ऑस्ट्रेलिया में 7 अक्टूबर 2023 को फ़िलिस्तीनी संगठन हमास के इज़राइल पर सीमा पार हमलों के बाद से इस्लामोफोबिया की घटनाओं में तेज़ी से वृद्धि हुई है।
प्राप्त रिपोर्ट के अनुसार, जनवरी 2023 से नवंबर 2024 तक इस्लामोफोबिया के 600 से अधिक व्यक्तिगत और ऑनलाइन मामले दर्ज किए गए हैं, जिनमें लगभग 75% पीड़ित महिलाएं और लड़कियां हैं, जबकि अधिकतर हमलावर गैर-मुस्लिम पुरुष होते हैं। ऑनलाइन घटनाओं में 250% और व्यक्तिगत हमलों में 150% की वृद्धि हुई है। हमले खास तौर पर हिजाब पहनने वाली मुस्लिम महिलाओं को निशाना बनाते हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि वैश्विक राजनीतिक परिस्थितियां इस स्थिति को बढ़ावा देती हैं, लेकिन राजनीतिक बयानबाज़ी और स्थानीय कारण भी महत्वपूर्ण हैं। प्रभावित महिलाओं को रोज़मर्रा की जिंदगी में इस्लामोफोबिया का सामना करना पड़ रहा है, जो अब एक गंभीर समस्या बन चुकी है।
यह रिपोर्ट मोनाश और डीकिन विश्वविद्यालयों के शोधकर्ताओं द्वारा तैयार की गई है, जिन्होंने लाखों सोशल मीडिया पोस्ट और शिकायतों का विश्लेषण किया है। परिणामस्वरूप, इस्लामोफोबिया न केवल व्यक्तिगत हमलों के रूप में बल्कि ऑनलाइन नफरत और अपमान के रूप में भी बहुत बढ़ गया है, खासकर महिलाओं को विशेष रूप से निशाना बनाया जा रहा है।
संक्षेप में, ऑस्ट्रेलिया में फिलिस्तीन-इज़राइल संघर्ष के बाद इस्लामोफोबिया में भारी वृद्धि हुई है, विशेषकर मुस्लिम महिलाएं इसका शिकार हो रही हैं, और यह समस्या अब सरकार और समाज दोनों से समाधान की मांग करती है।