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इराक़ के शत्रु स्वयंसेवी सेना को मंच पर नहीं देखना चाहते

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इराक़ के शत्रु स्वयंसेवी सेना को मंच पर नहीं देखना चाहते

इस्लामी क्रांति के वरिष्ठ नेता ने कहा है कि इराक़ के शत्रु भव्य स्वयंसेवी सेना को मंच पर नहीं देखना चाहते।

आयतुल्लाहिल उज़मा सैयद अली ख़ामेनेई ने बुधवार को इराक़ के प्रधानमंत्री हैदर अलएबादी से मुलाक़ात में इराक़ की राजनैतिक व राष्ट्रीय एकता की रक्षा के लिए चेतना को अत्यंत आवश्यक बताया और आतंकियों से संघर्ष में इराक़ी युवाओं के शौर्य, साहस व संकल्प की ओर संकेत करते हुए कहा कि जन सेना की अपार क्षमताएं, विभिन्न क्षेत्रों में इराक़ के भविष्य व विकास के लिए बहुत लाभदायक एवं प्रभावी होंगी। उन्होंने इराक़ में आतंकियों की उपस्थिति को एक गुज़र जाने वाली घटना बताया और कहा कि स्वयंसेवी जन सेना की महान पूंजी, विभिन्न क्षेत्रों और रणक्षेत्र से इतर भी एक भरोसे योग्य स्रोत है। वरिष्ठ नेता ने कहा कि अतीत में ब्रिटिश साम्राज्य और इस समय अमरीकियों के विस्तारवाद के संबंध में इराक़ी जनता के अनुभव य दर्शाते हैं कि इराक़ी राष्ट्र का बुरा चाहने वाले कभी भी भव्य स्वयंसेवी सेना के मंच पर आने के इच्छुक नहीं हैं अतः इस जनपूंजी की रक्षा की जानी चाहिए। आयतुल्लाहिल उज़मा सैयद अली ख़ामेनेई ने कहा कि इस्लामी गणतंत्र ईरान, इराक़ के क्रांतिकारी व संघर्षकर्ता गुटों के बीच एकता का समर्थन करता है और इराक़ी जनता व अधिकारियों को बाहरी शक्तियों की फूट डालने वाली चालों की ओर से सचेत रहना चाहिए।

इस मुलाक़ात में इराक़ के प्रधानमंत्री हैदर अलएबादी ने ईरान की ओर से इराक़ के निरंतर समर्थन और दोनों देशों के बीच सहयोग को तेहरान व बग़दाद के गहरे संबंधों का सूचक बताया और कहा कि इराक़ के शत्रुओं ने धार्मिक व जातीय मतभेद भड़काने पर अपने सभी प्रयास केंद्रित कर रखे हैं किंतु इराक़ी जनता व सरकार, इन षड्यंत्रों का मुक़ाबला करने और राष्ट्रीय एकता की रक्षा करने का संकल्प रखती है।

 

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