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सीरिया के बारे में अमरीका व यूरोप नहीं बल्कि सीरियाई राष्ट्र फ़ैसला करे

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सीरिया के बारे में अमरीका व यूरोप नहीं बल्कि सीरियाई राष्ट्र फ़ैसला करे

इस्लामी क्रांति के वरिष्ठ नेता ने मध्यपूर्व और अफ़्रीक़ा में सक्रिय आतंकियों को अमरीका, ब्रिटेन और ज़ायोनी शासन की गुप्तचर सेवाओं की उपज बताया है।

आयतुल्लाहिल उज़मा सैयद अली ख़ामेनेई ने रविवार की शाम घाना के राष्ट्रपति जान दरामानी माहामा से मुलाक़ात में कहा कि ईरान ने इस्लामी क्रांति की सफलता के बाद से ही अफ़्रीक़ी देशों के साथ सहयोग को अत्यधिक महत्व दिया है लेकिन वर्चस्ववादी शक्तियां, अफ़्रीक़ा के साथ ईरान के मज़बूत संबंधों की विरोधी हैं। उन्होंने कहा कि आज संसार में अधिकांश युद्धों और विवादों की ज़िम्मेदार वर्चस्ववादी शक्तियां हैं और वही आतंकियों का समर्थन भी करती हैं। वरिष्ठ नेता ने सीरिया में जनता की समस्याओं के बारे में घाना के राष्ट्रपति के बयान की ओर संकेत करते हुए कहा कि प्रश्न यह है कि आतंकी गुटों के पास इतना धन और हथियार कैसे पहुंच रहे हैं? उन्होंने कहा कि इन सभी समस्याओं की जड़ साम्राज्यवादी शक्तियां और सबसे बढ़ कर अमरीका है। आयतुल्लाहिल उज़मा ख़ामेनेई ने सीरिया के बारे में ईरान की नीति की ओर संकेत करते हुए कहा कि तेहरान आरंभ से ही इस देश में शांति स्थापना का पक्षधर रहा है और इस देश की जनता पर बाहर से कोई समाधान थोपा नहीं जा सकता। उन्होंने कहा कि अमरीका और यूरोप सीरिया की जनता के दायित्व का निर्धारण नहीं कर सकते बल्कि केवल इस देश की जनता ही सीरिया के भविष्य के बारे में फ़ैसला कर सकती है।

इस मुलाक़ात में घाना के राष्ट्रपति जान दरामानी माहामा ने कहा कि फ़िलिस्तीनी राष्ट्र की दुखद स्थिति ने सभी राष्ट्रों को चिंतित कर रखा है और हमें एक दूसरे के सहयोग से फ़िलिस्तीनी राष्ट्र के अधिकारों की रक्षा करनी चाहिए। उन्होंने आतंकवाद से गंभीर संघर्ष के लिए ईरान की सराहना की और आशा जताई कि इस संबंध में ईरान की प्रभावी भूमिका से सीरिया की समस्या का समाधान हो जाएगा।

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