"दुनिया ने ईरान के अद्वितीय हथियारों की प्रभावशीलता देख ली

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"दुनिया ने ईरान के अद्वितीय हथियारों की प्रभावशीलता देख ली

सेंट पीटर्सबर्ग माइनिंग यूनिवर्सिटी के कुलपति ने 12-दिवसीय युद्ध में इज़रायल और अमेरिका की कार्रवाइयों की निंदा करते हुए कहा: "ईरानी सशस्त्र बलों ने अपने वैज्ञानिकों और इंजीनियरों के अथक प्रयासों से विकसित अद्वितीय हथियारों का कुशलतापूर्वक उपयोग करके अपनी क्षमता का प्रदर्शन किया।

समाचार एजेंसी पार्सटुडे के अनुसार प्रोफ़ेसर व्लादिमीर लिटविनेंको ने इमाम हुसैन यूनिवर्सिटी के कुलपति मोहम्मद रेज़ा हसनी आहनगर को लिखे पत्र में यह बात कही, जिसकी एक प्रति मंगलवार को मॉस्को स्थित आईआरएनए कार्यालय को सौंपी गई।

 सेंट पीटर्सबर्ग माइनिंग यूनिवर्सिटी के कुलपति ने ज़ोर देकर कहा: "हालिया इज़राइली हमलों में ईरानी वैज्ञानिकों, उनके परिवारों और अन्य नागरिकों की हत्या मानव जीवन के मौलिक अधिकार और अंतरराष्ट्रीय मानवीय कानूनों का स्पष्ट उल्लंघन है जिसकी वैश्विक स्तर पर निंदा होनी चाहिए।"

 विश्व बहुध्रुवीय व्यवस्था की ओर आगे बढ़ रहा है

पत्र में उन्होंने इज़राइल और अमेरिका द्वारा इस्लामिक रिपब्लिक ईरान पर सैन्य आक्रमण का कारण विश्व की एकध्रुवीय व्यवस्था से बहु-ध्रुवीय व्यवस्था की ओर अग्रसर होने की प्रक्रिया में देखा। उन्होंने कहा:

"उदारवाद का संकट मानव जीवन के सभी पहलुओं में स्पष्ट है। इसने हमारी सभ्यता को न केवल सांस्कृतिक, वैचारिक, वैज्ञानिक, तकनीकी और आर्थिक गतिरोध में धकेल दिया है बल्कि इसके अस्तित्व को भी गंभीर खतरे में डाल दिया है।

 अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था में हाल के वर्षों में हुए परिवर्तनों का उल्लेख करते हुए लिटविनेंको ने कहा:

तब से अब तक विश्व मूलभूत रूप से बदल गया है और क्षेत्रीय व्यवस्था का एक नया युग शुरू हो गया है।

 उन्होंने आगे कहा: इस संदर्भ में, उदारवादी विचारधारा पतन, विघटन और मृत्यु के संकेत प्रदर्शित कर रही है। साथ ही, हम पतनकारी सांस्कृतिक प्रसार, विकृतियों का वैधीकरण, पारिवारिक संस्था का विध्वंस, अल्पसंख्यकों का तानाशाही रवैया, जन्म दर में गिरावट, सार्वजनिक रूप से शैतानवाद का प्रचार और वैचारिक व राजनीतिक हितों के लिए विज्ञान के साधनात्मक दुरुपयोग को देख रहे हैं।

 ईरान पर हमला निराधार था

सेंट पीटर्सबर्ग माइनिंग यूनिवर्सिटी के कुलपति का मानना है:

"वर्तमान परिस्थितियों में हम राष्ट्रीय संप्रभुता को नष्ट करने, वैध सरकारों को गिराने और सशस्त्र संघर्ष भड़काने के प्रयास देख रहे हैं। परमाणु विश्वयुद्ध द्वारा मानवता के विनाश की धमकी अब कोई भयावह कल्पना नहीं, बल्कि एक ठोस वास्तविकता बन चुकी है। जैसा कि ईरान में हुआ - बिना किसी उचित कारण के अमेरिका ने अपनी पूर्व शक्ति का प्रदर्शन करने हेतु परमाणु प्रौद्योगिकी विकसित करने की संभावना वाले केंद्रों पर बमबारी की।"

 राष्ट्रीय संप्रभुता की रक्षा में अग्रणी ईरान

लिटविनेंको ने पत्र के एक अन्य भाग में उल्लेख किया:

"पारंपरिक मूल्यों पर आधारित ईरान, वैश्विक उदारवाद-विरोधी इस परिवर्तन और पश्चिम के विरोध में, राष्ट्रीय संप्रभुता की रक्षा करने वाले अग्रणी देशों की पंक्ति में खड़ा है।

 शोक संदेश

पत्र के अंत में इमाम हुसैन विश्वविद्यालय के कुलपति को संबोधित करते हुए उन्होंने लिखा:

"कृपया हमारे विश्वविद्यालय के शैक्षणिक स्टाफ और कर्मचारियों की हार्दिक संवेदनाएँ निर्दोष पीड़ितों के परिवारों और गौरवशाली ईरानी जनता तक पहुँचाएँ। हमारी आशा है कि यह दुःख आपके राष्ट्र को स्वयं की संप्रभुता की रक्षा के मार्ग में और अधिक एकजुट करेगा।"

 सेंट पीटर्सबर्ग माइनिंग यूनिवर्सिटी ने अपनी वेबसाइट पर इस पत्र को प्रकाशित करते हुए लिखा है: "पिछले कुछ हफ्तों में, इस्लामिक रिपब्लिक ईरान के कई प्रतिष्ठित और विश्व-विख्यात शोधकर्ता आतंकवादी कार्यवाहियों के शिकार होकर शहीद हुए हैं।

 रूसी विश्वविद्यालय ने आगे कहा: "इनमें से अनेक वैज्ञानिक हस्तियाँ हमारे विश्वविद्यालय के शिक्षाविदों के लिए परिचित थीं, क्योंकि ईरान के प्रमुख विश्वविद्यालयों के साथ सहयोग के दौरान उनके साथ घनिष्ठ संपर्क था।"

 रिपोर्ट में जोड़ा गया: "रूसी संघ के एक रणनीतिक साझेदार के रूप में रूसी विशेषज्ञों के ईरान में प्रशिक्षण कार्यक्रम और ईरानी शोधकर्ताओं की रूस की उत्तरी राजधानी सेंट पीटर्सबर्ग की वैज्ञानिक यात्राएँ हमेशा पूरी तरह से रचनात्मक और शैक्षणिक प्रकृति की रही हैं। इस संदर्भ में तेल निष्कर्षण एवं प्रसंस्करण, ऊर्जा, खनिज संसाधनों की खोज और पहचान जैसे क्षेत्रों में अंतर्राष्ट्रीय समूह बने हैं और सफलतापूर्वक कार्य कर रहे हैं।

 विश्वविद्यालय ने बताया: "दोनों देशों के प्रतिष्ठित प्रोफेसरों के मार्गदर्शन में छात्र पारस्परिक समर स्कूलों में भाग लेते रहे हैं। 'हम साथ में अधिक मजबूत हैं' का नारा न केवल पिछले सहयोगों का केंद्रबिंदु रहा है बल्कि संयुक्त कार्यक्रम 'उम्मीद-मोबाइल इंटेलिजेंस' का मुख्य आदर्श वाक्य बना हुआ है। 

 

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