Print this page

अमरीका, क्षेत्र से बोरिया बिस्तर बांध लेः वरिष्ठ नेता

Rate this item
(0 votes)
अमरीका, क्षेत्र से बोरिया बिस्तर बांध लेः वरिष्ठ नेता

इस्लामी क्रांति के वरिष्ठ नेता ने कहा है कि फ़ार्स की खाड़ी और पश्चिमी एशिया हमारा घर है और इस क्षेत्र से ईरान नहीं बल्कि अमरीका को निकलना होगा।

मई दिवस या श्रमिक दिवस के अंतर्राष्ट्रीय दिन के अवसर पर श्रमिकों और उद्योगपतियों की बड़ी संख्या ने सोमवार को इस्लामी क्रांति के वरिष्ठ नेता आयतुल्लाहिल उज़मा सैयद अली ख़ामेनेई से मुलाक़ात की। 

वरिष्ठ नेता ने इस मुलाक़ात में अपने संबोधन के दौरान मानवता के अंतिम मोक्षदाता हज़रत इमाम मेहदी (अ) के शुभ जन्म दिवस की बधाई पेश करते हुए कहा कि शाबान के महीने की विभूतियों से अधिक से अधिक लाभ उठाने की आवश्यकता है। 

वरिष्ठ नेता ने कहा कि 15 शाबान, दुनिया के निश्चित सुधार के लिए ईश्वर के अपरिहार्य वादे की शुभसूचना का इतिहास हैै और यह वह वचन है जिसमें कहा गया है कि हज़रत इमाम मेहदी के पवित्र हाथों से अत्याचार समाप्त होगा और दुनिया में न्याय और इंसाफ़ की स्थापना होगी। 

इस्लामी क्रांति के वरिष्ठ नेता ने अपने संबोधन में क्षेत्र में अमरीका की उपस्थिति के कारण जारी युद्ध और रक्तपात तथा अशांति व संकट का उल्लेख करते हुए कहा कि जिसको क्षेत्र से निकलना होगा वह इस्लामी गणतंत्र ईरान नहीं बल्कि अमरीका है और जैसा कि कुछ साल पहले भी मैंने कहा था कि मार कर भाग जाने का दौर अब ख़त्म हो गया है।

वरिष्ठ नेता ने अमरीका को संबोधित करते हुए कहा कि फ़ार्स की खाड़ी और पश्चिमी एशिया हमारा घर है किन्तु तुम यहां पराए हो और शैतानी लक्ष्यों की प्राप्ति और मतभेद पैदा करने के प्रयास में व्यस्त हो। इस्लामी क्रांति के वरिष्ठ नेता ने पश्चिमी एशिया में अमरीका की उपस्थिति के परिणाम में पाई जाने वाली अशांति और युद्ध व रक्तपात का हवाला देते हुए कहा कि यही कारण है कि इस क्षेत्र में अमरीका के पैर तोड़कर उसे पश्चिमी एशिया से निकाल बाहर करना चाहिए।

इस्लामी क्रांति के वरिष्ठ नेता ने कहा कि ईरान की स्वतंत्र और स्वाधीन व्यवस्था का मुक़ाबला करने के लिए अमरीका ने जो तरीक़ा अपना रखा है उनमें से एक यह है कि वह कुछ ना समझ सरकारों को उकसा कर क्षेत्र में युद्ध और रक्तपात का बाज़ार गर्म कर रहा है।

वरिष्ठ नेता ने कहा कि अमरीकियों का प्रयास है कि वह सऊदी सरकार और क्षेत्र के कुछ दूसरे देशों को उकसा कर उन्हें ईरान के मुक़ाबले में ला खड़ा करें किन्तु यदि यह देश बुद्धि रखते होंगे तो उन्हें अमरीका के धोखे में नहीं आना चाहिए। 

उन्होंने इस बात का उल्लेख करते हुए कि अमरीकियों का प्रयास है कि वह ईरान की शक्तिशाली जनता और मज़बूत तथा सक्षम इस्लामी व्यवस्था का मुक़ाबला करने की क़ीमत ख़ुद न चुकाएं बल्कि क्षेत्र की कुछ सरकारों के ज़िम्मे डाल दें, कहा कि यह सरकारें ईरान के मुक़ाबले पर आईं तो निश्चित रूप से उन्हें भारी नुक़सान उठाना पड़ेगा और बुरी तरह पराजित होंगी।

Read 1021 times