ख़तीब अहले-बैत, शिया संप्रदाय के उपदेशक, जनाब हाजी मौलाना सैयद मुनवर रज़ा साहब किबला मुमताज़ुल फ़ाज़िल, आज 20 जुलाई, शनिवार, इस दारेफ़ानी से दारे जावदानी तक अचानक निधन हो गया।
मौलाना दिवंगत सिरसी सादात के निवासी थे, लेकिन ज्ञान और अभ्यास की रोशनी मिहराब और मिम्बर के माध्यम से फैलाई और देश और विदेश में शिक्षण और उपदेश के माध्यम से, अहल अल-बैत का स्कूल हमेशा उज्ज्वल और चमकदार रहेगा।
ईश्वर मृतक को ज्वारे अहल-बैत में जगह दे और सभी शोक संतप्तों और शोक संतप्तों को धैर्य और दया प्रदान करे।
महान हस्ती के परिवार से मुलाक़ात में पिज़िश्कियान ने शहीद सुलैमानी के मार्ग पर चलने पर बल दिया
ईरान के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति ने बल देकर कहा है कि शहीद जनरल क़ासिम सुलैमानी का मार्ग एकता और समरसता का मार्ग था और इस शहीद के मार्ग और मक़सद का अनुसरण करना चाहिये।
ईरान के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति मसऊद पिज़िश्कियान ने शहीद जनरल क़ासिम सुलैमानी के घर जाकर उनके परिजनों से मुलाक़ात की। पार्सटुडे की रिपोर्ट के अनुसार इस मुलाक़ात में पिज़िश्कियान ने शहीद जनरल क़ासिम सुलैमानी को श्रद्धासुमन अर्पित की और उन्हें संघर्ष व जेहाद और स्वयं से पद को दूर करने का आदर्श बताया।
ईरान के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति ने उम्मीद जताई कि नई सरकार में पूरी निष्ठा के साथ लोगों की सेवा कर सकें और शहीदों के सामने शर्मिन्दा न हों और उनके सामने सर बुलंद हो।
इस मुलाक़ात में शहीद सुलैमानी के परिजनों ने भी जनरल सुलैमानी की सेवाओं को बयान किया और कहा कि शहीद सुलैमानी ने अपनी पूरी उम्र ईरानी लोगों की सेवा में बिता दी और उनका एक प्रसिद्ध जुमला था कि मेरी और मेरे जैसे हज़ारों लोगों की जान ईरानी राष्ट्र पर क़ुर्बान।
प्रतिरोध के महानायक शहीद जनरल क़ासिम सुलैमानी के परिजनों ने कहा कि शहीद सुलैमानी जहां राष्ट्रीय हस्ती थे वहीं वह इस्लामी जगत के लिए एक महान व्यक्तित्व के स्वामी थे और वह पार्टी व धड़े से हटकर देखते थे और लोगों को एक विशेष धड़े व गुट के रूप में नहीं देखते थे।
जनरल शहीद क़ासिम सुलैमानी के परिजनों ने इसी प्रकार प्रतिरोध पर ध्यान देने और शहीद सुलैमानी के सम्मानजनक मार्ग को जारी रखने को नई सरकार से ईरानी लोगों की मांग व अपेक्षा बताया और कहा कि इंशा अल्लाह शोहदा मदद करेंगे कि जो लोगों की सेवा का रास्ता है उसमें आप कामयाब रहें।
उल्लेखनीय है कि इस मुलाक़ात के अंत में शहीद जनरल क़ासिम सुलैमानी के परिजनों ने प्रतिरोध के शहीदों के सरदार जनरल क़ासिम सुलैमानी की एक तस्वीर ईरान के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति को भेंट किया।
शहीद जनरल क़ासिम सुलैमानी के जेहाद की वर्दी के साथ ईरान के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति पिज़िश्कियान की तस्वीर
शहीद जनरल क़ासिम सुलैमानी सिपाहे पासदारान की क़ुद्स ब्रिगेड और पश्चिम एशिया में अमेरिका और ज़ायोनी सरकार के मुक़ाबले में प्रतिरोध के कमांडर थे। इराक़ और सीरिया में आतंकवादी गुट दाइश के ज़ाहिर होने के बाद उन्होंने इन देशों में उपस्थित होकर आतंकवाद से मुक़ाबले की कमान संभाली और इन देशों की सरकारों के सहयोग से आतंकवादी गुट दाइश से मुक़ाबला किया और इराक़ और सीरिया के जिन क्षेत्रों पर दाइश ने क़ब्ज़ा कर लिया था उन क्षेत्रों से दाइश को ख़त्म करने में शहीद जनरल क़ासिम सुलैमानी ने उल्लेखनीय भूमिका निभाई।
शहीद जनरल क़ासिम सुलैमानी सैनिक टैक्टिकों को लागू करने और साम्राज्यवादियों के षडयंत्रों को नाकाम बनाने में इतने माहिर व दक्ष थे कि उन्होंने जनरल क़ासिम सुलैमानी को छायारहित जनरल की उपाधि दे रखी थी।
अंततः 63 साल की उम्र में 13 दैय 1398 हिजरी शमसी को शुक्रवार की सुबह को इराक़ में अमेरिका की एक आतंकवादी कार्यवाही में जनरल क़ासिम सुलैमानी शहीद हो गये।
अमेरिका की यह आतंकवादी कार्यवाही इस बात का कारण बनी कि ईरान ने इराक़ में अमेरिका की सैनिक छावनी एनुल असद पर जवाबी हमला करके मिसाइलों की बारिश कर दी और उसके बाद ईरान ने पश्चिम एशिया में अमेरिकी सैनिकों के ख़िलाफ़ ग़ैर आधिकारिक युद्ध आरंभ कर दिया।
बनी असद की महिलाओं की कर्बला में हाज़िरी, 61 हिजरी की यादें ताज़ा
इमाम हुसैन अलैहिस्सलाम की शहादत के तीसरे दिन बनी असद कबीले की महिलाएं हमेशा की तरह फिर कर्बला पहुंची और इमाम हुसैन के साथ अपने कबीले के वादे को फिर से दोहराया और सांकेतिक रूप से वही काम अंजाम दिया जो इमाम की शहादत के बाद किया था ।
फ़िलिस्तीनी पत्रकार, उनकी पत्नी और दो बच्चे इजरायली सेना द्वारा शहीद
इजरायली युद्धक विमानों ने गाजा में एक फिलिस्तीनी पत्रकार के घर को निशाना बनाया और उनके परिवार के सभी सदस्यों सहित उनकी हत्या कर दी।
इजरायली लड़ाकू विमानों ने गाजा में एक फिलिस्तीनी पत्रकार के घर को निशाना बनाया और उनके परिवार के सभी सदस्यों सहित उनकी हत्या कर दी।
गाजा पट्टी के कमाल अदवान अस्पताल के एक व्यक्ति ने आज (शनिवार) अनादोलु एजेंसी को बताया कि मुहम्मद जस्सर नाम के एक फिलिस्तीनी पत्रकार पर उत्तरी गाजा के जबालिया शिविर में उनके घर पर इजरायली युद्धक विमानों ने हमला किया है।
उक्त व्यक्ति ने कहा कि इस हमले में फिलिस्तीनी पत्रकार अपनी पत्नी और दो बच्चों के साथ शहीद हो गए।
इस फ़िलिस्तीनी पत्रकार की शहादत के साथ, गाजा पट्टी में अल-अक्सा ऑपरेशन शुरू होने के बाद से शहीद पत्रकारों की संख्या 161 तक पहुँच गई है।
यह हमला तब किया गया जब इजरायली सेना ने बीती रात गाजा पट्टी के अलग-अलग इलाकों में कई घरों पर बमबारी की, जिसके परिणामस्वरूप 25 फिलिस्तीनी शहीद हो गए और कई घायल हो गए।
पिछले साल 15 अक्टूबर से इजरायली सेना ने गाजा पट्टी में विनाशकारी युद्ध शुरू कर दिया है, जिसके परिणामस्वरूप 38 हजार से ज्यादा फिलिस्तीनी शहीद हो गए हैं।
गाजा के स्वास्थ्य मंत्रालय ने घोषणा की है कि शहीदों में अधिकतर महिलाएं, बच्चे और बुजुर्ग शामिल हैं और करीब 10,000 फिलिस्तीनी अभी भी लापता हैं।
नेतन्याहू है आतंकी, पाकिस्तान ने कई उत्पादों पर लगाया प्रतिबंध
अवैध राष्ट्र के खिलाफ कड़ा रुख अपनाते हुए पाकिस्तान की सरकार ने कहा है कि वह इस्राईल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू को आतंकवादी मानती है। पाकिस्तान ने मांग की कि फिलिस्तीनियों के खिलाफ युद्ध अपराध के लिए नेतन्याहू को न्याय के कटघरे में लाया जाना चाहिए।
प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ के राजनीति और सार्वजनिक मामलों पर सलाहकार राणा सनाउल्लाह ने कहा कि 'नेतन्याहू एक आतंकवादी है और युद्ध अपराध का दोषी है।'
राणा सनाउल्लाह ने कहा कि पाकिस्तान में ऐसी कंपनियों और उत्पादों की पहचान के लिए एक समिति भी गठित की गई है, जो प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से इस्राईल या फिलिस्तीनियों के खिलाफ युद्ध अपराध करने वाली ताकतों को बढ़ावा दे रही हैं।
इस्लामी क्रांति के सर्वोच्च नेता ने ईरान में प्रभावी व उपयोगी, धार्मिक और क्रांतिकारी सरकार के गठन पर बल दिया
इस्लामी इंक़ेलाब के नेता ने रविवार 21 जुलाई 2024 की सुबह तेहरान में इमाम ख़ुमैनी इमामबाड़े में संसद सभापति और सांसदों से मुलाक़ात की।
आयतुल्लाहिल उज़मा सैयद अली ख़ामेनेई ने इस मुलाक़ात में अपने ख़ेताब के दौरान क़ानून बनाने और उसकी ज़रूरी व ग़ैर ज़रूरी बातों के मैदान में संसद की ज़िम्मेदारियों के बारे में अहम बिंदु बयान करते हुए सरकार के साथ सहयोग, मुल्क के सभी अहम विभागों की ओर से एक ही आवाज़ सुनाई देने और विदेशी मसलों और विदेश नीति के मैदान में संसद की सक्रियता और उसकी ओर से गंभीर किरदार अदा किए जाने पर बल दिया।
उन्होंने अंतर्राष्ट्रीय मसलों के संबंध में संसद की सलाहियतों और गुंजाइशों की ओर इशारा करते हुए कहा कि संसद एक अहम स्तंभ है और दुनिया की सरकारें अपने अहम मामलों में संसद से मदद लेती हैं।
उन्होंने ग़ज़ा के मसले को विदेशी मसलों में संसद की सरगर्मियों का एक उदाहरण बताया और इस सिलसिले में काम की अहमियत पर बल देते हुए कहा कि ग़ज़ा का मसला बदस्तूर इस्लामी दुनिया का सबसे अहम मसला है। उन्होंने कहा कि दुष्ट व क़ाबिज़ ज़ायोनी सरकार के अपराध शुरू होने को महीनों बीत जाने के बाद कुछ लोगों में इन अपराधों की भर्त्सना और उनके मुक़ाबले के सिलसिले में पाया जाने वाला आरंभिक जोश कम हो गया है लेकिन ग़ज़ा के मसले की अहमियत आरंभिक दिनों से भी ज़्यादा है।
इस्लामी इंक़ेलाब के नेता ने प्रतिरोध की दिन- प्रतिदिन बढ़ती ताक़त की ओर इशारा करते हुए कहा कि अमरीका जैसी एक बड़ी राजनैतिक, आर्थिक और सैन्य ताक़त क़ाबिज़ ज़ायोनी सरकार के साथ मिलकर प्रतिरोध के नाम वाले एक छोटे से गिरोह से लड़ रही है और चूंकि ये दोनों दुष्ट ताक़तें हमास और प्रतिरोध को ख़त्म करने में कामयाब नहीं हुई हैं इसलिए अपने बम अस्पतालों, स्कूलों, बच्चों, औरतों और मज़लूम लोगों पर गिरा रही हैं।
उन्होंने कहा कि यह अपराध और बर्बरता दुनिया के लोगों की नज़रों के सामने हो रही है और वो क़ाबिज़ व दुष्ट सरकार के ख़िलाफ़ फ़ैसला कर रहे हैं और यह मसला बदस्तूर जारी है।
आयतुल्लाहिल उज़मा सैयद अली ख़ामेनेई ने विदेशी मसलों में संसद की ओर से किरदार अदा किए जाने के सिलसिले में कहा कि संसद इस सिलसिले में सरकार के हाथ मज़बूत कर सकती है और विदेश नीति के सिलसिले में संसद के अच्छे व प्रभावी कामों में से एक ग्यारहवीं संसद का स्ट्रैटेजिक ऐक्शन क़ानून है, अलबत्ता कुछ लोगों ने इस क़ानून पर एतेराज़ किया और इसमें कमियां निकालीं जो पूरी तरह बेबुनियाद हैं।
उन्होंने विश्व स्तर पर बदलाव और कूटनीति के क्षेत्र में संसद की ओर से किरदार अदा किए जाने को प्रभावी बताया और कहा कि ब्रिक्स की बैठक में संसद सभापति की प्रभावी मौजूदगी सहित संसद सभापति और सांसदों के दौरे और मुलाक़ातें प्रभावी रही हैं और विदेश नीति के मसलों के बारे में कभी कभी सांसदों का सिर्फ़ एक बयान या घोषणापत्र भी बहुत अहम और प्रभावी होता है।
इस्लामी इंक़ेलाब के नेता ने सरकारों की ओर से संसद के उपयोग को दुनिया में एक प्रचलित शैली बताया और कहा कि इसकी एक मिसाल सीसादा (CISADA) के नाम से जाना जाने वाला इस्लामी गणराज्य के ख़िलाफ़ अमरीका की व्यापक पाबंदियों का क़ानून है जिसे अमरीकी संसद ने पास किया और उस वक़्त के रिपब्लिकन राष्ट्रपति ने जो पाख़ंडी इंसान था, इस पर दस्तख़त किए।
उन्होंने पाबंदियों और उन्हें नाकाम बनाने में संसद के रोल पर रौशनी डालने हुए कहा कि हम पाबंदियों को अच्छे तरीक़ों से दूर कर सकते हैं बल्कि नाकाम बना सकते हैं। पाबंदियों को नाकाम बनाने के साधन हमारे हाथ में हैं और उसके लिए अच्छे रास्ते भी पाए जाते हैं और संसद इस मसले में अहम किरदार अदा कर सकती है।
आयतुल्लाह ख़ामेनेई ने सरकार, न्यायपालिका और विधिपालिका के बीच सहयोग और समन्वय पर बल देते हुए कहा कि सिस्टम के मुख़्तलिफ़ तत्वों को एक संयुक्त प्लेटफ़ॉर्म बनाना चाहिए और इसके लिए उनके दरमियान सहयोग, एकता और कभी कभी अनदेखी भी ज़रूरी है।
उन्होंने कहा कि संसद को जो एक काम फ़ौरन करना है वह जनाब पिज़िश्कियान साहब के मंत्रीमंडल को विश्वास का वोट देना है। उन्होंने निर्वाचित राष्ट्रपति के मंत्रीमंडल के लिए ज़रूरी ख़ुसूसियतों और मानकों के बारे में कहा कि ऐसे शख़्स को मैदान में लाना चाहिए जो मोमिन, ईमानदार, सच्चा, घर्मपरायण, दिल से इस्लामी गणराज्य पर भरोसा करने वाला और भविष्य की ओर से आशावान हो।
इस्लामी क्रांति के नेता आयतुल्लाह ख़ामेनेई ने आर्थिक, सांस्कृतिक, अंतरराष्ट्रीय और दूसरे मामलों में श्री पिज़िश्कियान की कामयाबी को सबकी कामयाबी बताया और कहा कि सबको चाहिये कि दायित्वों के निर्वाह में ईरान के निर्वाचित राष्ट्रपति की मदद करें और दिल की गहराइयों से विश्वास करें कि उनकी कामयाबी हम सबकी कामयाबी है।
इस्लामी क्रांति के नेता से सांसदों की मुलाक़ात में ईरान के निर्वाचित राष्ट्रपति उपस्थित
इस्लामी इंक़ेलाब के नेता ने उम्मीद जतायी कि इन मानकों पर अमल और राष्ट्रपति व संसद की ओर से संयुक्त ज़िम्मेदारी अदा किए जाने से एक अच्छे, उपयोगी, धर्मपरायण, और इंक़ेलाबी मंत्रिमडल का गठन होगा जो मुल्क के मामलों को आगे बढ़ा सकेगा।