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हम राहे खिदमत को दृढ़ता के साथ जारी रखेंगें

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हम राहे खिदमत को दृढ़ता के साथ जारी रखेंगें

हौज़ा ए इल्मिया के प्रबंधन केंद्र ने आयतुल्लाह सैयद इब्राहीम रईसी और उनके साथियों की पहली बरसी के अवसर पर जारी अपने बयान में इन शहीदों की स्मृति को श्रद्धांजलि अर्पित की है।

हौज़ा ए इल्मिया के प्रबंधन केंद्र ने आयतुल्लाह सैयद इब्राहीम रईसी और उनके साथियों की पहली बरसी के अवसर पर जारी अपने बयान में इन शहीदों की याद को श्रद्धा और सम्मान के साथ नमन किया है।

बयान के मजमून में सूरह अहज़ाब की आयत "مِنَ الْمُؤْمِنِینَ رِجَالٌ صَدَقُوا مَا عَاهَدُوا اللَّهَ عَلَيْهِ..मुमिनों में कुछ ऐसे लोग हैं जिन्होंने अल्लाह से किए गए वादे को सच्चाई से निभाया... का हवाला देते हुए कहा गया है,एक वर्ष बीत गया उस जांबाज़ (मर्द-ए-मुजाहिद) की शहादत को, जिसने अपना जीवन इस्लाम, इंकलाब और राष्ट्र की सेवा के लिए समर्पित कर दिया था एक ऐसी शख्सियत, जो बेमिसाल इख़लास और चमकदार गुणों के साथ ईरान के नाम को बुलंद करने तथा ईरानी जनता की इज़्ज़त और सम्मान को मज़बूती से आगे बढ़ाने के लिए संकल्पबद्ध थी।

प्रबंधन केंद्र ने शहीद आयतुल्लाह सैयद इब्राहीम रईसी को सेवा का एक उत्कृष्ट आदर्श करार दिया है, चाहे वह न्यायपालिका का नेतृत्व रहा हो, आस्ताने क़ुद्स रिज़वी की प्रबंधन, या फिर उनकी छोटी लेकिन प्रभावशाली राष्ट्रपति कार्यकाल हर एक चरण उनकी सेवा, ईमानदारी और विनम्रता की गवाही देता है।

बयान में आगे कहा गया है,वे स्वयं को इस्लामी व्यवस्था का एक साधारण सिपाही मानते थे और अंततः इसी राह में उन्होंने शहादत का जाम पिया।

हौज़ा ए इल्मिया के प्रबंधन केंद्र ने अन्य शहीदों का भी उल्लेख किया, जिनमें शहीद इमामे जुमआ तबरीज़ आयतुल्लाह आल हाशिम, विदेश मंत्री हुसैन अमीर अब्दुल्लाहियान, और उनके अन्य साथी शामिल हैं।

अंत में, केंद्र ने देश के सभी ज़िम्मेदार व्यक्तियों और जनता से अपील की कि वे इन शहीदों के मार्ग को जो इस्लाम, क्रांति और राष्ट्र की सेवा का रास्ता है आशा और दृढ़ता के साथ जारी रखें।

 

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