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ईरान की संसद मजलिसे शूराए इस्लामी में पारसी समुदाय की प्रतिनिधि ने हिज़्बुल्लाह के शहीद महासचिवसय्यद हसन नसरुल्लाह को श्रद्धांजलि देते हुए कहा: अमेरिकी सरकार पर भरोसा नहीं किया जा सकता।

बेहशीद बरख़ुरदार ने जो ईरान की मजलिस में पारसी समुदायकी प्रतिनिधि हैं तेहरान में इस सप्ताह आयोजित एकेश्वरवादी धर्मों के नेताओं की बैठक में शहीद सय्यद हसन नसरुल्लाह को श्रद्धांजलि देते हुए कहा: ईरान सभी ज़ालिमों के ख़िलाफ़ रेज़िस्टेंस औरदृढ़ता का प्रतीक है। बरख़ुरदार ने आगे कहा: सभी देशों और सरकारों को यह समझना चाहिए कि अमेरिका की मुजरेमाना साज़िश इस तरह की है कि पश्चिमी एशिया का कोई भी देश जाली रेजीम इजरायल औरउसके द्वारा प्रशिक्षित आतंकवादियों की दुष्टता से सुरक्षित नहीं रहेगा।

उन्होंने कहा कि अमेरिकी सरकार पर भरोसा नहीं किया जा सकता, यह आवश्यक है कि सभी एकेश्वरवादी धर्म और दुनियाके सभी स्वतंत्रता प्रेमी वैश्विक साम्राज्यवाद के आतंकी एजेंटों के इन अमानवीय और क्रूर अपराधों के खिलाफ खड़े हों और शांति, सुरक्षा और शांतिपूर्ण जीवनको बहाल करने के लिए मज़लूमों के अधिकारों की रक्षा करें।

ईरान की संसद में ईसाई प्रतिनिधि:

ईरान के खिलाफ धमकियां बेअसर हैं। रॉबर्ट बेगलरियान ने इस बैठकमें कहा कि ईरान का 5000 साल पुराना इतिहास इस बहादुर राष्ट्र की ताक़त और महानता की गवाही देता है। बेगलरियान ने कहा कि ईरान के खिलाफ धमकियां बेअसर हैं, और हम पूरी तरह से अन्याय, साम्राज्यवाद, आक्रमण और दबाव के ख़िलाफ़डटे हुए हैं, और 8 साल का तक चलने वाला युद्ध इसका सबूत है। ईरान की मजलिस में आर्मेनियाई ईसाई समुदाय के प्रतिनिधि ने हिज़्बुल्लाहके शहीद महासचिव "सय्यद हसन नसरुल्लाह" के व्यक्तित्व की प्रशंसा करते हुए कहा: शहीद नसरुल्लाह सभी धर्मों,जातियों और विचारधाराओं के साथ, चाहे वे शिया हों, सुन्नी हों, ईसाई हों या अन्य धर्मों के लोग हों,दयालुता, सौहार्द और रचनात्मक संवादमें शामिल रहे और उनके ध्यान का केंद्र थे। उन्होंने आगे कहा: यक़ीनन सय्यद हसन नसरुल्लाह का नाम दुनिया के महापुरुषों और स्वतंत्रता प्रेमियों में लिखा जाएगा।

 

 

 

अमेरिकी सीनेटर बर्नी सैंडर्स ने देश में बढ़ती आर्थिक पर गंभीर चिंता जताई है उन्होंने कहा कि इतिहास में पहली बार अमीरों ने इतनी शानदार और सुनहरी अवधि देखी है लेकिन इसके विपरीत अमेरिका के मेहनतकश परिवार, खासतौर पर वर्मोंट नेब्रास्का और अन्य राज्यों में अपनी बुनियादी जरूरतों को पूरा करने के लिए संघर्ष कर रहे हैं।

आयतुल्लाह जावादी आमोली ने तफ़सीर तस्नीम के अनावरण समारोह में बोलते हुए कहा कि शहीद सय्यद हसन नसरूल्लाह की महानता और सफलता का रहस्य पवित्र कुरआन और अहले-बैत (अ) के प्रति उनकी गहरी प्रतिबद्धता थी। सफलता का मार्ग उन सभी के लिए खुला है जो कुरआन और इतरत का अनुसरण करते हैं।

ग्रैंड अयातुल्ला जावादी अमोली ने तफ़सीर तस्नीम के अनावरण समारोह में बोलते हुए कहा कि शहीद सैय्यद हसन नसरल्लाह की महानता और सफलता का रहस्य पवित्र कुरान और अहल अल-बैत (एएस) के प्रति उनकी गहरी प्रतिबद्धता थी। सफलता का मार्ग उन सभी के लिए खुला है जो कुरान और वंश का अनुसरण करते हैं।

इस अवसर पर आयतुल्लाह जावादी आमोली ने चार दशकों में तफ़सीर तस्नीम के संकलन के चरणों का भी विस्तार से वर्णन किया। उन्होंने कहा कि यह टिप्पणी क़ोम सेमिनरी का एक महान विद्वत्तापूर्ण प्रयास है। ज्ञान और बुद्धि के महत्व पर जोर देते हुए उन्होंने कहा कि अज्ञानता को दूर करना महत्वपूर्ण है, लेकिन वास्तविक लक्ष्य बुद्धि और नेतृत्व को जीवित रखना है।

उन्होंने कहा कि इमामत की व्यवस्था वह आधार है जो ज्ञान और बुद्धि को जीवित रखती है। अयातुल्ला जावादी अमोली ने इमाम खुमैनी (र) की सेवाओं की प्रशंसा की और कहा कि उन्होंने न केवल राजशाही को समाप्त किया बल्कि इमामत और उम्माह की एक मजबूत व्यवस्था भी स्थापित की।

क़ुम में शहीद नसरूल्लाह के छात्र जीवन को याद करते हुए उन्होंने कहा कि हसन नसरूल्लाह ने कुरआन की शिक्षाओं को अपने जीवन का केंद्र बनाया, जिससे उन्हें दुनिया में एक महान स्थान प्राप्त हुआ। उन्होंने आगे कहा कि पवित्र कुरान एक असाधारण पुस्तक है जो मनुष्य को उच्च स्तर तक उठा सकती है।

समारोह के अंत में, आयतुल्लाह जावादी अमोली ने क्रांति के सर्वोच्च नेता, महान धार्मिक अधिकारियों, विद्वानों, गणमान्य व्यक्तियों और सभी प्रतिभागियों को धन्यवाद दिया।

लेबनान की राजधानी बेरूत में सितंबर 2024 में इज़रायली हमले में शहीद हुए हिज़्बुल्लाह के महासचिव हसन नसरुल्लाह के जनाज़े में शामिल होने के लिए लाखों लोग बेरूत के एक स्टेडियम में जमा हुए अलजज़ीरा’ की रिपोर्ट के मुताबिक़, इस जनाज़े में शामिल होने के लिए लेबनान और विदेश से कई पुरुष महिलाएं और बच्चे पैदल चलकर पहुंचे।

लेबनान की राजधानी बेरूत में सितंबर 2024 में ज़ायोनी हमले में शहीद हुए हिज़्बुल्लाह के महासचिव हसन नसरुल्लाह के अंतिम संस्कार में शामिल होने के लिए लाखों लोग बेरूत के एक स्टेडियम में जमा हुए अलजज़ीरा’ की रिपोर्ट के मुताबिक़, इस अंतिम संस्कार में शामिल होने के लिए लेबनान और विदेश से कई पुरुष महिलाएं और बच्चे पैदल चलकर पहुंचे।

इससे पहले हिज़्बुल्लाह के वरिष्ठ अधिकारी अली दामूश ने पत्रकारों को बताया था कि अंतिम संस्कार में दुनिया भर से हजारों कार्यकर्ताओं के अलावा 65 देशों से लगभग 800 प्रमुख हस्तियों ने शिरकत की इस मौके पर हिज़्बुल्लाह के मौजूदा प्रमुख शेख़ नईम क़ासिम ने कहा कि मुक़ावमत समाप्त नहीं हुआ है हिज़्बुल्लाह अब भी मज़बूत है।

बेरूत में शहीद हसन नसरुल्लाह की अंतिम यात्रा के दौरान जनसभा को संबोधित करते हुए नईम क़ासिम ने कहा,प्रतिरोध अब भी इजरायल का सामना करने के लिए तैयार है। अत्याचारी इज़रायल और अमेरिका का हमारे देश पर क़ब्ज़ा हमें मंज़ूर नहीं। ज़ायोनी और अमेरिका जो चीज़ें जंग से हासिल नहीं कर सका वह राजनीति से भी नहीं कर सकते हम हसन नसरुल्लाह के रास्ते पर चलेंगे और उनकी जंग जारी रहेगी।

हिज़्बुल्लाह के मौजूदा प्रमुख नईम क़ासिम ने कहा था कि इज़रायल और हिज़्बुल्लाह के बीच जारी भीषण जंग की वजह से सुरक्षा हालात के चलते बीते दो महीनों तक शहीद हसन नसरुल्लाह को दफ़्न नहीं किया जा सका था, लेकिन अब हालात सामान्य हो गए हैं, इसलिए हिज़्बुल्लाह ने 23 फरवरी को हसन नसरुल्लाह के जनाज़े का बड़ा सार्वजनिक कार्यक्रम आयोजित करने का फैसला किया था।

 

फिलिस्तीन और ग़ाज़ा की प्रतिरोध समितियों ने घोषणा की कि, आज फिलिस्तीन और ग़ाज़ा में हमारे दिल ग़म से भरे हुए हैं और हमारी आत्मा दुखी है, क्योंकि हमारे महान शहीद, सैयद हसन नसरुल्लाह उम्मत के लिए एक ढाल और अत्याचार, साम्राज्यवाद और मज़लूम के खिलाफ एक तलवार थे।

फिलिस्तीन और ग़ाज़ा की प्रतिरोध समितियों ने घोषणा की कि, आज फिलिस्तीन और ग़ाज़ा में हमारे दिल ग़म से भरे हुए हैं और हमारी आत्मा दुखी है, क्योंकि हमारे महान शहीद, सैयद हसन नसरुल्लाह उम्मत के लिए एक ढाल और अत्याचार, साम्राज्यवाद और वैश्विक उत्पीड़न के खिलाफ एक तलवार थे।

वह साहस और बलिदान के प्रतीक थे और उन्होंने हमें धर्म, भूमि, परिवार और मातृभूमि की रक्षा करने की धरोहर दी, जो उनके महान बलिदानों से परे है।

फिलिस्तीन प्रतिरोध समितियों ने जोर दिया हम हमेशा शहीद उम्मत और मानवता, सैयद हसन नसरुल्लाह के मार्ग पर दृढ़ रहेंगे। उनकी आवाज़ समय के बाद भी हमारे साथ होगी, उनका साया हमारे ऊपर रहेगा, उनके मार्ग की ईमानदारी और उनका वादा और कार्य हमारे सामने होंगे।

यह दिन प्रतिरोध के इतिहास में एक महत्वपूर्ण मोड़ है क्योंकि अब शहीदों के खून से एक नया सूरज उगेगा जो पूरी उम्मत और प्रतिरोध की धुरी के लिए एक नई शुरुआत करेगा।

फिलिस्तीन प्रतिरोध समितियों ने कहा,हम महान शहीद कमांडर, सैयद हसन नसरुल्लाह और उनके शहीद साथी सैयद हाशिम सफ़ीउद्दीन के साथ यह संकल्प करते हैं कि झंडा जमीन पर नहीं गिरेगा, खून बेकार नहीं जाएगा और लोग उनके रास्ते से नहीं हटेंगे।

वह रास्ता जो सबसे ऊँचे शहीदों के नाम से सुशोभित है और सबसे शुद्ध खून से सना हुआ है। शहीदों के बलिदान से ही यह संघर्ष मजबूत हुआ है और अब, उनके दिखाए गए रास्ते को अपनाकर उम्मत नई शक्ति के साथ आगे बढ़ेगी

 

 

अल्लाह का कलाम एक चमत्कारी कथन है। यह हर पहलू में एक चमत्कार है। इसकी हर आयत में, किसी न किसी रूप में, मुहम्मद और मुहम्मद के परिवार निहित है।

अल्लाह का कलाम एक चमत्कारी कथन है। यह हर पहलू में एक चमत्कार है। इसकी हर आयत में, किसी न किसी रूप में, मुहम्मद और मुहम्मद के परिवार निहित है। अमरोहा में मुसलमानों की एक सभा को संबोधित करते हुए विश्व प्रसिद्ध वक्ता, विचारक और कवि हुज्जतुल इस्लाम वा मुस्लेमीन अक़ीलुल ग़रवी ने कहा कि हर विचारधारा के विद्वान पवित्र कुरान की चमत्कारी प्रकृति को स्वीकार करते हैं।

हुज्जतुल इस्लाम अक़ीलुल ग़रवी ने अरबी भाषा की गहराई और उसके लाभों का वर्णन करते हुए कहा कि अरबी की क्षमता को समझने के लिए, यह पर्याप्त है कि अल्लाह तआला ने दुनिया भर के लोगों के मार्गदर्शन के लिए जो किताब उतारी है वह अरबी भाषा में है।

हुज्जतुल इस्लाम अक़ीलुल ग़रवी ने युवाओं को अरबी भाषा सीखने की सलाह दी तथा इसके सांसारिक और पारलौकिक लाभों के बारे में बताया। उन्होंने कहा कि अरबी दुनिया के लगभग तीस देशों की आधिकारिक भाषा है। अरबी भाषा जानने वालों के लिए तीस देशों में रोजगार के सुनहरे अवसर उपलब्ध हैं। उन्होंने बताया कि अरबी भाषा का परलोकिक लाभ यह है कि जो व्यक्ति अरबी जानता है, वह कठमुल्लाओं द्वारा समझाई गई कुरान की गलत तफ़सीर से गुमराह नहीं होता।

हुज्जतुल इस्लाम अक़ीलुल ग़रवी मोहल्ला जाफरी अज़ाखाने में आयोजित शोक सभा को संबोधित कर रहे थे। शोक समारोह का आयोजन शहर की जानी-मानी हस्ती स्वर्गीय मनाजिल हुसैन को उनकी बरसी के अवसर पर श्रद्धांजलि देने के लिए किया गया था। सोज़ खानी सय्यद सिब्ते सज्जाद और उनके साथियों ने की। शोक सभा में शहर से बड़ी संख्या में विश्वासी शामिल हुए।

इस्लामी गणतंत्र ईरान के राष्ट्रपति मसऊद पिज़िश्कियान ने लेबनान के इस्लामी प्रतिरोध आंदोलन हिज़्बुल्लाह के शहीद महासचिव के दफ़्न समारोह के अवसर पर कहा कि हम उस वचन व अहद पर क़ायेम हैं जो हमने किया है।

लेबनान के इस्लामी आंदोलन हिज़्बुल्लाह आंदोलन के पूर्व महासचिव शहीद सैय्यद हसन नस्रुल्लाह और हिज़्बुल्लाह की राजनीतिक परिषद के प्रमुख शहीद सैय्यद हाशिम सफ़ीयुद्दीन की शवयात्रा आज 23 फ़रवरी 2025 को बैरूत में निकाली जायेगी।

ईरान के राष्ट्रपति मसऊद पिज़िश्किया ने सोशल साइट X पर एक संदेश पोस्ट करके लिखा है कि महान लेबनानी राष्ट्र इस लाएक़ है कि वह अपने समस्त सपूतों विशेषकर इन दो महान सैय्यदों पर गर्व करे। यह वह शूरवीर थे जो अपने वचन के प्रति वफ़ादार थे और राष्ट्र की शराफ़त का बचाव किया यहां तक कि अल्लाह की राह में वे शहीद हो गये।  

राष्ट्रपति के इस संदेश में आया है कि हम उस वचन के प्रति कटिबद्ध हैं जो हमने किया है।

क़ालीबाफ़ः नस्रुल्लाह इस्लामी राष्ट्र की इज़्ज़त और प्रतिरोध का मोर्चा हैं

ईरान की संसद मजलिसे शुराये इस्लामी के संसद सभापति मोहम्मद बाक़िर क़ालीबाफ़ ने प्रतिरोध के नेताओं के दफ़्न समारोह में भाग लेने के लिए लेबनान जाने से पहले कहा था कि आज का दिन प्रतिरोध के मोर्चे, इस्लामी राष्ट्र और लेबनानी लोगों के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। उन्होंने बल देकर कहा था कि शहीद नस्रुल्लाह इस्लामी राष्ट्र, इस्लामी जगत और प्रतिरोध के मोर्चे के लिए इज़्ज़त हैं।

 

 इराक़चीः सैय्यद हसन ने प्रतिरोध को एक स्ट्रैटेजिक समीकरण में परिवर्तित कर दिया

ईरान के विदेशमंत्री सैय्यद अब्बास इराक़ची सैय्यद शहीद हसन नस्रुल्लाह और सैय्यद शहीद हाशिम सफ़ीयुद्दीन के दफ़्न समारोह में भाग लेने के लिए लेबनान की राजधानी बैरूत गये हुए हैं। उन्होंने कहा कि आज का दफ़्न समारोह दुनिया को दिखा देगा कि प्रतिरोध और हिज़्बुल्लाह ज़िन्दा है और वह अपनी आकांक्षाओं के प्रति कटिबद्ध व वफ़ादार है।

ईरान के विदेशमंत्री ने बल देकर कहा कि सैय्यद हसन नस्रुल्लाह ने ऐसे समय में प्रतिरोध और इज़्ज़त से प्रतिरोध के विचार को क्षेत्र की सतह पर एक स्ट्रैटेजिक समीकरण में परिवर्तित कर दिया जब अरब दुनिया और इस्लामी जगत के बहुत से नेताओं ने विदेशी दबावों के सामने घुटने टेक दिये।

लारीजानीः सैय्यद हसन नस्रुल्लाह ने क्षेत्र के जवानों में होशियारी को बेदार व जागरुक बना दिया

ईरान की इस्लामी क्रांति के सर्वोच्च नेता के सलाहकार और ईरान की इस्लामी व्यवस्था की हित संरक्षक परिषद के सदस्य अली लारीजानी ने बल देकर कहा कि शहीद हसन नस्रुल्लाह ने क्षेत्र के जवानों में होशियारी पैदा कर दी और वह एक मुसलमान राजनेता थे।

ईरान में आसमानी धर्मों के नेताः हमें सैय्यद हसन नस्रुल्लाह की आवाज़ होना चाहिये।

ईरान में आसमानी धर्मों के नेताओं ने शहीद सैय्यद हसन नस्रुल्लाह  के दफ़्न समारोह के अवसर पर तेहरान में हज़रत युसूफ़ गिरजाघर में एक बैठक की और उसमें उन्होंने बल देकर कहा कि सैय्यद हसन नस्रुल्लाह की बातों को संचार माध्यमों में कहना और हमें एकजुट रहना चाहिये। फ़िलिस्तीनी देश और लेबनान को समस्याओं से मुक्ति मिलनी चाहिये और गिरजाघर का दायित्व है कि वह लोगों की आवाज़ बने और फ़िलिस्तीन में जिन लोगों की आवाज़ नहीं सुनी जा रही है हमें उनकी आवाज़ को दुनिया तक पहुंचाना चाहिये।

प्रमुख अमेरिकी विश्लेषक थॉमस फ़्रीडमैन का कहना है कि अमरीकी राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रम्प पूरी उम्र राष्ट्रपति पद पर बने रहना चाहते हैं और इस मार्ग में वह उन लोगों से भी आगे निकल गए हैं, जिन्हें पश्चिमी देश तानाशाह कहते हैं।

थॉमस फ़्रीडमैन न्यूयॉर्क टाइम्स में अपने एक आर्टिकल में लिखा है कि ट्रम्प ख़ुद को ईश्वरीय नेता समझते हैं और उन्होंने अपने चारो तरफ़ हां में हां मिलाने वाले लोगों की टोली इकट्ठा कर ली है। यह ऐसे लोग हैं, जिनके लिए कोई रेड लाइन नहीं है और पद से बर्ख़ास्त किए जाने के डर से ट्रम्प के अतार्किक फ़ैसलों का भी समर्थन करते हैं। ट्रम्प दुनिया को ट्रम्प टॉवर में स्थित किसी दुकान की तरह देखते हैं।

फ़्रीडमैन ने आगे लिखाः ट्रम्प यूरोप को एक व्यापारिक ब्लॉक के रूप में देखते हैं, जो अमरीका पर काफ़ी दबाव बना सकता है, इसलिए वह इस ब्लॉक को तोड़ना चाहते हैं, ताकि उसके बाद हर यूरोपीय देश से अलग से वार्ता कर सकें, लेकिन उन्हें अपने इस क़दम के परिणामों के बारे में कोई जानकारी नहीं है।

फ़्रीडमैन का मानना है कि ट्रम्प की नीतियों से रूस जैसी शक्तियों की ताक़त में वृद्धि होगी। उनका मानन है कि ट्रम्प ने मूर्खता और जिहालत की वजह से यह नीतियां अपनाई हैं। इसके अलावा, फ़्रीडमैन का मानना ​​है कि अगर पुतिन जैसा कोई व्यक्ति अमेरिकी राजनेता होता, तो वह निस्संदेह डेमोक्रेटिक पार्टी की तुलना में ट्रम्प के विचारों के अधिक क़रीब होता। इसलिए, ट्रम्प पुतिन को एक ऐसे व्यक्ति के रूप में देखते हैं, जो उनके समर्थकों में से एक हो सकता था और जो 6 जनवरी 2021 को यूएस कैपिटल पर हमला करने वालों में शामिल होता। ज़ेलेंस्की के विपरीत, ट्रम्प पुतिन के साथ सांस्कृतिक आत्मीयता महसूस करते हैं।

उनका कहना है कि अमेरिकी सांसदों को अमेरिका के मध्यावधि चुनावों में वांछित परिणाम प्राप्त करने के लिए ट्रम्प के समर्थन की ज़रूरत है। इसीलिए मैंने राजनीतिक दुनिया के तंत्रों के साथ ट्रम्प का मुक़ाबला करने का प्रयास छोड़ दिया है, क्योंकि कम से कम मध्यावधि चुनावों तक, उन्हें नियंत्रित करने के लिए कोई तंत्र नहीं है। तब तक, सीनेट पूरी तरह से उनके पीछे है। प्रतिनिधि सभा पूरी तरह से उनके समर्थन में है, सर्वोच्च न्यायालय उनके पीछे है, मीडिया तंत्र भी पूरी तरह से उनके साथ है।   बाद हर यूरोपीय देश से अलग से वार्ता कर सकें, लेकिन उन्हें इस्किक फ़ैसलों का भी समर्थन करते

फ़्रीडमैन का कहना है कि अमेरिकी सीनेट और प्रतिनिधि सभा के रिपब्लिकन सदस्य, अपने निरीक्षण कर्तव्यों में पूरी तरह विफल हो गए हैं और लगातार ट्रम्प की चापलूसी कर रहे हैं। अगर मैं इस स्तर की चापलूसी और ख़ुशामद करूं, तो मैं आईने में भी ख़ुद का सामना नहीं कर पाऊंगा... मैं अपने जीवन में ऐसे किसी व्यक्ति को नहीं जानता, जो इतना अनियंत्रित व्यवहार करता हो।

यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर ज़ेलेंस्की ने कहा है कि वह देश में शांति की स्थापना के लिए राष्ट्रपति पद छोड़ने के लिए तैयार हैं।

रविवार को एक प्रेस कांफ़्रेंस में इस सवाल कि जवाब में कि क्या वह अपने पद से इस्तीफ़ा देने के लिए तैयार हैं या नहीं, ज़ेलेंस्की ने ग़ुस्से में कहाः अगर इससे यूक्रेन में शांति स्थापित होती है और वास्तव में अगर ज़रूरी हुआ तो वह अपना पद छोड़ने के लिए तैयार हैं।

पार्सटुडे की रिपोर्ट के मुताबिक़, यूक्रेन युद्ध को शुरू हुए तीन साल पूरे होने वाले हैं और स्थिति ज़ेलेंस्की और यूक्रेन के लिए की गई भविष्यवाणियों की विपरीत दिशा में आगे बढ़ रही है। व्हाइट हाउस में डोनल्ड ट्रम्प के प्रवेश के बाद से यूक्रेन के सबसे बड़े समर्थक अमरीका के साथ उसके संबंध ख़राब हुए हैं।

ईरान में तेल उद्योग आर्टिफ़िशियल इंटेलिजेंस का छठा उपयोगकर्ता

ईरानी प्रौद्योगिकी प्रबंधन संघ के प्रमुख मेहदी मोहम्मदी ने कहा है कि तेल उद्योग, ईरान में आर्टिफ़िशियल इंटेलिजेंस का छठा उपयोगकर्ता है और इस क्षेत्र में बड़े निवेश की योजना है। दूसरी ओर, ईरानी सूचना विज्ञान और प्रौद्योगिकी संस्थान के प्रमुख मोहम्मद हसनज़ादेह ने विश्व में आर्टिफ़िशियल इंटेलिजेंस के प्रकाशनों में इस्लामी गणराज्य ईरान की स्थिति में विकास की घोषणा की है।

हसन नसरुल्लाह के अंतिम संस्कार में लाखों लोगों ने लिया भाग

लेबनान के टीवी चैनल की रिपोर्ट के मुताबिक़, शहीद सैयद हनस नसरुल्लाह की शव यात्रा में 14 लाख लोगों ने भाग लिया है।

इज़राइल, ज़ायोनी शासन के पूर्व प्रवक्ताः मीडिया वॉर में हम हार गए हैं

ज़ायोनी शासन के पूर्व प्रवक्ता एलन लवी ने मारियो के साथ विशेष बातचीत में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ज़ायोनी शासन की पराजय का ख़ुलासा करते हुए कहा है कि दुनिया में जनमत ज़ायोनी शासन के पक्ष में नहीं है।

उज़्बेकिस्तान में अफ़ग़ान प्रवासियों ने अपने देश में निवेश की इच्छा जताई है

तालिबान की अंतरिम सरकार के उप आर्थिक प्रमुख अब्दुल ग़नी बरादर ने कहा है कि उज़्बेकिस्तान में अफ़ग़ान प्रवासियों ने अफ़ग़ानिस्तान में 100 मिलियन डॉलर तक निवेश की इच्छा व्यक्त की है।

मिस्र, इज़राइली सैनिक लेबनान की सीमा से बाहर निकल जाएं

मिस्र के विदेश मंत्री बदर अब्दुल आती ने कहा हैः यूएन सुरक्षा परिषद के 1701 प्रस्ताव के आधार पर इज़राइली सैनिकों को पूर्ण रूप से लेबनान से बाहर निकल जाना चाहिए। अल-आती ने फ़िलिस्तीनियों के उनके वतन में रहने और ग़ज़ा पट्टी के पुनर्निर्माण के महत्व पर भी ज़ोर दिया।

म्यांमार संकट के समाधान पर मलेशिया का बल

दक्षिण-पूर्व एशियाई राष्ट्रों के संगठन आसियान के अध्यक्ष देश मलेशिया के विदेश मंत्री मोहम्मद हसन ने कहा है कि उनका देश म्यांमार संकट के समाधान और इस देश में शांति की स्थापना के लिए प्रतिबद्ध है।

पाकिस्तान ने ग़ज़ा को 100 टन सहायता सामग्री भेजी

पाकिस्तानी प्रधानमंत्री शहबाज़ शरीफ़ के आदेश पर, ग़ज़ा के उत्पीड़ित लोगों के लिए 100 टन मानवीय सहायता लेकर एक मालवाहक विमान कराची अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे से मिस्र के अल-अरीश शहर के लिए रवाना हुआ।

 

पवित्र क़ुरआन के महान व्याख्याकार ने कहा है कि क़ुरआन ज्ञान व माअरत का कौसर है और उसने समस्त संदेहों का जवाब दिया है।

पवित्र क़ुरआन के महान व्याख्याकार आयतुल्लाहिल उज़्मा अब्दुल्लाह जवादी आमूली ने पवित्र क़ुरआन के महान स्थान की ओर संकेत करते हुए कहा कि पवित्र क़ुरआन पूरी तरह शिफ़ा है।

आयतुल्लाहिल उज़्मा जवादी आमूली ने कहा कि क़ुरआन और अहलेबैत कौसर हैं और वे सोते की तरह उबल रहे हैं और अपनी बरकतों से लोगों और समाजों को लाभांवित कर रहे हैं।

जवाद आमूली कहते हैं कि पवित्र क़ुरआन समस्त संदेहों का जवाब देता है चाहे उन संदेहों का संबंध ज्ञान से हो या अमल से। वह कहते हैं कि क़ुरआन और अहलेबैत अलै. के होने की वजह से मुसलमानों को अपनी क़द्र और पहचान को जानना व समझना चाहिये।

आयतुल्लाह सीस्तानी के प्रतिनिधि ने इराक़ के पवित्र नगर कर्बला में अहलेबैत के क़ुरआनी ज्ञानकोष की प्रशंसा की।

इराक़ के पवित्र नगर कर्बला में आयतुल्लाह सीस्तानी के प्रतिनिधि शैख़ अब्दुल मेहदी कर्बलाई ने अहलेबैत के क़ुरआनी ज्ञानकोष के लिखने की क़द्रदानी और प्रशंसा की। उन्होंने इस ज्ञानकोष को अद्वितीय उपलब्धि बताया और 14 वर्षों तक इसके लिखने में लगाये गये समय व प्रयास की सराहना की।

उल्लेखनीय है कि क़ुरआनी अहलेबैत ज्ञानकोष 60 खंडों पर आधारित है। उसमें पवित्र क़ुरआन की आयतों की तफ़सीर और अहलेबैत की हदीसों के आधार पर बहुत से ज्ञानों की व्याख्या की गयी है।

ईरान के क़ज़्वीन शहर में क़ुरआन का राष्ट्रीय फ़ेस्टिवल आरंभ

शुक्रवार की शाम को क़ज़्वीन शहर की मेज़बानी में पवित्र क़ुरआन की तिलावत का राष्ट्रीय फ़ेस्टिवल आरंभ हुआ और वह रविवार तक चलेगा।

अफ़ग़ानिस्तान के बल्ख़ और जौज़जान प्रांतों में इमाम महदी अलैहिस्सलाम के जन्म दिवस का जश्न मनाया गया।

अफ़ग़ानिस्तान के बल्ख़ प्रांत में इमाम ज़मान अलैहिस्सलाम के जन्म दिवस के संबंध में एक जश्न मनाया गया। इस जश्न का शीर्षक था" यह घर ज़हरा के महदी की प्रतीक्षा में है" इसी प्रकार अफ़ग़ानिस्तान के जौज़जान प्रांत के शबरग़ान शहर के धार्मिक मदरसे में इमाम महदी अलैहिस्सलाम के जन्म दिवस के संबंध में जश्न मनाया गया। इस जश्न का शीर्षक था" उम्मते वाहिदा दर अस्रे इंतेज़ार" अर्थात एक राष्ट्र व उम्मत प्रतीक्षा के काल में

ईरान के पवित्र नगर मशहद में क़ुरआन और अहलेबैत की अंतरराष्ट्रीय प्रदर्शनी

क़ुरआन और इतरत नाम की 18वीं अंतरराष्ट्रीय प्रदर्शनी रमज़ान का पवित्र महीना आरंभ होने के साथ इमाम रज़ा अलैहिस्सलाम के रौज़े में आयोजित होगी।