अराफात के मैदान में निराशा का अंत

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अराफात के मैदान में निराशा का अंत

 पैगम्बर मुहम्मद (स) ने एक रिवायत में बताया है कि जो व्यक्ति अराफात के मैदान से निराशा में लौटता है, वह सबसे बड़ा गुनाहगार होता है।

निम्नलिखित रिवायत को "बिहार उल-अनवार" पुस्तक से लिया गया है। इस रिवायत का पाठ इस प्रकार है:

قال رسول اللہ صلی اللہ عليه وآله:

أعظَمُ أهلِ عَرَفاتٍ جُرماً مِنِ انصَرَفَ وهُوَ یَظُنُّ أنَّهُ لَن یُغفَرَ لَهُ

पैग़म्बर (स) ने फ़रमाया:

अराफ़ात के लोगों का सबसे बड़ा गुनाह यह है कि वह भटक जाता है और सोचता है कि उसे माफ नहीं किया जाएगा।

बिहार उल-अनवार, भाग 99, पेज 248

 

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