आयतुल्लाह केरमानी ने कहा है कि ईरान की इस्लामी क्रांति, स्वर्गीय इमाम ख़ुमैनी की दूरदर्शिता का परिणाम है।
जुमे की नमाज़ के अपने भाषण में आयतुल्लाह मुहम्मद अली मोवह्हेदी किरमानी ने इमाम ख़ुमैनी की दूरदर्शिता पर बल देते हुए कहा कि उन्होंने ईरानी जनता का उचित मार्गदर्शन करते हुए अमरीका समर्थित शाह सरकार का तख़्ता पलट दिया। उन्होंने साथ ही इस्लामी क्रांति के वरिष्ठ नेता आयतुल्लाहिल उज़्मा सैयद अली ख़ामेनेई के दूरदर्शितापूर्ण नेतृत्व की ओर संकेत करते हुए कहा कि यह एक महान उपलब्धि है कि स्वर्गीय इमाम ख़ुमैनी के पश्चात इमाम के आन्दोलन का नेतृत्व वरिष्ठ नेता ने संभाला। अपने संबोधन के एक भाग में आयतुल्लाह केरमानी ने कहा कि गुट पांच धन एक की वार्ता में इस्लामी सम्मान और ईरानी जनता के अधिकारों को सुरक्षित रखा जाए। उन्होंने गुट पांच धन एक की वार्ता के बारे में कहा कि इस संदर्भ में वरिष्ठ नेता का कहना है कि वार्ता में पश्चिम से अधिक आशा नहीं रखनी चाहिए और देश की आर्थिक समस्याओं के समाधाना में देश की भीतरी क्षमताओं से लाभ उठाया जाए। आयतुल्लाह केरमानी ने इराक़ के सामर्रा नगर पर दाइश नामक आतंकवादी गुट के आक्रमण के बारे में कहा कि शत्रु हर समय इराक़ को क्षति पहुंचाने के लिए प्रयासरत है एसे में इराक़ी राष्ट्र को बहुत होशियार रहने की आवश्यकता है।
उन्होंने सीरिया के चुनाव की ओर संकेत करते हुए कहा कि इस देश की जनता ने चुनावों में बढ़चढ कर भाग लेकर यह दर्शा दिया कि वह हर प्रकार के षडयंत्रों और आक्रमणों के मुक़ाबले में डटी हुई है। आयतुल्लाह केरमानी ने कहा कि सीरिया के राष्ट्रपति चुनाव के परिणामों ने अमरीका और उसके घटकों को निराश कर दिया। उन्होंने कहा कि अब अमरीका को पता चल गया है कि सीरिया की जनता को धोखा देकर इस देश पर वर्चस्व स्थापित नहीं किया जा सकता।