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अमरीका पर बार बार ईरान के तमाचे पड़े हैं,

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अमरीका पर बार बार ईरान के तमाचे पड़े हैं,

तेहरान की केन्द्रीय नमाज़े जुमा के इमाम ने कहा कि पिछले वर्षों में अमरीका को ईरान से बार बार तमाचे खाने पड़े हैं।

तेहरान की केन्द्रीय नमाज़े जुमा के इमाम हुज्जतुल इस्लाम काज़िम सिद्दीक़ी ने नमाज़े जुमा के ख़ुतबों में कहा कि इस्लामी गणतंत्र ईरान को नुक़सान पहुंचाने के लिए अमरीका ने हमेशा साज़िश रची लेकिन अमरीका तथा उसके घटकों को बार बार ईरान से तमाचा खाना पड़ा है।

तेहरान की केन्द्रीय नमाज़े जुमा के इमाम ने कहा कि अमरीका, सऊदी अरब और उनके घटकों को यह ग़लतफ़हमी है कि दाइश का गठन करके, इराक़ी कुर्दिस्तान का संकट खड़ा करके, लेबनान में समस्या पैदा करके, इस्राईल से  लड़ने वाले प्रतिरोधक मोर्चे को कमज़ोर करके और इराक़ पर क़ब्ज़ा करके वह ईरान को अलग थलग कर ले जाएंगे लेकिन इस्लामी क्रान्ति के वरिष्ठ नेता की दूरदर्शिता और सूझबूझ की मदद से ईरान ने उनके मुंह पर तमाचा मारा है।

हुज्जतुल इस्लाम काज़िम सिद्दीक़ी ने इस्लामी क्रान्ति की सफलता की वर्षगांठ की बधाई दी और क्रान्ति की सफलता को एक चमत्कार बताते हुए कहा कि परमाणु, चिकित्सा, नैनो तकनीक सहित अनेक क्षेत्र में ईरान की आत्म निर्भरता इस्लामी क्रान्ति की बड़ी उपलब्धियां हैं।

तेहरान की केन्द्रीय नमाज़े जुमा के इमाम ने कहा कि इस्लामी क्रान्ति की सफलता से ईरान की जनता को खोया हुआ गौरव वापस मिला और विदेशियों के हाथों ईरान को लूटे जाने की प्रक्रिया पर अंकुश लगा।

ज्ञात रहे कि 11 फ़रवरी सन 1979 को इस्लामी क्रान्ति को विजय मिली थी जिसकी वर्षगांठ हर साल हर्षोउल्लास से मनाई जाती है।

 

 

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