कनाडियन मुसलमान संयुक्त राज्य अमेरिका में प्रवेश करने के बारे में चिंतित हैं

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कनाडियन मुसलमान संयुक्त राज्य अमेरिका में प्रवेश करने के बारे में चिंतित हैं

ट्रम्प ने पहली बार सितंबर 2017 में संयुक्त राज्य अमेरिका में मुस्लिमों के प्रवेश पर रोक लगाने वाले क़ानून को लागू किया था, जिसमें ईरान, लीबिया, सोमालिया, सीरिया और यमन समेत सात देशों हैं।
यद्यपि इस क़ानून में कनाडा का नाम नहीं दिया गया है, लेकिन बहुत से कनाडाई मुस्लिम भेदभाव और विभिन्न समस्याओं के साथ अमेरिकी सीमा पार करने के बारे में चिंतित हैं।
टोरंटो, कनाडा के ऐक निवासी, जो अपने परिवार को शिकागो में देखने के लिए सालाना कई बार संयुक्त राज्य अमेरीका की सीमा से यात्रा करना पड़ता है, ने कहा, "हर बार जब मैं सीमा पार करना चाहता हूं, तो मेरा दिल जल उठता है और सांसे रुक जाती हैं। मुझे नहीं पता कि वे मुझे वीज़ा देंगे या नहीं। क्योंकि मैंने अन्य मुसलमानों से कुछ ऐसी बातें सुनी हैं जिनसे मैं चिंतित हूं और मैं डरता हूं कि मेरे साथ भी उसी तरह का व्यवहार और भेदभाव करें।
मुस्लिम नागरिकों के खिलाफ भेदभाव के इसी तरह के मामले उच्च रहे हैं, और पिछले हफ्ते कनाडा में निवासी कई सीरियाई बच्चों को वाशिंगटन स्थित त्यौहार में भाग लेने के लिए वीजा जारी नहीं किया।
कनाडियन मुस्लिम राष्ट्रीय परिषद ने इस देश के मुस्लिमों को सलाह दी है, अमेरिकी दूतावास में प्रवेश करने से पहले टिकट और सही पता जहां स्वयं जाना चाहते हैं सभी दस्तावेजों के साथ जाऐं, और अगर उनका वीज़ा रद्द कर दिया गया हो और उनके साथ भेदभाव किया गया हो तो चाहिए कि अधिकारी से अपने वीजा के रद्द होने का कारण का विवरण लिखित रूप लें और उन्हें उस व्यक्ति का नाम भी याद रखें जिसने इनकार कर दिया था। इसके अलावा, अगर कोई गवाह है, तो उस से टेलीफ़ून नंबर ले लें।

 

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