हरम ए मुतह्हर ए अलवी अ.स.में अमीरुल मोमिनीन इमाम अली (अ.स.) के हफ्ता-ए-विलादत-ए-बासआदत के आग़ाज़ के साथ ही सहन-ए-मुतह्हर ए हैदरी में “वलीदुल काबा का परचम लहराया गया।
वलीदुल काबा का परचम लहराने की तक़रीब इतवार, 8 रजब 1447 हिजरी, मुताबिक़ 28 दिसंबर 2025 की सुबह, आस्तान-ए-मुक़द्दस-ए-अलवी के सहन-ए-मुतह्हर-ए-हैदरी में “अली हुब्बे अली” के शिआर के साथ मुनअक़िद हुई।
यह तक़रीब अमीरुल-मोमिनीन इमाम अली (अ.स.) की विलादत-ए-बासआदत की आमद के मौक़े पर “हफ्ता-ए-वलीदुल-काबा” के प्रोग्रामों का बक़ायदा आग़ाज़ है।
इस तक़रीब में आस्तान ए मुक़द्दस-ए-अलवी के मुदीर-ए-आला सैयद ईसा अलख़ुरासान अपने नायब, बोर्ड ऑफ़ ट्रस्टीज़ के अराकीन, मुख़्तलिफ़ शोबाजात के सरबराहों और मुम्ताज़ उलेमा, इल्मी और समाजी शख़्सियात के हमराह शरीक हुए।
तक़रीब का आग़ाज़ तिलावत ए आयात ए क़ुरआन-ए-करीम से हुआ, इसके बाद बोर्ड ऑफ़ ट्रस्टीज़ के रुक्न हैदर अल-ईसावी ने तजदीद-ए-अहद और वफ़ादारी के मौज़ू पर ख़िताब किया, जबकि मज़हबी तराने भी पेश किए गए।
रिपोर्ट के मुताबिक, हफ्ता-ए-वलीदुल-काबा” के दौरान मुख़्तलिफ़ मज़हबी और सक़ाफ़ती प्रोग्रामों के साथ-साथ अवामी जश्न मुनअक़िद किए जाएंगे, और इसी अरसे में सूबा-ए-नजफ़-ए-अशरफ़ में कई ख़िदमाती मंसूबों का इफ्तिताह भी किया जाएगा।
















