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महिलाओं की सही पहचान ही सालेह नस्ल के पालन-पोषण और इस्लामी समाज की प्रगति की मूल आधारशिला है

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महिलाओं की सही पहचान ही सालेह नस्ल के पालन-पोषण और इस्लामी समाज की प्रगति की मूल आधारशिला है

मदरसा ए इल्मिया रेहाना अर रसूल (स.ल.व.), तेहरान में सांस्कृतिक कार्यक्रम गौहर शाद का आयोजन किया गया।

मदरसा ए इल्मिया रेहाना अर रसूल (स.ल.व.), तेहरान में सांस्कृतिक कार्यक्रम गौहर शाद का आयोजन किया गया। उक्त सांस्कृतिक कार्यक्रम के प्रारंभिक भाग में आज़मुस्सादात काज़मी ने हिजाब और शालीनता के विषय पर बात करते हुए कहा,हिजाब एक मूल्यवान मोती के समान है जो मुस्लिम महिला की गरिमा और व्यक्तित्व की सुरक्षा में अद्वितीय भूमिका निभाता है।

मदरसा ए इल्मिया रेहाना अररसूल (स.ल.) में सांस्कृतिक मामलों की प्रभारी महोदया ज़हेरा अर्दबीली ने ब्रह्मांड प्रणाली में महिला के अस्तित्व के महत्व और स्थान को व्यक्त करते हुए कहा, महिला की दैवीय पैग़म्बरी और उसके उच्च स्थान की सही पहचान ही सदाचारी संतान के पालन-पोषण और इस्लामी समाज की वास्तविक प्रगति की आधारशिला है।

रिपोर्ट के अनुसार कार्यक्रम के एक भाग में इस्लामी दृष्टिकोण से सुंदरता और उसकी विशेषताओं का विश्लेषण प्रस्तुत किया गया। इस अवसर पर प्रस्तुत शोध के अनुसार, वर्तमान समय में कुछ महिलाओं द्वारा अनुचित जीवनशैली अपनाने का एक महत्वपूर्ण कारण इस्लामी सौंदर्यशास्त्र की वास्तविक अवधारणाओं से अनभिज्ञता है।

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