आयरलैंड के उप प्रधानमंत्री और विदेश, व्यापार व रक्षा मामलों के मंत्री ने घोषणा की है कि यह देश एक ऐसे क़ानून को पारित करने की दिशा में कोशिश व प्रयास कर रही है जिसके तहत फ़िलिस्तीन के अतिग्रहित क्षेत्रों में स्थित ज़ायोनी कंपनियों के साथ व्यापार को निलंबित किया जाएगा।
आयरलैंड के उप प्रधानमंत्री और विदेश, व्यापार एवं रक्षा मंत्री साइमन हैरिस ने शनिवार को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म "एक्स" पर एक संदेश में कहा कि: आयरलैंड एक ऐसे क़ानून को पारित करने की दिशा में काम कर रहा है जिसके तहत फ़िलिस्तीन के अतिग्रहित क्षेत्रों में स्थित ज़ायोनी कंपनियों के साथ व्यापार को निलंबित किया जाएगा।
उन्होंने कहा कि आयरलैंड सरकार इस विधेयक पर आधिकारिक निर्णय लेने की प्रक्रिया में है और उसे उम्मीद है कि विदेश मामलों की समिति जून महीने में इस विधेयक की समीक्षा शुरू करेगी।
हैरिस ने यह भी कहा कि उन्होंने ग़ज़ा की घेराबंदी के दौरान बच्चों को भूखा रखने और भोजन को युद्ध के हथियार के रूप में इस्तेमाल किए जाने की कड़ी निंदा की है।
उनके अनुसार इस नाकेबंदी के कारण 80 से अधिक दिनों तक 6 हज़ार से ज़्यादा फिलिस्तीनियों के लिए सहायता पहुंचाने वाले हज़ारों ट्रक, जिनमें आयरलैंड के ट्रक भी शामिल हैं, ग़ज़ा में प्रवेश नहीं कर सके।
वायु रक्षा प्रणालियों के विकास में ईरान की उल्लेखनीय प्रगति
ब्रिगेडियर जनरल अलीरज़ा सबाही फ़र्द, जो कि ख़ातम अल-अंबिया (स) संयुक्त वायु रक्षा मुख्यालय के कमांडर हैं, ने कल इस बल के कमांडरों और अधिकारियों की एक सभा में ईरानी सशस्त्र बलों की शक्ति की ओर इशारा करते हुए कहा: इस्लामी गणराज्य ईरान की सशस्त्र सेनाओं की सैन्य शक्ति और प्रतिरोधक क्षमता एक महत्वपूर्ण और निर्णायक चीज़ है और इसे बढ़ाने के लिए सभी उपलब्ध क्षमताओं और संसाधनों का भरपूर उपयोग किया जाएगा।
सबाही फ़र्द ने वायु रक्षा प्रणालियों के विकास में प्रगति की आवश्यकता पर ज़ोर देते हुए कहा: जैसा कि हाल ही में सशस्त्र बलों के चीफ़ ऑफ़ स्टाफ द्वारा भी कहा गया, स्वदेशी हथियार प्रणालियों के डिज़ाइन और विकास के क्षेत्र में हमने उल्लेखनीय सफलताएँ प्राप्त की हैं।
उन्होंने यह भी कहा कि सामग्री और उपकरणों की कार्यक्षमता बढ़ाने के क्षेत्र में निरंतर और दिन-रात मेहनत की जा रही है ताकि इन लक्ष्यों को पूरी तरह से हासिल किया जा सके।
अमेरिका के टेक्सास राज्य में कई मस्जिदों पर हमला
शनिवार शाम अमेरिकी मीडिया ने रिपोर्ट किया कि टेक्सास राज्य की राजधानी ऑस्टिन में तीन मस्जिदों पर हमला किया गया और तोड़फोड़ की गई है। इस घटना के बाद इस्लामी संस्थाओं ने पुलिस से मस्जिदों के आसपास सुरक्षा उपायों को बढ़ाने का आग्रह किया है।
ऑस्टिन शाखा, अमेरिकी-इस्लामी संबंध परिषद ने ऑस्टिन पुलिस विभाग से अनुरोध किया है कि वह नोएसिस मस्जिद, अहल-ए-बैत इस्लामी एसोसिएशन और ऑस्टिन की अन्य मस्जिदों के आसपास सुरक्षा गश्त बढ़ाए।
यह अनुरोध इसके बाद किया गया है कि ऑस्टिन धर्म केंद्र, नोएसिस मस्जिद और अहले - बैत इस्लामी एसोसिएशन की मस्जिदों को निशाना बनाकर तोड़फोड़ की गई है।
लेबनान के प्रधानमंत्री: हम इसराइली शासन की गारंटी पर भरोसा नहीं करते
लेबनान के प्रधानमंत्री नवाफ़ सलाम ने कल कहा कि उनका देश लगातार अपने बंदियों की रिहाई और अतिग्रहित क्षेत्रों को वापस पाने के प्रयास में लगा हुआ है। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि लेबनान सरकार इसराइली शासन की गारंटियों पर भरोसा नहीं करती।
रूस ने यूक्रेन में तीन और कस्बों पर कब्ज़ा कर लिया
रूस के रक्षा मंत्रालय ने रविवार को घोषणा की कि रूसी बलों ने डोनेट्स्क क्षेत्र में दो कस्बों और यूक्रेन के उत्तर में सुमी क्षेत्र में एक कस्बे पर कब्ज़ा कर लिया है।
रक्षा मंत्रालय के बयान के अनुसार, रूसी सेना ने डोनेट्स्क क्षेत्र के पूर्वी हिस्से में कोस्टीआन्टिनिका के पास स्थित स्तोपुचकी गांव पर कब्ज़ा किया है, जो हाल ही में रूसी दबाव में था।
साथ ही बयान में कहा गया है कि रूसी बलों ने एक हज़ार किलोमीटर पश्चिमी मोर्चे पर वेस्टरन इलाके में उडराड्ने गांव और रूसी सीमा के भीतर सुमी क्षेत्र में लोकेन्या गांव को भी अपने नियंत्रण में ले लिया है।
ऑस्ट्रेलियाई सांसद: ऑस्ट्रेलिया को इज़राइल के खिलाफ कड़ा रुख अपनाना चाहिए
ऑस्ट्रेलिया के लेबर पार्टी के सदस्य और पूर्व उद्योग एवं विज्ञान मंत्री एड हॉसिच ने शनिवार को इज़राइल द्वारा ग़ज़ा की घेराबंदी के प्रति ऑस्ट्रेलिया सरकार के रुख की आलोचना की और कहा कि ऑस्ट्रेलिया को इज़राइली शासन के खिलाफ अधिक सख्त रवैया अपनाना चाहिए।
उन्होंने गार्डियन को दिए एक साक्षात्कार में कहा कि: अभी ऑस्ट्रेलिया अधिक क़दम उठा सकता है और उठाना चाहिए। सबसे पहले, हमें इज़राइल के राजदूत को तलब करना चाहिए ताकि स्पष्ट रूप से यह मांग की जा सके कि इज़राइल सरकार को मानवीय सहायता के अधिक स्वतंत्र और तेज़ ट्रांसफर की अनुमति देनी चाहिए। जो वर्तमान में ग़ज़ा में सहायता पहुंचाने की अनुमति है, वह बिल्कुल अपर्याप्त और अस्वीकार्य है।