सूडान के मजलूम लोग आज मुस्लिम उम्मत के सामूहिक समर्थन के मुंतज़िर हैं

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सूडान के मजलूम लोग आज मुस्लिम उम्मत के सामूहिक समर्थन के मुंतज़िर हैं

एमडब्ल्यूएम कराची डिवीजन के अध्यक्ष मौलाना सादिक जाफरी ने सूडान में जारी गृहयुद्ध, मानवीय त्रासदी और मजलूम लोगों पर हो रहे भीषण अत्याचारों पर गहरी चिंता और अफसोस जताया है। उन्होंने कहा कि पिछले दो साल से सूडान के विभिन्न शहरों, विशेष रूप से दारफुर और अल-फाशिर में सैन्य गुटों के बीच जारी खूनी संघर्षों ने पूरे देश को तबाही के कगार पर पहुँचा दिया है।

मौलाना सादिक जाफरी ने कहा कि हज़ारों निर्दोष नागरिक, महिलाएं और बच्चे मारे गए हैं या विस्थापित हुए हैं; लाखों लोग भूख, प्यास और बिना चिकित्सा सुविधाओं के शिविरों में जीवन बिताने को मजबूर हैं। अस्पताल,इबादत स्थल और आवासीय क्षेत्र निशाना बनाए जा रहे हैं।

उन्होंने कहा कि यह स्थिति स्पष्ट रूप से मानवाधिकारों, अंतरराष्ट्रीय कानूनों और इस्लामी मूल्यों की स्पष्ट उल्लंघन है।

मौलाना सादिक जाफरी ने कहा कि मजलिस-ए-वहदत-ए-मुस्लिमीन वैश्विक संस्थाओं, विशेष रूप से संयुक्त राष्ट्र, ओआईसी, अफ्रीकी यूनियन और मानवाधिकार संगठनों से मांग करती है कि वे तुरंत युद्धविराम के लिए दबाव डालें और मानवीय आधार पर सहायता के रास्ते खोलें।

उनका कहना था कि निर्दोष नागरिकों के नरसंहार और युद्ध अपराधों की पारदर्शी जांच की जाए, प्रभावित क्षेत्रों में संयुक्त राष्ट्र की निगरानी में शांति मिशन तैनात किया जाए, ताकि नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके, वैश्विक विवेक को जगाया जाए, ताकि दुनिया सूडान के मजलूम लोगों के साथ खड़ी हो, न कि चुप दर्शक बनी रहे।

उन्होंने कहा कि मजलिस-ए-वहदत-ए-मुस्लिमीन इस बात पर विश्वास रखती है कि दुनिया के किसी भी क्षेत्र में अत्याचार और आक्रामकता के खिलाफ आवाज उठाना ईमान की मांग है, सूडान के मजलूम लोग आज मुस्लिम उम्मा की सामूहिक समर्थन के मुंतज़िर हैं।

हम हर स्तर पर उनकी आवाज बनने और मानवीय सहानुभूति के आधार पर मदद और एकजुटता जारी रखने के संकल्प को दोहराते हैं। हम सूडान के मजलूम लोगों के साथ हैं, इंशाअल्लाह जुल्म के महल एक दिन जरूर लरजेंगे और न्याय की सुबह जरूर होगी।

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