ग़ाज़ा पट्टी में कड़ाके की ठंड के कारण कम से कम 25 फ़िलिस्तीनियों की मौत हो गई है, जिनमें कई बच्चे भी शामिल हैं। ग़ाज़ा पट्टी के नागरिक सुरक्षा एवं राहत संगठन के प्रवक्ता महमूद बासल ने आज जारी एक बयान में बताया कि हालिया भीषण ठंड के चलते 25 फ़िलिस्तीनी नागरिकों की जान चली गई है।
,ग़ाज़ा पट्टी में कड़ाके की ठंड के कारण कम से कम 25 फ़िलिस्तीनियों की मौत हो गई है, जिनमें कई बच्चे भी शामिल हैं। ग़ाज़ा पट्टी के नागरिक सुरक्षा एवं राहत संगठन के प्रवक्ता महमूद बासल ने आज जारी एक बयान में बताया कि हालिया भीषण ठंड के चलते 25 फ़िलिस्तीनी नागरिकों की जान चली गई है।
उनके अनुसार, मृतकों में 6 बच्चे शामिल हैं, जिनकी मृत्यु उचित आश्रय न होने और अत्यधिक ठंड के संपर्क में आने के कारण हुई।
बासल ने बताया कि अन्य पीड़ितों की मौत इमारतों के ढहने, कुओं में गिरने और वर्षा जल संग्रहण के तालाबों में डूबने जैसी घटनाओं में हुई। ये घटनाएँ ग़ाज़ा में बुनियादी ढांचे को हुए व्यापक नुकसान और खराब आवासीय परिस्थितियों का परिणाम हैं।
ग़ाज़ा के राहत एवं बचाव संगठन के प्रवक्ता के अनुसार, मौसम प्रणाली के सक्रिय होने के बाद से अब तक ग़ाज़ा पट्टी में 18 आवासीय इमारतें पूरी तरह ढह चुकी हैं और 110 से अधिक इमारतें आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त हुई हैं, जो खतरनाक स्थिति में हैं और हज़ारों निवासियों के जीवन के लिए सीधा खतरा बन चुकी हैं।
उन्होंने यह भी बताया कि, ग़ाज़ा में विस्थापित लोगों के 90 प्रतिशत से अधिक तंबू या तो नष्ट हो चुके हैं या पानी में डूब गए हैं। हाल के दिनों में तेज़ हवाओं और भारी वर्षा ने विस्थापितों के जीवन को अत्यंत कठिन बना दिया है। बासल ने इस स्थिति को “ग़ाज़ा पट्टी में मानवीय आपदा की भयावह तस्वीर” बताया।
उन्होंने कहा कि तंबुओं में पानी भर जाने और वर्षा जल के अंदर घुसने से हज़ारों परिवार अपने अस्थायी आश्रय से वंचित हो गए हैं तथा उनके कपड़े, कंबल और आवश्यक सामान नष्ट हो गए हैं।
उनके अनुसार, नई मौसम प्रणाली शुरू होने के बाद से अब तक राहत दलों को नागरिकों से 700 से अधिक सहायता अनुरोध प्राप्त हुए हैं, जिनमें जल में फँसे लोगों को बचाने, ढही इमारतों से लोगों को निकालने और व्यापक क्षति से निपटने की कार्रवाइयाँ शामिल हैं।
बासल ने तंबुओं की असफलता पर ज़ोर देते हुए कहा,ग़ाज़ा में तंबू पूरी तरह विफल हो चुके हैं। न वे ठंड से सुरक्षा प्रदान करते हैं और न ही बारिश से। यह आवास व्यवस्था अब कोई मानवीय समाधान नहीं रही। उन्होंने अंत में ग़ाज़ा के पुनर्निर्माण की प्रक्रिया तुरंत शुरू करने और सुरक्षित एवं स्थायी आवास उपलब्ध कराने की अपील की।
उल्लेखनीय है कि ग़ाज़ा पट्टी अक्टूबर 2023 से एक विनाशकारी युद्ध की चपेट में है। हालाँकि कुछ देशों की मध्यस्थता से एक अस्थायी मानवीय युद्ध-विराम पर सहमति बनी है, लेकिन युद्ध के दुष्परिणाम और बुनियादी ढांचे का भारी विनाश अब भी हज़ारों फ़िलिस्तीनियों के जीवन के लिए गंभीर खतरा बना हुआ है।













