क्रिसमस के मौके पर आंध्र प्रदेश में शिया-ईसाई एकता और आपसी प्यार का एक सुंदर प्रदर्शन

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क्रिसमस के मौके पर आंध्र प्रदेश में शिया-ईसाई एकता और आपसी प्यार का एक सुंदर प्रदर्शन

आंध्र प्रदेश के गांधीनगर, बावाजीपेट, विजयवाड़ा में सेंट पीटर्स लूथरन चर्च (ईस्ट पैरिश) में क्रिसमस सेलिब्रेशन के मौके पर शिया और ईसाई समुदाय के बीच एकता, भाईचारे और आपसी सम्मान का एक शानदार प्रदर्शन देखा गया, जिसने शांति, प्यार और इंसानी एकता का संदेश फैलाया।

हौज़ा न्यूज़ एजेंसी की एक रिपोर्ट के मुताबिक, आंध्र प्रदेश के गांधीनगर, बावाजीपेट, विजयवाड़ा में सेंट पीटर्स लूथरन चर्च (ईस्ट पैरिश) में क्रिसमस सेलिब्रेशन के मौके पर शिया और ईसाई समुदाय के बीच एकता, भाईचारे और आपसी सम्मान का एक शानदार प्रदर्शन देखा गया, जिसने शांति, प्यार और इंसानी एकता का संदेश फैलाया।

क्रिसमस के मौके पर हुए इस इवेंट में खास तौर पर मौलाना मिर्ज़ा ज़हीर अब्बास, जुमा और जमात के इमाम, शिया जामिया मस्जिद-ए-हुसैन (अ), विजयवाड़ा और मस्जिद-ए-हुसैन कमेटी के सदस्य शामिल हुए। इस मौके पर चर्च से जुड़े लोगों को बधाई दी गई और इस बात पर ज़ोर दिया गया कि धर्म इंसान से नफ़रत नहीं सिखाता बल्कि प्यार, शांति और इंसानियत की सेवा सिखाता है।

मौलाना मिर्ज़ा ज़हीर अब्बास ने अपने विचार रखते हुए कहा कि इस्लाम सभी धर्मों का सम्मान और साथ रहने की वकालत करता है, और हज़रत ईसा (अ) की शिक्षाएं सब्र, प्यार और इंसानियत की एक शानदार मिसाल हैं। उन्होंने कहा कि आज के मुश्किल समय में, आपसी भाईचारा समय की सबसे बड़ी ज़रूरत है।

चर्च के ऑर्गनाइज़र ने मस्जिद-ए-हुसैन (अ) कमेटी और शिया समुदाय की हिस्सेदारी को अच्छी नीयत और सामाजिक मेलजोल की एक अच्छी मिसाल बताया। इस मौके पर शांति, सहनशीलता और धार्मिक मेलजोल को बढ़ावा देने के लिए मिलकर कोशिशें जारी रखने का पक्का इरादा भी जताया गया।

यह इवेंट इस बात का सबूत है कि अगर अलग-अलग धर्मों के लोग एक-दूसरे की मान्यताओं का सम्मान करें, तो समाज शांति, प्यार और भाईचारे का केंद्र बन सकता है।

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