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नाइजर के नये प्रशासन ने इस देश में अमेरिकी सैनिकों की उपस्थिति के समझौते को निरस्त कर दिया है।

नाइजर की सैनिक परिषद के प्रवक्ता ने एलान किया है कि इसके बाद से नाइजर में अमेरिकी सैनिकों की उपस्थिति ग़ैर कानूनी और नाइजर के राष्ट्रीय हितों के खिलाफ है।

नाइजर के सैनिकों ने लगभग सात महीने पहले पश्चिम की ओर झुकाव रखने वाले इस देश के राष्ट्रपति मोहम्मद बाज़ूम को सत्ता से हटा दिया था और अपने देश से फ्रांसीसी सैनिकों की उपस्थिति का अंत कर दिया।

नाइजर का नया प्रशासन, माली और बुर्किना फासो के सैनिक प्रशासन के साथ अफ्रीक़ा महाद्वीप में यूरोपीय देशों और अमेरिकी प्रभाव के कम होने का कारण बना है।

जिम्बाब्वे की मंत्री का कहना है कि वो ईरान की महिलाओं की उन्नति देखकर हतप्रभ रह गईं और ईरान की महिलाओं के सशक्तीकरण के लिए देश की सरकार की ओर से उठाए गए क़दमों ने उन्हें हैरान कर दिया है।

ज़िम्बाब्वे की महिला, सामाजिक कार्य, लघु व मध्यम उद्योग विकास मंत्री मोनिका मोत्सवांग्वा ने न्युयार्क में संयुक्त राष्ट्र संघ के मुख्यालय में ईरान की महिला व परिवार मामलों की उप राष्ट्रपति इंसिया ख़ज़अली से मुलाक़ात में अपनी ईरान यात्रा को याद करते हुए कहा कि ईरान की सरकार की ओर से जिम्बाब्वी जनता के संघर्ष के भरपूर समर्थन ने दोनों देशों के रिश्तों की बुनियादें मज़बूत कर दीं

मोनिका मोत्सवांग्वा ने कहा कि ईरान और ज़िम्बाब्वे पर पश्चिमी देशों की ओर से  लगाए गए एकपक्षीय व अन्यायपूर्ण प्रतिबंधों से महिलाओं और लड़कियों पर भारी दबाव पड़ा है।

इस मुलाक़ात में श्रीमती ख़ज़अली ने कहा कि दोनों देशों की साम्राज्यवादी विरोधी और स्वाधीनता प्रेमी भावना पारस्परिक रिश्तों को मज़बूत करने में प्रभावी रही है।

दोनों ही पक्षों ने ग़ज़ा में महिलाओं की स्थिति पर गहरा खेद जताया और ग़ज़ा के बेगुनाह अवाम के ख़िलाफ़ अमानवीय अपराधों का सिलसिला बंद किए जाने पर ज़ोर दिया।

संयुक्त राष्ट्र संघ ने फ़िलिस्तीनी बच्चों और माओं की हालत पर गहरी चिंता जताते हुए कहा है कि डाक्टर अब ग़ज़ा में नवजात शिशुओं का स्वाभाविक आकार नहीं देख पा रहे हैं।

संयुक्त राष्ट्र संघ के जनसंख्या कोष के अधिकारी डोमिनिक एलेन ने ग़ज़ा का दौरा करने के बाद एक प्रेस कान्फ़्रेंस में कहा कि ग़ज़ा में मानवता विरोधी गतिविधियां फ़िलिस्तीनी माओं के लिए डरावना सपना बन गई हैं और उनके बच्चे प्राकृतिक आकार से छोटे और बीमार अवस्था में पैदा हो रहे हैं।

डोमिनिक एलेन ने कहा कि ग़ज़ा पट्टी में जो पूरी तरह उजड़ चुका इलाक़ा है और वहां भुखमरी और पानी की क़िल्लत है राज़ाना 180 महिलाएं बच्चों को जन्म दे रही हैं और कुपोषण और संसाधनों की भारी कमी की वजह से बहुत से बच्चे मुर्दा पैदा हो रहे हैं या पैदा होने के कुछ ही घंटों बाद उनकी मौत हो जा रही है।

संयुक्त राष्ट्र संघ के अधिकारी ने संयुक्त राष्ट्र संघ के जनसंख्या कोष की ओर से भेजी गई सहायताओं की खेप इस्राईली अधिकारियों के ज़रिए रोक दिए जाने की कड़ी आलोचना करते हुए कहा कि मैंने ग़ज़ा में जो कुछ देखा वह मानवीय त्रास्दी से अधिक भयानक डरावना सपना है यह दरअस्ल मानवता का संकट है।

इस्राईली शासन अक्तूबर 2023 से पश्चिमी देशों के भरपूर समर्थन से ग़ज़ा पट्टी और वेस्ट बैंक में फ़िलिस्तीनियों के ख़िलाफ़ जंग कर रहा है।

इस्राईली हमलों में अब तक 31 हज़ार से अधिक फ़िलिस्तीनी शहीद और 72 हज़ार से अधिक घायल हो चुके हैं।

इस्राईली शासन की स्थापना ब्रितानी साम्राज्यवाद की साज़िश का नतीजा है जिसके तहत दुनिया के अलग अलग देशों से यहूदियों को फ़िलिस्तीन में लाकर बसाया गया औज्ञ 1948 में इस्राईल के गठन की घोषणा कर दी गई। उसी ज़माने से फ़िलिस्तीनियों के जनसंहार और उनकी ज़मीनें हड़पने का सिलसिला जारी है।

जमीयत उलमाई सूर लेबनान के प्रमुख ने कहा: जो कोई ग़ज़्ज़ा पट्टी, वेस्ट बैंक और दक्षिण लेबनान में ज़ायोनीवादियों द्वारा क्रूर हत्याओं और आतंकवाद के दृश्यों से प्रभावित नहीं है, ऐसा लगता है कि उसके पास मानवता नहीं है।

हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार, जमीयत उलेमाई सूर लेबनान के प्रमुख शेख अली यासीन अल-अमिली ने टायर शहर में मदरसा अल-इमिया मस्जिद में अपने शुक्रवार के उपदेश के दौरान कहा: गाजा पट्टी, वेस्ट बैंक और दक्षिण में जो कुछ भी है लेबनान। यदि यह ज़ायोनीवादियों द्वारा क्रूर हत्याओं और आतंकवाद के दृश्यों से प्रभावित नहीं है, तो इसमें कई अरब और इस्लामी सरकारों की तरह मानवता नहीं है।

उन्होंने आगे कहा: भले ही ऐसे लोग जीवन भर उपवास करें, लेकिन वे ग़ज़्ज़ा में एक बच्चे की हत्या में अपनी भागीदारी का प्रायश्चित नहीं कर सकते।

लेबनान के जमीयत उलमाई सूर के प्रमुख ने कहा: ग़ज़्ज़ा, जो न केवल इजरायली घेराबंदी के तहत है, बल्कि अरब और इस्लामी घेराबंदी के तहत भी है, और कोई भी नहीं है जो इस क्रूर घेराबंदी को तोड़कर उनकी मदद कर सके, लेकिन दूर का देश यमन है।

उन्होंने कहा: हम अरब और इस्लामी देशों और दुनिया के स्वतंत्र लोगों से अनुरोध करते हैं कि वे रमज़ान के पवित्र महीने के अनुसार कार्य करें और यदि वे ज़ायोनीवादियों के नरसंहार को रोकने के लिए कोई कार्रवाई नहीं करते हैं, तो कम से कम नरसंहार को रोकने के लिए कोई कार्रवाई नहीं करें। ग़ज़्ज़ा के बाकियों के जानलेवा अकाल को रोकना है, तो कुछ हाथ-पैर मारो।

उन्होंने आगे कहा: उपवास विश्वास और पवित्रता का प्रतीक है, और ज़ायोनी दुश्मन, बच्चों और महिलाओं के उत्पीड़क और हत्यारे के साथ संबंधों को सामान्य बनाना अनैतिक और विश्वासघाती है।

उन्होंने कहा: हमें उपवास और उसके अर्थ और ज़ायोनीवादियों के साथ संबंधों को सामान्य बनाने के बीच चयन करना चाहिए, क्योंकि उपवास के दौरान दुश्मन के साथ संबंधों को सामान्य बनाना विश्वास और अपराध के साथ अविश्वास को मिलाने जैसा है।

पाकिस्तान ने अफगानिस्तान पर एयर स्ट्राइक की है। इस हमले में अफगानिस्तान के दो प्रांतों को निशाना बनाया गया है।

बताया जा रहा है कि इस हमले में 7 लोगों की मौत हो गई है।

पाकिस्तान ने यह सर्जिकल स्ट्राइक अफगानिस्तान में घुसकर दो आतंकी ठिकानों पर की है। पाकिस्तान ने अफगानिस्तान में घुसकर तहरीक-ए-तालिबान के ठिकानों को निशाना बनाया है। यह एयर स्ट्राइक पाकिस्तान की सीमा से लगे खोस्त और पक्तिका प्रांत में दो अलग-अलग ठिकानों पर की गई है।

मीडिया आउटलेट खुरासान की रिपोर्ट के मुताबिक पक्तिका में हुई सर्जिकल स्ट्राइक में तालिबान के कमांडर अब्दुल्ला शाह के ठिकाने को निशाना बनाया गया है। हालांकि शाह मारा गया या नहीं इसकी पुष्टि नहीं हुई है लेकिन पाकिस्तानी सेना के इस हवाई हमले में शाह का घर पूरी तरह से ध्वस्त हो गया है।

खुरासान के मुताबिक मारे गए तालिबान के कट्टरपंथी हाफिज गुलबहादर समूह के सदस्य हैं जो पाकिस्तान के वजीरिस्तान में हुए आर्मी कैंप पर हुए हमले में शामिल थे। 16 मार्च को तड़के ही तालिबान के इन चरमपंथियों ने सेना के बेस कैंप पर हमला किया था जिसमें  विस्फोटकों से भरी गाड़ी से पोस्ट पर टक्कर मारी थी। इस भीषण धमाके में मौके पर सेना के 5 जवानों की मौत हो गई थी।

रूस के राष्ट्रपति चुनाव में विलादिमीर पुतीन को 87 प्रतिशत मत पड़े हैं। इस प्रकार से वे फिर रूस के राष्ट्रपति बन गए हैं।

 क्रेमलिन के हवाले से बताया जा रहा है कि रूस में राष्ट्रपति चुनाव के आयोजन के बाद विलादिमीर पुतीन ने 87.8 प्रतिशत वोट हासिल किये।

 पिछले 25 वर्षों में 71 वर्षीय विलादिमीर पुतीन रुस में सत्ता के चरम पर रहे हैं।  अब वे अगले छह वर्षों तक राष्ट्रपति पद पर आसीन रहेंगे।  इस हिसाब से रूस के राष्ट्रपति विलादिमीर पुतीन इस के इतिहास में पिछले 200 वर्षों के दौरान लंबी मुद्दत तक सत्ता पर विराजमान रहने वाले व्यक्ति बन गए हैं।

 राष्ट्रपति पद के लिए हुए चुनाव की मतगणना के बाद पुतीन ने संवाददाताओं से बात करते हुए कहा कि अमरीका की तुलना में रुस में चुनाव अधिक पारदर्शी होता है।

 पुतीन का कहना था कि पश्चिम, रूस के साथ सशस्त्र युद्ध में व्यस्त है।  एसे में स्वभाविक सी बात है कि वह चुनाव के परिणाम पर सवाल उठाए।  उनका यह भी कहना था कि रूस के राष्ट्रपति चुनाव को प्रभावित करने के लिए अमरीका ने अपनी न्याय व्यवस्था का प्रयोग किया।  रूस के राष्ट्रपति कहते हैं कि उनके देश के लोकतंत्र पर शक नहीं किया जा सकता।

 सोमवार को रूस ने घोषणा की है कि देश में राष्ट्रपति पद के चुनाव के दौरान अमरीका की गुप्तचर सेवा की कार्यवाहियों पर आपत्ति प्रकट करते हुए वाशिग्टन को डिप्लोमैटिक पत्र भेजा गया है।  ज्ञात रहे कि विलादिमीर पुतीन पहली बार सन 2000 में रूस के राष्ट्रपति बने थे। 

 

शनिवार रात गुजरात विश्वविद्यालय के एक हॉस्टल में नमाज़ पढ़ने वाले कुछ विदेशी छात्रों पर दक्षिणपंथी हिंदू संगठनों के कुछ सदस्यों ने हमला बोल दिया और उनके साथ मारपीट की।

यूनिवर्सिटी हॉस्टल के ए ब्लॉक में अफ़ग़ानिस्तान, उज़्बेकिस्तान, अफ्रीक़ा और दूसरे देशों के छात्रों पर क़रीब 25 लोगों ने पत्थरों और लाठियों से हमला कर दिया। हमले में कम से कम 2 छात्र घायल हो गए हैं। घाटल छात्रों को इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती करवाया गया है।

गुजरात कांग्रेस के नेता ग़यासुदीन शेख़ ने इस घटना की निंदा करते हुए राज्य में बीजेपी सरकार की नीतियों पर सवाल उठाए हैं।

घटनास्थल पर हर तरफ़ पत्थर बिखरे पड़े थे और वहां आसपास खड़ी छात्रों की गाड़ियों की भी तोड़ दिया गया था। इस्लामोफ़ोबिया की इस घटना से हॉस्टल के छात्र भी डरे हुए और उदास थे।

एक विदेशी छात्र का कहना था कि हम जैसे बाहर से आने वाले छात्रों के लिए अब यहां रहना बड़ी चुनौती है। यह अंतरराष्ट्रीय छात्रों का छात्रावास है। इसकी जांच होनी चाहिए कि यह लोग यहां झुंड बनाकर कैसे घुस जाते हैं। ऐसे लोग अक्सर यहां आते हैं और ज़बरदस्ती जय श्री राम का नारा लगाने के लिए कहते हैं या फिर जान से मार डालने की धमकी देते हैं। ऐसी घटनाएं पहले भी हो चुकी हैं। दूसरे देशों के छात्रों के लिए यहां बहुत जोखिम है।

इस पूरे मामले में अहमदाबाद पुलिस ने एफ़आईआर दर्ज की है। हालांकि, अभी तक किसी की भी गिरफ्तारी नहीं हुई है।

भारत के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने गुजरात यूनिवर्सिटी में अंतरराष्ट्रीय छात्रों के साथ नमाज़ को लेकर हुई मारपीट की घटना पर कहा है कि अहमदाबाद की गुजरात यूनिवर्सिटी में हिंसा की घटना हुई है। राज्य सरकार अपराधियों के ख़िलाफ़ सख्त कार्यवाही कर रही है।

उत्तरी ग़ज़्ज़ा में कुपोषण का शिकार फ़िलिस्तीनी बच्चों की संख्या दो बराबर हो चुकी है।

पार्सटुडे के अनुसार यूनिसेफ ने बताया है कि ग़ज़्ज़ा में कुपोषण का शिकार बच्चों की संखया दोगुनी हो गई है।

यूनीसेफ की ताज़ा रिपोर्ट के अनुसार उत्तरी ग़ज़्ज़ा की पट्टी में दो साल के हर तीन फ़िलिस्तीनी बच्चों में से एक बच्चा बुरी तरह से कुपोषण का शिकार है।

यूनीसेफ की प्रबंधक कैटरीन रसेल ने कहा है कि ग़ज़्ज़ा में कुपोषण, स्तब्ध करने की हद तक बढ चुका है।  उन्होंने कहा कि यहां पर बच्चों की स्थति हर दिन ख़राब होती जा रही है।

फ़िलिस्तीनी शरणार्थियों के लिए काम करने वाली संयुक्त राष्ट्रसंघ की संस्था आनरवा ने भी घोषणा की है कि ग़ज़्ज़ा के बच्चों में कुपोषण बहुत ही तेज़ी से अभूतपूर्व ढंग से फैलता जा रहा है।  वहां पर अकाल के हालात बन चुके हैं।

अवैध ज़ायोनी शासन ने पश्चिमी देशों के समर्थन से अक्तूबर 2023 से ग़ज़्ज़ा में व्यापक स्तर पर फ़िलिस्तीनियों का जनसंहार आरंभ कर रखा है।  ज़ायोनियों के हमलों में अबतक 31000 से अधिक फ़िलिस्तीनी शहीद हो चुके हैं।  इन हमलों में घायल होने वाले फ़िलिस्तीनियों की संख्या 72 हज़ार को पार कर चुकी है।

फ़िलिस्तीन की भूमि पर विभिन्न देशों के यहूदियों को भेजने की ब्रिटेन की योजना के अन्तर्गत 1948 में अवैध ज़ायोनी शासन का गठन हुआ था।  उस समय में फ़िलिस्तीनियों को उनकी भूमि से हटाने और उसको हड़पने के लिए अवैध ज़ायोनी शासन, जनसंहार का सहारा लिए हुए है।

विदेशमंत्रालय के प्रवक्ता नासिर कनआनी ने ईरान के विभाजन के संबंध में एक पूर्व ज़ायोनी सुरक्षा अधिकारी के बयान की प्रतिक्रिया में कहा है कि यह आरज़ू तुम्हारे साथ कब्र में जायेगी।

जायोनी सरकार के पूर्व सुरक्षा अधिकारी मर्दखायी कीदार ने कहा था कि वह इस्लामी गणतंत्र ईरान को 6 देशों में बटा हुआ देखना चाहता है।

विदेशमंत्रालय के प्रवक्ता ने सोशल मिडिया पर इस निर्लज्ज बयान की प्रक्रिया में लिखा कि इस बेचारे जायोनी ने इससे पहले भी कहा था कि ईरान को टुकड़े- टुकड़े करना चाहता है।

इसी प्रकार विदेशमंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा कि इस पूर्व जायोनी सुरक्षा अधिकारी का बयान ईरान के बारे में दुश्मनों के इरादों का स्पष्ट प्रमाण व सुबूत है यद्यपि यह पहली बार नहीं है कि जायोनी दुश्मन ईरान के बारे में अपनी वास्तविक नीयत को इस तरह से बयान कर रहा है।

इसी प्रकार विदेशमंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा है कि इस्लामी गणतंत्र ईरान चार दशकों से अधिक समय से इस प्रकार की बातों को सुन रहा और पूरी शक्ति व गौरव के साथ आगे बढ़ रहा है। नासिर कनआनी ने कहा कि ज़रूरी है कि खत्म हो रहे जायोनियों को एक बार फिर बता दूं कि गत 45 वर्षों के दौरान ईरान में रहने वाली विभिन्न जातियों व कौमों ने देश की एकता के लिए लगभग ढ़ाई लाख लोगों के जानों की कुर्बानी दे दी ताकि ईरान एकजुट बना रहे और इस देश की एक इंच ज़मीन भी कम न हो।

विदेशमंत्रालय के प्रवक्ता ने इसी प्रकार कहा कि ईरान के विभाजन की आरज़ू गत 45 वर्षों के दौरान दुश्मन की बातिल व गलत आरज़ूओं की तरह है कि जो प्रतिरोध के एक गुट से नहीं निपट पा रहा है और अपनी विफलताओं को छिपाने के लिए महिलाओं और बच्चों की हत्या कर रहा है।

विदेशमंत्रालय के प्रवक्ता नासिर कनआनी ने ईरान के विभाजन के संबंध में एक पूर्व ज़ायोनी सुरक्षा अधिकारी के बयान की प्रतिक्रिया में कहा है कि यह आरज़ू तुम्हारे साथ कब्र में जायेगी।

जायोनी सरकार के पूर्व सुरक्षा अधिकारी मर्दखायी कीदार ने कहा था कि वह इस्लामी गणतंत्र ईरान को 6 देशों में बटा हुआ देखना चाहता है।

विदेशमंत्रालय के प्रवक्ता ने सोशल मिडिया पर इस निर्लज्ज बयान की प्रक्रिया में लिखा कि इस बेचारे जायोनी ने इससे पहले भी कहा था कि ईरान को टुकड़े- टुकड़े करना चाहता है।

इसी प्रकार विदेशमंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा कि इस पूर्व जायोनी सुरक्षा अधिकारी का बयान ईरान के बारे में दुश्मनों के इरादों का स्पष्ट प्रमाण व सुबूत है यद्यपि यह पहली बार नहीं है कि जायोनी दुश्मन ईरान के बारे में अपनी वास्तविक नीयत को इस तरह से बयान कर रहा है।

इसी प्रकार विदेशमंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा है कि इस्लामी गणतंत्र ईरान चार दशकों से अधिक समय से इस प्रकार की बातों को सुन रहा और पूरी शक्ति व गौरव के साथ आगे बढ़ रहा है। नासिर कनआनी ने कहा कि ज़रूरी है कि खत्म हो रहे जायोनियों को एक बार फिर बता दूं कि गत 45 वर्षों के दौरान ईरान में रहने वाली विभिन्न जातियों व कौमों ने देश की एकता के लिए लगभग ढ़ाई लाख लोगों के जानों की कुर्बानी दे दी ताकि ईरान एकजुट बना रहे और इस देश की एक इंच ज़मीन भी कम न हो।

विदेशमंत्रालय के प्रवक्ता ने इसी प्रकार कहा कि ईरान के विभाजन की आरज़ू गत 45 वर्षों के दौरान दुश्मन की बातिल व गलत आरज़ूओं की तरह है कि जो प्रतिरोध के एक गुट से नहीं निपट पा रहा है और अपनी विफलताओं को छिपाने के लिए महिलाओं और बच्चों की हत्या कर रहा है।

जानकार हल्कों का मानना है कि ईरान के दुश्मन विशेषकर अमेरिका और इस्राईल उसे पीछे और कमज़ोर करने के लिए हमेशा षडयंत्र रचते रहते हैं परंतु उन्हें अपने शैतानी लक्ष्यों में मुंह की खानी पड़ती है। 45 साल पहले अमेरिका, ब्रिटेन और ईरान के दूसरे दुश्मनों ने ईरान की इस्लामी क्रांति को सफल होने से रोकने के लिए किसी प्रकार के प्रयास में संकोच से काम नहीं लिया।

ईरान की इस्लामी क्रांति को खत्म करने के लिए तेहरान के दुश्मनों ने सद्दाम को उकसाकर ईरान पर व्यापक हमला करवा दिया और सद्दाम का व्यापक समर्थन किया, उसे सहम के आधुनिकतम हथियारों से लैस किया और यह युद्ध 8 वर्षों तक चला परंतु आक्रमणकारी सद्दाम के नियंत्रण में ईरान की एक इंच ज़मीन भी बाकी न रही और सद्दाम का सपना साकार नहीं हो सका।

दूसरे शब्दों में ईरान के दुश्मनों का सपना साकार न हो सका। आज भी ईरान के दुश्मन उसे पीछे रखने के लिए आये दिन तेहरान के खिलाफ नित नये षडयंत्र रचते हैं। सारांश यह कि ईरान के दुश्मन ईरान को खत्म या उसे कमज़ोर करने के लिए जो भी कर सकते हैं उसे कर रहे हैं और जो नहीं कर सकते उसे नहीं किया।

ईरान के दुश्मनों ने अच्छी तरह समझ लिया है कि उस पर हमला करके इस्लामी व्यवस्था को बदला नहीं जा सकता इसलिए उन्होंने तेहरान के खिलाफ प्रतिबंधों की नीति अपनाई है परंतु गत 45 वर्षों के अनुभव इस बात के सूचक व साक्षी हैं कि ईरान के दुश्मनों के षडयंत्र हमेशा विफल रहेंगे।