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इज़राइल के साथ युद्ध एक सभ्यतागत और सर्वव्यापी युद्ध है

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इज़राइल के साथ युद्ध एक सभ्यतागत और सर्वव्यापी युद्ध है

 लेबनान की उच्च इस्लामी शिया परिषद के उप प्रमुख, शेख़ अली खतीब ने शहर लबाया की हुसैनिया में नगरपालिका द्वारा आयोजित एक समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि लेबनान एक ऐसा समाज है जो फिरकों और मज़हबों की विविधता के बावजूद एकजुट है और इसका रुख इज़राइल जैसे वहशी दुश्मन के मुकाबले में हमेशा एकता और एकजुटता पर आधारित रहना चाहिए।

लेबनान की उच्च इस्लामी शिया परिषद के उप प्रमुख शेख़ अली अलखतीब ने शहर लबाया की हुसैनिया में नगरपालिका द्वारा आयोजित एक समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि,लेबनान एक ऐसा समाज है जो विभिन्न धार्मिक समुदायों और मज़हबों की विविधता के बावजूद एकजुट है और इसका रुख इज़राइल जैसे दरिंदे-दुश्मन के खिलाफ हमेशा एकता और एकजुटता पर आधारित रहना चाहिए।

शेख अल-खतीब ने कहा कि प्रतिरोध के जवानों ने इज़राइल की आक्रमणकारी हरकतों का मुकाबला किया लेबनान को सुरक्षित बनाया और उसके उद्देश्य को विफल कर दिया। दुश्मन सोचता था कि वह लेबनान को हरा सकता है, लेकिन जब वह कफ़र क़ला, और अलजबल सहित अन्य सीमावर्ती इलाकों में मुजाहिदीन के सामने आया तो यह स्पष्ट हो गया कि वह लेबनान की धरती पर एक इंच भी आगे नहीं बढ़ सकता।

उन्होंने कहा कि लेबनान के भीतर कुछ तत्वों ने प्रतिरोध पर दबाव डालने और उसे निर्बल करने की कोशिश करके दुश्मन के मकसद पूरे करने का प्रयास किया लेकिन ज़मीनी हक़ीक़तों ने साबित किया कि प्रतिरोध न तो सैन्य रूप से और न ही मानसिक रूप से हार गया है। इसका जन समर्थन मजबूत बना हुआ है और जब तक प्रतिरोध कायम रहेगा लेबनान को हराया नहीं जा सकता।

शेख अल-खतीब ने उन दावों को निराधार करार दिया जो ईरान और प्रतिरोध को अरब दुनिया के लिए खतरा बताकर पेश करते हैं और कहा कि असली खतरा इज़राइल और उसके समर्थक देशों से है। उन्होंने इस बात की भी आलोचना की कि कुछ लोग अमेरिका के समर्थन या कूटनीति पर भरोसा करते हैं, लेकिन आज इज़राइल ने खुद खाड़ी क्षेत्र और दोहा को निशाना बनाया है तो यह समर्थन कहां गया?

उन्होंने कहा कि दुश्मन का मकसद अरब दुनिया को आंतरिक गृहयुद्धों में उलझाना और उसे छोटे-छोटे संप्रदायवादी देशों में बाँटना है, लेकिन अनुभव यह बताता है कि असली सुरक्षा केवल उम्मत के बच्चों के एकता और पारस्परिक सहयोग से संभव है।

लेबनान की उच्च इस्लामी शिया परिषद के उप प्रमुख ने जोर देते हुए कहा कि इज़राइल के साथ युद्ध केवल जमीन या हितों का संघर्ष नहीं है, बल्कि यह एक सभ्यतागत और सर्वव्यापी युद्ध है जो विचार, संस्कृति, मूल्यों, इतिहास और परिवार के बचाव पर आधारित है। गाजा में इज़राइल द्वारा किया गया नरसंहार, अकाल और तबाही दरअसल पश्चिमी सभ्यता की हकीकत को उजागर करता है।

उन्होंने कहा कि प्रतिरोध ने इसलिए सफलता हासिल की क्योंकि उसने इस युद्ध की असली प्रकृति को समझा। यह सिर्फ भौतिक ताकत के संतुलन पर आधारित सैन्य टकराव नहीं है, बल्कि यह इच्छा और संस्कृति की लड़ाई है। इसी वजह से उसने दुश्मन की योजनाओं को नाकाम किया और उसे जमीन पर कब्जा करने से रोका।

शेख अल-खतीब ने कहा कि यह युद्ध अभी खत्म नहीं हुआ है, बल्कि यह एक जारी सभ्यतागत युद्ध है जिसमें धैर्य और मजबूती की जरूरत है। अंत में उन्होंने कहा कि उम्मीद नई पीढ़ी से है, जो प्रतिरोध और सफलता की संस्कृति में पली-बढ़ी है, और कल उन्हीं के हाथों लेबनान, फिलिस्तीन और पूरी उम्मत की इज़्ज़त और गौरव का झंडा बुलंद होगा।

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