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तालिबान का दावा/अफ़ग़ानिस्तान में महिलाएं पूरी तरह सुरक्षित

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तालिबान का दावा/अफ़ग़ानिस्तान में महिलाएं पूरी तरह सुरक्षित

तालिबान का कहना है कि उनके नियंत्रण वाले अफ़ग़ानिस्तान में महिलाएं शारीरिक और मानसिक रूप से पूरी तरह सुरक्षित हैं और उनके खिलाफ किसी भी तरह की हिंसा नही हुई हैं।

तालिबान के उप प्रवक्ता हामिदुल्लाह फ़ितरत ने शनिवार (18 हुत, 8 मार्च – अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस) को अपने एक्स (पूर्व में ट्विटर) अकाउंट पर लिखा कि महिलाओं की इज्जत, गरिमा और उनके धार्मिक अधिकारों की रक्षा इस्लामी अमीरात की प्राथमिकता है। उन्होंने दावा किया कि अफ़ग़ान महिलाएं पूरी सुरक्षा में हैं और किसी भी तरह की हिंसा से मुक्त जीवन जी रही हैं।

तालिबान प्रवक्ता ने यह भी कहा कि कोई भी व्यक्ति महिलाओं के अधिकारों का हनन नहीं कर सकता और न ही उन्हें अपमानित कर सकता है। उनके मुताबिक, तालिबान की अदालतें और अन्य संबंधित संस्थाएं इस बात को सुनिश्चित करने के लिए काम कर रही हैं कि महिलाओं को उनके विवाह, दहेज, संपत्ति और अन्य धार्मिक अधिकार मिलें और इनकी निगरानी और सुरक्षा की जाए।

उन्होंने आगे कहा कि अफ़ग़ान महिलाओं के अधिकार इस्लामी शरीयत, अफ़ग़ानी संस्कृति और परंपराओं के अनुसार सुनिश्चित किए गए हैं। साथ ही, उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि अफ़ग़ान समाज एक इस्लामी समाज है, जो पश्चिमी समाज और उसकी संस्कृति से पूरी तरह अलग है।

हालांकि, हकीकत इसके विपरीत है। तालिबान के शासन के तहत अफ़ग़ानिस्तान में महिलाओं को उनके मौलिक अधिकारों से वंचित कर दिया गया है। उन्हें शिक्षा और काम करने के अधिकार से भी वंचित कर दिया गया है, जो कि न केवल शरीयत की व्याख्या बल्कि अंतरराष्ट्रीय क़ानूनों के भी खिलाफ़ है।

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