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करगिल में शिया उलेमा असेंबली की अहम बैठक;एकता और इस्लाह पर ज़ोर

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करगिल में शिया उलेमा असेंबली की अहम बैठक;एकता और इस्लाह पर ज़ोर

करगिल में आयोजित शिया उलेमा असेंबली की बैठक में देश के प्रमुख धर्मगुरुओं और सामाजिक नेताओं ने समुदाय की एकता, धार्मिक प्रशिक्षण और जन समस्याओं के समाधान के लिए साझा रणनीति अपनाने पर सहमति जताई।

शिया उलेमा असेंबली हिंदुस्तान की एक महत्वपूर्ण बैठक लद्दाख के शहर करगिल में आयोजित हुई। इसमें मौलाना ग़ुलाम रसूल कश्मीरी, मौलाना जवाद हैदर जौदी, मौलाना बाक़िर फ़ैय्यज़ हुसैनी सहित देश भर के प्रमुख उलेमा, मज़हबी रहनुमा और सामाजिक कार्यकर्ता शामिल हुए।

बैठक का मुख्य उद्देश्य मौजूदा मज़हबी और सामाजिक हालात पर चर्चा करना, समुदाय की इस्लाह व भलाई के लिए साझा रणनीति बनाना, और नई पीढ़ी की दीन की तालीम व तरबियत पर ज़ोर देना था।

उलेमाओं ने अपने भाषणों में मुसलमानों के बीच एकता, दीन की तालीम के फ़रोग और समाजिक चुनौतियों से निपटने के लिए एकजुट होकर काम करने की ज़रूरत पर ज़ोर दिया।

बैठक के अंत में एक साझा बयान भी जारी किया गया जिसमें समुदाय की एकता, फ़िरक़ावाराना हमआहंगी और जन समस्याओं के समाधान के लिए साझा कोशिशों को तेज़ करने की घोषणा की गई।

बैठक में स्थानीय प्रशासन और अन्य संबंधित संस्थाओं के साथ बेहतर तालमेल और सहयोग बढ़ाने पर भी ज़ोर दिया गया ताकि जन-कल्याण की योजनाओं को प्रभावी ढंग से अमल में लाया जा सके।

 

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