कट्टरपंथी नाज़ी ने स्वीकार किया इस्लाम धर्म

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कट्टरपंथी नाज़ी ने स्वीकार किया इस्लाम धर्म

पवित्र क़ुरआन की आयत है कि ईश्वर जिसको चाहता है उसका मार्ग दर्शन करता है। यह बात जर्मनी के एक नागरिक पर सच्ची उतरती है और ईश्वर की एक कृपा दृष्टि उनके लोक परलोक को ही बदल कर रख दिया।

जर्मनी के शहरी वेर्नीयर क्लावन इस्लाम धर्म स्वीकार करने से पहले तक बहुत कट्टर नाज़ी थे और इस्लाम धर्म का जमकर विरोध किया करते थे किन्तु ईश्वर की कृपा दृष्टि वेर्नीयर पर पड़ी और उनका सब कुछ बदल गया। पहले जो हाथ इस्लाम के विरुद्ध नारे लगाने और लोगों को इस्लाम के विरुद्ध उकसाने में उठते थे अब वही हाथ ईश्वर की उपासना में उठने लगे और अब वह पांचों समय की नमाज़ मस्जिद में जाकर अदा करते हैं।

उनके भीतर यह बदलाव पवित्र क़ुरआन की तिलावत से पैदा हुआ है। वह पवित्र क़ुरआन की तिलावत के बारे में कहते हैं कि जब उन्होंने जर्मनी के महान शायर जोहान वुल्फ़गांग के लिखे दिवान और उनके शेर पढ़े जिसमें जोहान ने पैग़म्बरे इस्लाम की बहुत अधिक प्रशंसा की है तो उनके दिल में इस्लाम को अधिक और निकट से जानने की इच्छा पैदा हुई।

पवित्र क़ुरआन पढ़ने के बाद उनकी समझ में आया कि दुनिया और जीवन का जो रहस्य क़ुरआन ने बयान किया है और जिस प्रकार मानवीय मुद्दों को उसने बयान किया है वैसा किसी भी धार्मिक ग्रंथ में बयान नहीं किया गया है। इसी से प्रभावित होकर उन्होंने इस्लाम धर्म को गले लगा लिया और सीरिया, इराक़ और अफ़ग़ानिस्तान से जाने वाले शरणार्थियों की सेवा करते हैं।

 

 

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