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अमेरिका ने 1 अक्टूबर को इज़राइल के खिलाफ देश द्वारा शुरू किए गए बैलिस्टिक मिसाइल हमले के मद्देनजर ईरान के ऊर्जा व्यापार को लक्षित करते हुए प्रतिबंधों की घोषणा की है।

एक रिपोर्ट के अनुसार ,अमेरिका ने 1 अक्टूबर को इज़राइल के खिलाफ देश द्वारा शुरू किए गए बैलिस्टिक मिसाइल हमले के मद्देनजर ईरान के ऊर्जा व्यापार को लक्षित करते हुए प्रतिबंधों की घोषणा की है।

राज्य विभाग द्वारा जारी एक बयान के अनुसार, विभाग ईरानी पेट्रोलियम व्यापार में लगी छह संस्थाओं पर प्रतिबंध लगा रहा है।

बयान में कहा गया है इस बीच, ट्रेजरी विभाग एक दृढ़ संकल्प जारी कर रहा है जो ईरानी अर्थव्यवस्था के पेट्रोलियम या पेट्रोकेमिकल क्षेत्रों में काम करने के लिए निर्धारित किसी भी व्यक्ति के खिलाफ प्रतिबंध लगाएगा।

बयान में कहा गया है इसके अतिरिक्त, ट्रेजरी 10 संस्थाओं को मंजूरी दे रही है और अमेरिका द्वारा नामित संस्थाओं नेशनल ईरानी ऑयल कंपनी या ट्रिलियंस पेट्रोकेमिकल कंपनी लिमिटेड के समर्थन में ईरानी पेट्रोलियम और पेट्रोकेमिकल उत्पादों के शिपमेंट में शामिल होने के लिए अवरुद्ध संपत्ति के रूप में 17 जहाजों की पहचान कर रही है।

अमेरिकी राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जेक सुलिवन ने एक बयान में कहा कि उपरोक्त उपाय ईरान को उसके मिसाइल कार्यक्रमों का समर्थन करने और अमेरिका, उसके सहयोगियों और भागीदारों को धमकी देने वाले आतंकवादी समूहों को समर्थन प्रदान करने के लिए उपयोग किए जाने वाले वित्तीय संसाधनों से वंचित करने में मदद करेंगे।

ईरानी उपराष्ट्रपति अपने प्रतिनिधिमंडल के साथ पाकिस्तान में होने वाले शंघाई सहयोग संगठन (SCO) के शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए पाकिस्तान जाएंगे।

एक रिपोर्ट के अनुसार, ईरानी उपराष्ट्रपति डॉ. मोहम्मद रज़ा आरिफ 15 अक्टूबर को शंघाई सहयोग संगठन (SCO) के शिखर सम्मेलन के सिलसिले में एक प्रतिनिधिमंडल के साथ इस्लामाबाद जाएंगे।

रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि ईरानी उपराष्ट्रपति एससीओ शिखर सम्मेलन के साइडलाइंस पर पाकिस्तानी नेतृत्व से भी मुलाकात करेंगे।

इन बैठकों में पाकिस्तान-ईरान संबंधों क्षेत्र की स्थिति के साथ-साथ ग़ाज़ा और लेबनान की मौजूदा स्थिति पर भी चर्चा होने की संभावना है।

 

 

विश्व स्वास्थ्य संगठनके अधिकारियों ने लेबनान में खराब अस्पतालों और शरणार्थी आश्रयों में भीड़भाड़ के कारण बीमारी के संभावित प्रकोप की चेतावनी दी है। बता दें कि इजरायली युद्ध के कारण देश के मेडिकल इंफ्रास्ट्रक्चर को भी नुकसान पहुंचा है।

अंतर्राष्ट्रीय स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के अधिकारियों ने अस्पताल बंद होने और शरणार्थी आश्रयों में भीड़भाड़ के कारण लेबनान में संभावित बीमारी फैलने की चेतावनी दी है।  लेबनान के बेरूत में जिनेवा में एक प्रेस वार्ता से वीडियो लिंक के माध्यम से बोलते हुए, डब्ल्यूएचओ के उप घटना प्रबंधक लैन क्लर्क ने कहा: डायरिया, हेपेटाइटिस ए और अन्य वैक्सीन-रोकथाम योग्य बीमारियों के फैलने की संभावना है। चिकित्साकर्मी या तो इज़रायली बमबारी के डर से बाहर चले गए हैं या लेबनानी अधिकारियों के आदेश पर खाली हो गए हैं।

लेबनान के लोग इजरायली युद्ध के दौरान चिकित्सा संकट और बीमारियों के फैलने के डर से जूझ रहे हैं। इजरायली हमले के कारण न केवल देश के बुनियादी ढांचे बल्कि स्वास्थ्य देखभाल प्रणाली को भी नुकसान पहुंचा है। 23 सितंबर को इजराइल ने लेबनान पर बमबारी शुरू कर दी, जिसके परिणामस्वरूप 10 लाख से ज्यादा लोग विस्थापित हो गए हैं।

इज़राइल की लगातार बमबारी के कारण संयुक्त राष्ट्र और अन्य सहायता एजेंसियों को लेबनान के साथ-साथ गाजा में खाद्य सहायता तक पहुँचने में कई चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है। संयुक्त राष्ट्र ने भी लेबनान में खाद्य संकट को लेकर चेतावनी दी है।

 

लाखों फिलिस्तीनियों को क़त्ल करने वाला इस्राईल ग्रेटर इस्राईल के अंतर्गत तुर्की, सीरिया, फिलिस्तीन, जॉर्डन, सऊदी अरब और इराक के एक बड़े भूभाग पर क़ब्ज़े की योजना बनाए हुए है और इस बात को एक बार फिर ज़ायोनी वित्त मंत्री  बेज़ेल स्मोट्रिच ने इस ज़ायोनी साज़िश को एक बार फिर खुल कर स्वीकार किया है।

ग़ौर तालाब बात है की इस्लामी दुनिया को नष्ट करने की साज़िश में लगे इस्राईल की ज़रूरतों को खुद तुर्की, आज़रबैजान, सऊदी और जॉर्डन जैसे देश ही पूरा भी कर रहे हैं। इस्राईल की ज़रूरत का 25 फीसद तेल अकेले तुर्की के रास्ते से इस्राईल पहुँचता है। आज़रबैजान और क़ज़ाक़िस्तान से तुर्की के रास्ते इस्राईल को 25% तेल पहुँचता है।

अंसारुल्लाह यमन के कारन इस्राईल के लिए लाल सागर का मार्ग बंद हुआ तो सऊदी अरब, जॉर्डन और संयुक्त अरब अमीरात जहाँ ज़मीनी कॉरिडोर के रास्ते इस्राईल को ज़रूरत का सभी सामान पहुंचा रहे हैं वहीँ तुर्की हवाई मार्ग से इस्राईल को हर तरह की रसद पहुंचा रहा है।

 

 

दक्षिण सूडान में एक दशक की सबसे भीषण बाढ़ से लगभग 900,000 लोग प्रभावित हुए हैं, जबकि लगभग 250,000 लोग विस्थापित हो गए हैं।

संयुक्त राष्ट्र मानवीय सहायता एजेंसी के अनुसार, सूडान से उभरा दुनिया का सबसे आधुनिक देश दक्षिण सूडान एक दशक की सबसे भीषण आपदा की चपेट में है, जहां 41,000 लोग विस्थापित हुए हैं, जबकि प्रभावित लोगों की कुल संख्या 8,93,000 है। संयुक्त राष्ट्र कार्यालय के मुताबिक, देश में भारी बारिश के कारण आई इस बाढ़ के कारण 15 प्रमुख सड़कें पूरी तरह से बंद हो गई हैं ।

दक्षिण सूडान की कुल 78 काउंटियों में से 42 काउंटियाँ बाढ़ से प्रभावित हैं, जिनमें जुबा और खार्तूम के बीच विवादित अबेई प्रशासनिक क्षेत्र भी शामिल है, जबकि यूनिटी और वारिप प्रांतों की 16 काउंटियों में से 40 प्रतिशत आबादी बाढ़ से प्रभावित है ऊंची भूमि पर शरण मांगना। बता दें कि 2011 में सूडान से आजादी मिलने के बाद से यह देश अस्थिरता, आर्थिक मंदी, प्राकृतिक आपदाओं, सूखे और बाढ़ से जूझ रहा है। विश्व बैंक के अनुसार, सूडान में चल रहे युद्ध के परिणामस्वरूप, सितंबर तक 797,000 शरणार्थी दक्षिण सूडान में आ चुके थे, जिनमें से 80% लोग दक्षिण सूडान लौटने वाले थे। दक्षिण सूडान में तेल भंडार हैं, लेकिन सूडान में चल रहे युद्ध के परिणामस्वरूप, देश की विदेशी मुद्रा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाली एक प्रमुख पाइपलाइन क्षतिग्रस्त हो गई है, जिससे तेल निर्यात में उल्लेखनीय कमी आई है।

राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (NCPCR) ने राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के मुख्य सचिवों को पत्र लिख मदरसों और मदरसा बोर्डों को दी जाने वाली सरकारी फंडिंग बंद करने की सिफारिश की है।

पहले भी मदरसों के खिलाफ अपने रुख को लेकर चर्च्चा में रहने वाले NCPCR ने मदरसा बोर्डों को बंद करने का भी सुझाव दिया है आरटीई अधिनियम, 2009 के अनुसार मौलिक शिक्षा प्राप्त करने के लिए मदरसों से बाहर और स्कूलों में दाखिला दिए जाने की बात कही है। इसके अलावा NCPCR ने एक और रिपोर्ट जारी की है, जिसमें दावा किया है कि 2023-24 में 11 लाख से ज्यादा बच्चे बाल विवाह के प्रति संवेदनशील थे, जिन्हें एनसीपीसीआर ने बाल विवाह से बचाने के लिए ऐहतियाती कदम उठाए।

NCPCR ने ये भी सिफारिश की है कि सभी गैर-मुस्लिम बच्चों को मदरसों से निकालकर आरटीई अधिनियम, 2009 के अनुसार बुनियादी शिक्षा प्राप्त करने के लिए स्कूलों में भर्ती कराया जाए। साथ ही, मुस्लिम समुदाय के बच्चे जो मदरसा में पढ़ रहे हैं, चाहे वे मान्यता प्राप्त हों या गैर-मान्यता प्राप्त, उन्हें औपचारिक स्कूलों में दाखिला दिलाया जाए और आरटीई अधिनियम, 2009 के अनुसार निर्धारित समय और पाठ्यक्रम की शिक्षा दी जाए।

यूरोपीय संघ (ईयू) ने हिजबुल्लाह और इज़राइल के बीच चल रहे संघर्ष के बीच लेबनान को सहायता प्रदान करने के लिए एक मानवीय सहायता भेजा है जिसमें महत्वपूर्ण दवाएं और चिकित्सा वस्तुएं शामिल हैं।

समाचार एजेंसी की रिपोर्ट के अनुसार, लेबनान में यूरोपीय संघ के प्रतिनिधिमंडल द्वारा जारी एक बयान में कहा गया है कि पहली उड़ान शुक्रवार को बेरूत पहुंचेगी, जिसमें स्वच्छता के सामान, कंबल और आपातकालीन आश्रय किट सहित अन्य सामान शामिल होंगें।

इसमें कहा गया है कि आने वाले दिनों में ग्रीस से और सहायता पहुंचाई जाएगी जबकि स्पेन, स्लोवाकिया, पोलैंड, फ्रांस और बेल्जियम से सहायता पिछले सप्ताह से बेरूत पहुंचाई गई है।

इसमें कहा गया है सदस्य देशों द्वारा दान की गई आपूर्ति में लेबनान में आपातकालीन स्वास्थ्य देखभाल की कमी वाले लोगों विशेष रूप से जबरन विस्थापित लोगों की सहायता के लिए महत्वपूर्ण दवाएं और चिकित्सा वस्तुएं शामिल हैं।

23 सितंबर से इज़रायली सेना हिज़्बुल्लाह के साथ खतरनाक वृद्धि में लेबनान भर में गहन हवाई हमले कर रही है इसने लेबनान में एक सीमित जमीनी सैन्य अभियान भी शुरू किया है।

 

लेबनान, सीरिया और सऊदी अरब तथा क़तर की यात्रा के बाद अब ईरान के विदेश मंत्री अब्बास इराक़ची मिस्र की यात्रा पर जाएंगे।

"अल-अरबी अल-जदीद" ने अपने सूत्रों के हवाले से लिखा कि ईरान के विदेश मंत्री आने वाले दिनों में आधिकारिक यात्रा पर काहिरा के लिए रवाना होंगे और मिस्र के अधिकारियों के साथ दोनों देशों के साझा मामलों के साथ साथ क्षेत्र के घटनाक्रम पर दोनों देशों के दृष्टिकोण के बारे में विचार विमर्श करेंगे।

"अल-अरबी अल-जदीद" के मुताबिक, इराक़ची अपनी मिस्र यात्रा के दौरान राष्ट्रपति अब्दुल फ़त्ताह अल-सिसी, खुफिया एजेंसी के प्रमुख अब्बास कामेल और मिस्र के विदेश मंत्री बद्र अब्देल आती से मुलाकात करेंगे।

 अपने प्रियः अध्ययन कर्ताओं के लिए हज़रत इमाम हसन अस्करी अलैहिस्सलाम के कुछ मार्ग दर्शक कथन प्रस्तुत किये जारहे हैं।
1- अल्लाह हज़रत इमाम हसन अस्करी अलैहिस्सलाम ने कहा कि अल्लाह वह है कि जब प्राणी विपत्तियों व कठिनाईयों मे फस कर चारो ओर से निराश हो जाता है और प्रजा से उसकी आशा समाप्त होजाती है तो वह फिर उसकी (अल्लाह) शरण लेता है।

2- हक़ को छोड़ना

हज़रत इमाम हसन अस्करी अलैहिस्सलाम ने कहा कि जिस आदरनीय व्यक्ति ने हक़ को छोड़ा वह अपमानित हुआ और जिस नीच ने हक़ पर अमल किया वह आदरनीय हो गया।

3- तक़लीद

हज़रत इमाम हसन अस्करी अलैहिस्सलाम ने कहा कि जनता को चाहिए कि अपनी आत्मा की रक्षा करने वाले, धर्म की रक्षा करने वाले, इन्द्रीयो का विरोध करने वाले, तथा अल्लाह की अज्ञा पालन करने वाले फ़कीह (धर्म विद्वान) की तक़लीद(अनुसरन) करें।

4- भविष्य

हज़रत इमाम हसन अस्करी अलैहिस्सलाम ने कहा कि शीघ्र ही मानवता पर एक ऐसा समय आने वाला है जिसमे मनुषय चेहरे से प्रसन्न दिखाई देगें परन्तु उनके हृदय अँधकार मय होंगे। ऐसे समय मे अल्लाह ने जिन कार्यो का आदेश दिया है वह क्रियात्मक रूप प्राप्त नही कर पायेंगे और अल्लाह ने जिन कार्यो से दूर रहने का आदेश दिया है लोग उन कार्यों को करेंगे। ऐसे समय मे इमानदार व्यक्ति को नीच समझा जायेगा तथा अल्लाह के आदेशो का खुले आम उलंघन करने वाले को आदर की दृष्टि से देखा जायेगा।

5- नसीहत (सदुपदेश)

हज़रत इमाम हसन अस्करी अलैहिस्सलाम ने कहा कि जिसने अपने मोमिन भाई को छुप कर सदुपदेश दिया उसने उसके साथ भलाई की। तथा जिसने खुले आम उसको सदुपदेश दिया उसने उसके साथ बुराई की।
6- सर्वोत्तम भाई

हज़रत इमाम हसन अस्करी अलैहिस्सलाम ने कहा कि तुम्हारा सर्वोत्तम भाई वह है जो तुम्हारी बुराईयों को भूल जाये व तुमने जो इस पर ऐहसान किया है उसको याद रखे।

7- मूर्ख व बुद्धिमान

हज़रत इमाम हसन अस्करी अलैहिस्सलाम ने कहा कि मूर्ख का दिल उसकी ज़बान पर होता है। और बुद्धि मान की ज़बान उसके दिल मे होती है।
8- लज्जा का घर

हज़रत इमाम हसन अस्करी अलैहिस्सलाम ने कहा कि जो व्यक्ति अनुचित कार्य रूपी (घोड़े) पर सवार होगा वह उससे लज्जा के घर मे उतरेगा। अर्थात जो व्यक्ति अनुचित कार्य करेगा वह अपमानित व लज्जित होगा।

9- क्रोध

हज़रत इमाम हसन अस्करी अलैहिस्सलाम ने कहा कि क्रोध समस्त बुराईयों की कुँजी है।

10- व्यर्थ का वाद विवाद

हज़रत इमाम हसन अस्करी अलैहिस्सलाम ने कहा कि व्यर्थ का वाद विवाद न करो वरना तुम्हारा आदर समाप्त हो जायेगा और मज़ाक़ न करो वरना लोगों का (तुम्हारे ऊपर) साहस बढ़ जायेगा।
11- अपमान का कारण

हज़रत इमाम हसन अस्करी अलैहिस्सलामने कहा कि मोमिन के लिए यह बात बहुत बुरी है कि वह ऐसी वस्तु या बात की ओर उन्मुख हो जो उसके अपमान का कारण बने।

12- दो सर्व श्रेष्ठ बातें

हज़रत इमाम हसन अस्करी अलैहिस्सलामने कहा कि दो विशेषताऐं ऐसी हैं जिनसे श्रेष्ठ कोई विशेषता नही है। (1) अल्लाह पर ईमान रखना व (2) अपने मोमिन भाई को लाभ पहुचाना।
13- बुरा पड़ोसी

हज़रत इमाम हसन अस्करी अलैहिस्सलामने कहा कि अच्छी बात को छिपाने व बुरी बात का प्रचार करने वाला पड़ोसी कमर तोड़ देने वाली विपत्ति के समान है।

14- इन्केसारी (नम्रता)

हज़रत इमाम हसन अस्करी अलैहिस्सलामने कहा कि नम्रता एक ऐसा गुण है जिससे ईर्श्या नही की जासकती।

15- ग़मगीन (शोकाकुल)

हज़रत इमाम हसन अस्करी अलैहिस्सलामने कहा कि शोकाकुल व्यक्तियों के सम्मुख प्रसन्नता प्रकट करना शिष्ठाचार के विऱुद्ध है।
16- द्वेष

हज़रत इमाम हसन अस्करी अलैहिस्सलामने कहा कि द्वेष रखने वाले व्यक्ति सबसे अधिक दुखित रहते है।
17- झूट बुराईयों की चाबी (कुँजी)

हज़रत इमाम हसन अस्करी अलैहिस्सलामने कहा कि समस्त बुराईयों को एक कमरे मे बन्द कर दिया गया है, व इस कमरे की चाबी झूट को बनाया गया है। अर्थात झूट समस्त बुराईयों की जड़ है।
18- नेअमत (अल्लाह से प्राप्त हर प्रकार की सम्पत्ति)

हज़रत इमाम हसन अस्करी अलैहिस्सलामने कहा कि नेअमत को धन्यवाद करने वाले के अतिरिक्त कोई नही समझ सकता और आरिफ़ ( ज्ञानी) के अतिरिक्त अन्य नेअमत का धन्यवाद नही कर सकते।
19- अयोग्य की प्रशंसा

हज़रत इमाम हसन अस्करी अलैहिस्सलाम ने कहा कि अयोग्य व्यक्ति की प्रशंसा करना तोहमत(मिथ्यारोप) लगाने के समान है।

20- आदरनीय

हज़रत इमाम हसन अस्करी अलैहिस्सलाम ने कहा कि धूर्तता के आधार पर सबसे निर्बल शत्रु वह है जो अपनी शत्रुता को प्रकट कर दे।
21- आदत का छुड़ाना

हज़रत इमाम हसन अस्करी अलैहिस्सलामने कहा कि मूर्ख को प्रशिक्षित करना और किसी वस्तु के आदी से उसकी आदत छुड़ाना मौजज़े के समान है। अर्थात यह दोनो कार्य कठिन हैँ।

22- माँगने मे गिड़गिड़ाना

हज़रत इमाम हसन अस्करी अलैहिस्सलामने कहा कि (किसी व्यक्ति) से कुछ माँगने के लिए गिड़गिड़ाना अपमान व दुख का कारण बनता है।
23- शिष्ठा चारी

हज़रत इमाम हसन अस्करी अलैहिस्सलामने कहा कि तुम्हारे शिष्टा चीरी होने के लिए यही पर्याप्त है, कि तुम दूसरों की जिस बात को पसंद नही करते उसे स्वंय भी न करो।

24- दानशीलता व कायरता

हज़रत इमाम हसन अस्करी अलैहिस्सलामने कहा कि दानशीलता की एक सीमा होती है उससे आगे अपव्यय है। इसी प्रकार दूर दर्शिता व सावधानी की भी एक सीमा है अगर इस से आगे बढ़ा जाये तो यह कायरता है।

25- कंजूसी व वीरता

हज़रत इमाम हसन अस्करी अलैहिस्सलामने कहा कि कम व्यय की भी एक सीमा होती है अगर इस से आगे बढ़ा जाये तो यह कँजूसी है। इसी प्रकार वीरता की भी एक सीमा होती है अगर इस से आगे बढ़ा जाये तो वह तहव्वुर है। अर्थात अत्यधिक वीरता।

26- मित्रों की अधिकता

हज़रत इमाम अस्करी अलैहिस्सलाम ने कहा कि जिसको अल्लाह से डरने की आदत हो, दानशीलता जिसकी प्रकृति मे हो तथा जो गंभीरता को अपनाये हुए हो ऐसे व्यक्ति के मित्रों की संख्या अधिक होती है।
27- हार्दिक प्रसन्नता

हज़रत इमाम हसन अस्करी अलैहिस्सलामने कहा कि जब हृदय प्रसन्न हो उस समय ज्ञान प्राप्ति के लिए प्रयास करो। व जिस समय हृदय प्रसन्नता की मुद्रा मे न हो उस समय स्वतन्त्र रहो।
28- रोज़े को अनिवार्य करने का कारण

हज़रत इमाम हसन अस्करी अलैहिस्सलामने कहा कि अल्लाह ने रोज़े को इस लिए अनिवार्य किया ताकि धनी लोग भूख प्यास की कठिनाईयों समझ कर निर्धनो पर दया करें।

29- जीविका

हज़रत इमाम हसन अस्करी अलैहिस्सलामने कहा कि जिस जीविका का उत्तरदायित्व अल्लाह ने अपने ऊपर लिया है उसकी प्राप्ती को वाजिब कार्यों के मार्ग मे बाधक न बनाओ।

30- इबादत

हज़रत इमाम हसन अस्करी अलैहिस्सलामने कहा कि रोज़े नमाज़ की अधिकता इबादत नही है। अपितु अल्लाह के आदेशों के बारे मे (उनको समझने के लिए) चिंतन करना इबादत है।

31- हमारे लिए शोभा बनो

हज़रत इमाम हसन अस्करी अलैहिस्सलाम ने अपने अनुयाईयों से कहा कि अल्हा से डरो व हमारे लिए शोभा का कारण बनो हमारे लिए बुराई का कारण न बनो।

32- लालची

हज़रत इमाम हसन अस्करी अलैहिस्सलामने कहा कि लालची व्यक्ति अपने मुक़द्दर से अधिक प्राप्त नही कर सकता।
33- व्यर्थ हंसना

आदरनीय इमाम हसन अस्करी ने कहा कि आश्चर्य के बिना हंसना मूर्खता का लक्षण है।

34- पाप से न डरना

हज़रत इमाम हसन अस्करी अलैहिस्सलाम ने कहा कि जो लोगों के सामने पाप करने से नही डरता वह अल्लाह से भी नही डरता।
35- प्रसन्नता व लज्जा

हज़रत इमाम हसन अस्करी अलैहिस्सलाम ने कहा कि तुमको अल्प आयु प्रदान की गयी है और जीवित रहने के लिए गिनती के कुछ दिन दिये गये हैं मृत्यु किसी भी समय आकस्मिक आसकती है। जो (इस संसार) मे पुण्यों की खेती करेगा वह प्रसन्न व लाभान्वित होगा। व जो पापों की खेती करेगा वह लज्जित होगा। प्रत्येक व्यक्ति को वही फल मिलेगा जिसकी वह खेती करेगा। अर्थात जैसे कार्य इस संसार मे करेगा उसको उन्ही कार्यो के अनुसार बदला दिया जायेगा।

36- बैठने मे शिष्ठा चार

हज़रत इमाम हसन अस्करी अलैहिस्सलामने कहा कि जो व्यक्ति किसी सभा मे निम्ण स्थान पर प्रसन्नता पूर्वक बैठ जाये तो उसके वहाँ से उठने के समय तक अल्लाह व फ़रिश्ते उस पर दयावान रहते है।
37- मित्रता व शत्रुता

हज़रत इमाम हसन अस्करी अलैहिस्सलामने कहा कि
क-अच्छे व्यक्तियों की अच्छे व्यक्तियों से मित्रता अच्छे व्यक्तियों के लिए पुण्य है।

ख-बुरे लोगों की अच्छे लोगों से मित्रता यह अच्छे लोगों के लिए श्रेष्ठता है।
ग-बुरे लोगों की अच्छे लोगों से शत्रुता यह अच्छे लोगों के लिए शोभनीय है
घ-अच्छे लोगों की बुरे लोगों से शत्रुता यह बुरे लोगों के लिए लज्जा है।
38- सलाम करना

हज़रत इमाम हसन अस्करी अलैहिस्सलामने कहा कि अपने पास से गुज़रने वाले प्रत्येक व्यक्ति को सलाम करना शिष्टाचार है।
।।अल्लाहुम्मा सल्लि अला मुहम्मदिंव व आलि मुहम्मद।।

इराक के प्रसिद्ध विद्वान आयतुल्लाह सैय्यद मुहम्मद तकी मुदर्रेसी ने ज़ायोनी सरकार द्वारा आयतुल्लाह सिस्तानी के ख़िलाफ़ मीडिया हमलों की कड़ी निंदा की है।

आयतुल्लाह सय्यद मुहम्मद तकी मुदर्रेसी ने कर्बला में अपने कार्यालय में बोलते हुए, इराक के सर्वोच्च मरजा ए तकलीद आयतुल्लाहिल उज्मा सैय्यद अली सिस्तानी को शारीरिक रूप से निशाना बनाने की ज़ायोनी सरकार की योजना की निंदा की।

आयतुल्लाह मुदर्रेसी ने सभी विश्वासियों और मुसलमानों से विभिन्न स्तरों पर इस अपमान की निंदा करने और हर संभव तरीके से अपनी आवाज उठाने की अपील की।

उन्होंने आगे कहा कि यह अपमान पूरी उम्मत पर हमला है और इसके खिलाफ चुप्पी दुश्मन को और भी बुरे कदम उठाने का मौका देगी।

उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि आज के युग में, मुस्लिम उम्माह के सदस्यों के लिए यह आवश्यक है कि वे इस्लाम के दुश्मनों से सभी प्रकार के हमलों और अपमान के खिलाफ अपने पवित्र स्थानों, विद्वानों और नेताओं की रक्षा करें।