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न्यायालय ने रमज़ान में मुसलमानों के जल्दी कार्यालय छोड़ने के खिलाफ याचिका खारिज की

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न्यायालय ने रमज़ान में मुसलमानों के जल्दी कार्यालय छोड़ने के खिलाफ याचिका खारिज की

उच्चतम न्यायालय ने शुक्रवार को आंध्र प्रदेश और तेलंगाना सरकारों के उन फैसलों के खिलाफ याचिका पर सुनवाई करने से इनकार कर दिया, जिनमें रमजान के महीने के दौरान मुस्लिम कर्मचारियों को कार्यालय से एक घंटा पहले निकलने की अनुमति दी गई थी।

उच्चतम न्यायालय ने शुक्रवार को आंध्र प्रदेश और तेलंगाना सरकारों के उन फैसलों के खिलाफ याचिका पर सुनवाई करने से इनकार कर दिया, जिनमें रमजान के महीने के दौरान मुस्लिम कर्मचारियों को कार्यालय से एक घंटा पहले निकलने की अनुमति दी गई थी।

प्रधान न्यायाधीश (सीजेआई) संजीव खन्ना और न्यायमूर्ति संजय कुमार की पीठ ने याचिकाकर्ता से कहा कि वह अपनी शिकायत संबंधित उच्च न्यायालयों में ले जाएं।

याचिकाकर्ता की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता गोपाल शंकरनारायणन ने कहा कि याचिका में दोनों सरकारों के परिपत्रों को चुनौती दी गई है।

 

पीठ द्वारा याचिका की जांच करने में अनिच्छा दिखाने के बाद शंकरनारायणन ने संबंधित उच्च न्यायालयों में जाने की स्वतंत्रता के साथ याचिका वापस ले ली।

न्यायालय ने कहा,याचिकाकर्ता के वकील संविधान के अनुच्छेद 226 के तहत संबंधित उच्च न्यायालयों में जाने की स्वतंत्रता के साथ वर्तमान याचिका वापस लेने की अनुमति चाहते हैं।

इसने याचिकाकर्ता को अपनी शिकायत लेकर उच्च न्यायालय जाने की स्वतंत्रता प्रदान की।तेलंगाना सरकार ने एक परिपत्र जारी कर मुस्लिम कर्मचारियों को रमजान के दौरान एक घंटा पहले कार्यालय छोड़ने की अनुमति दी थी।

इसी प्रकार, तेलुगु देशम पार्टी (तेदेपा) के नेतृत्व वाली राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) सरकार ने भी रमजान के दौरान 2 मार्च से 30 मार्च तक आंध्र प्रदेश में सभी मुस्लिम कर्मचारियों को एक घंटा पहले कार्यालय छोड़ने की अनुमति दी।

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