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ईमान और अमल के लिहाज़ से जो मज़बूत होगा, वही क़यामत के दिन आगे होगा

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ईमान और अमल के लिहाज़ से जो मज़बूत होगा, वही क़यामत के दिन आगे होगा

खोजा शिया अशना अशरी जामा मस्जिद पाला गली में मौलाना सैयद अहमद अली आबिदी ने जुमआ के खुतबे में बयान करते हुए कहा कि ईमान और अमल के लिहाज़ से जो मज़बूत होगा, वही क़यामत के दिन आगे होगा। उन्होंने कहा कि क़यामत के दिन जनाब सैय्यदा स.ल. की अज़मत और शान बेमिसाल होगी।

खोजा शिया अशना अशरी जामा मस्जिद पाला गली में नमाज़-ए-जुमआ हुज्जतुल इस्लाम वाल मुस्लिमीन मौलाना सैयद अहमद अली आबिदी की इक़्तिदा में अदा की गई। उन्होंने खुत्बे नें कहा, ईमान और अमल के आधार पर जो इंसान मज़बूत होगा, वही क़ियामत के दिन आगे रहेगा।उन्होंने कहा कि क़ियामत के दिन जनाब सैय्यदा फ़ातिमा ज़हरा (स.अ.) की महानता और शान बेमिसाल होगी।

मौलाना आबिदी ने कहा कि अल्लाह के यहाँ न तो कोई पक्षपात है और न ही कोई पार्टीबाज़ी वहाँ केवल ईमान और अमल की क़ीमत है। इसलिए जो अपने ईमान और अमल में मज़बूत होगा, वही अल्लाह के दरबार में ऊँचा दर्जा पाएगा।

उन्होंने जनाब फ़ातिमा ज़हेरा (स.अ.) की अज़ादारी की अहमियत और ज़रूरत पर ज़ोर देते हुए कहा कि अज़ादारी करने वालों की कद्र करनी चाहिए और ज़्यादा से ज़्यादा अज़ादारी में हिस्सा लेना चाहिए।

मौलाना ने कहा कि क़ियामत के दिन जो मक़ाम और इज़्ज़त अल्लाह तआला ने जनाब फ़ातिमा ज़हरा (स.अ.) को अता की है, वह किसी और को नहीं दी गई, क्योंकि ईमान और अमल के लिहाज़ से कोई भी उनके बराबर नहीं है।

उन्होंने लोगों से अपील की कि आने वाले दिनों में जनाब फ़ातिमा ज़हरा (स.अ.) की मजलिसों में उनकी सीरत को ज़्यादा से ज़्यादा बयान किया जाए और इस तरह बयान किया जाए कि वह बातें हमारे घरों में अमल के क़ाबिल बनें।

मौलाना सैयद अहमद अली आबिदी ने आज के दौर में तलाक़ की बढ़ती दर और घरेलू झगड़ों का ज़िक्र करते हुए कहा कि हम सैय्यदा ज़हेरा (स.अ.) का ज़िक्र तो करते हैं, लेकिन फ़ातिमी तहज़ीब पर अमल नहीं करते, बल्कि पश्चिमी संस्कृति को अपनाए हुए हैं, इसी वजह से हमारे घरों में मतभेद और समस्याएँ बढ़ रही हैं।

उन्होंने स्पष्ट किया कि हमारा मतलब यह नहीं है कि आप उनसे बिल्कुल दूर रहें आप विज्ञान और तकनीक के क्षेत्र में उनसे क़दम से क़दम मिलाकर चलें, लेकिन अख़लाक़  और तहज़ीब के मामलों में इस्लाम के साथ रहें।

 

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