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क्यों सूडान बना इस्राईली और अमीराती दज्ज़ालों का नया निशाना?

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क्यों सूडान बना इस्राईली और अमीराती दज्ज़ालों का नया निशाना?

सूडान आख़िर आतंकी इस्राईली शासन का निशाना क्यों है, जबकि वह अपनी छवि बचाने के लिए इस्राईली दज्ज़ाली शैतानों का प्यादा, मिनी अमीराती दज्जाल बिन ज़ायेद, (UAE) को सामने रखता है जो ख़ुद अब एक क़ब्ज़ाधारी शैतान बन गया हैं।

इस्राईली दज्ज़ाली शैतानों का प्यादा, मिनी अमीराती दज्जाल बिन ज़ायेद, (UAE) को सामने रखता है जो ख़ुद अब एक क़ब्ज़ाधारी शैतान बन गया हैं।

यहाँ सूडान के आधिकारिक आँकड़े हैं जो दिखाते हैं कि यह देश प्राकृतिक संसाधनों के लिहाज़ से दुनिया के सबसे अमीर देशों में से एक है और जो कुछ ज़मीनों में छिपा है, वह इससे भी बड़ा है।

200 मिलियन एकड़ ज़मीन खेती योग्य है, लेकिन फिलहाल सिर्फ़ 64 मिलियन एकड़ पर ही खेती होती है।

115 मिलियन एकड़ प्राकृतिक चरागाह (पशु चरने की भूमि) है।

हर साल 400 अरब घन मीटर (400 बिलियन m³) वर्षा जल गिरता है।

सूडान के पास दुनिया की छठी सबसे बड़ी पशुधन संपत्ति है 13 करोड़ (130 मिलियन) से ज़ियादा पशु हैं।

हर साल 42 हज़ार टन मछलियों का उत्पादन होता है।

सोने का भंडार अनुमानितः 1550 टन है।

अफ्रीका में तीसरा सबसे बड़ा सोना उत्पादक देश है 93 टन सालाना उत्पादन के साथ।

चाँदी का भंडार लगभग 1500 टन है।

तांबे (कॉपर) का भंडार 50 लाख टन (5 मिलियन टन) है।

यूरेनियम का भंडार 14 लाख टन (1.4 मिलियन टन) है।

सूडान दुनिया के अरबी गोंद (Gum Arabic) उत्पादन का 80% हिस्सा रखता है यह 180 से ज़ियादा उद्योगों (खाद्य, दवा आदि) में इस्तेमाल होता है।
लेकिन हर साल इसका 70% हिस्सा स्थानीय और विदेशी कंपनियों द्वारा तस्करी या क़ब्ज़े में ले लिया जाता है।

यह दुनिया के सफ़ेद तिल (white sesame) उत्पादन का 39% और लाल तिल (red sesame) का 23% पैदा करता है।

इन्हीं तमाम संसाधनों पर क़ब्ज़ा जमाने के लिए सूडान में शैतानों का जमावड़ा लगा हुआ हैं।

लेखक: तौसिफ शीरानी

 

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