ग़ज़्ज़ा युद्ध क़स्साम ने छे इस्राईली सैनिक मारे, इस्राईल ने कहा केवल दो

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ग़ज़्ज़ा युद्ध क़स्साम ने छे इस्राईली सैनिक मारे, इस्राईल ने कहा केवल दोछे इस्राईली सैनिकों की मौत

शनिवार को इस्राईली सेना ने यह स्वीकार किया है कि फिलिस्तीनी कमांडोज़ के हाथों उसके दो सैनिक मारे गये इस प्रकार से इस्राईली सेना के अनुसार ग़ज़्ज़ा पर आक्रमण के आंरभ से अब तक मारे जाने वाले इस्राईली सैनिकों की संख्या तीन हो गयी है।

इस्राईली सेना के प्रवक्ता ने बताया कि आक्रमणकारियों ने मशीनगनों से फायरिंग की और टैंक भेदी राकेटों का प्रयोग किया।

उधर हमास की सैन्य शाखा कस्साम ब्रिगेड ने बताया है कि इस कार्यवाही में उसका एक सदस्य मारा गया जब इस हमले में बारह संघर्षकर्ताओं ने भाग लिया था।

क़स्साम ब्रिगेड ने अपने एक बयान में बताया है कि बारह फिलिस्तीनी मुजाहिद इस्राईली छावनी से निकट होने में सफल हो गये जिसके बाद चार हिस्सों में बंट कर इन बारह मुजाहिदों ने छे घंटों तक इस्राईली सैनिकों का इंतेज़ार किया।

क़स्साम के कमांडोज़ ने अपने बयान में बताया है कि छे घंटों बाद हमें इस्राईली सैनिकों से टकराने का अवसर मिला और हम ने हमने शहीदों का बदला लेते हुए उन्हें सबक सिखा दिया। बयान में बताया गया है कि कस्साम ब्रिगेड के संघर्षकर्ताओं ने छे इस्राईली सैनिकों को मार गिराया और कई सैन्य वाहन नष्ट कर दिये।

बयान में बताया गया है कि यह कार्यवाही शत्रु को एक संदेश था कि हमारे जियाले उनका इंतेज़ार कर रहे हैं।

ग़ज़्ज़ा पर हमले के लिए ब्रिटिश नागरिकों की भर्ती

एक मानवाधिकार संस्था ने चेतावनी दी है कि इस्राईल ग़ज़्ज़ा पट्टी पर हमले के लिए ब्रिटिश नौजवानों की भर्ती कर रहा है जिसके कई सामाजिक संस्थाओं मंा आक्रोश है।

इस्राईल ने भी अपनी सेना में १०० ब्रिटिश सैनिकों को कम अवधि के लिए भर्ती किये जाने की रिपोर्टों की पुष्टि की है।

मानवाधिकार संस्थाओं के अनुसार इस्राईल इन युवाओं को विभिन्न प्रकार का प्रलोभन देकर सेना में भरती कर रहा है। इन संस्थाओं ने इस संदर्भ में सरकारी जांच की मांग की है।

ब्रिटेन के कानून के अनुसार इस देश का नागरिक किसी भी अन्य देश की सेना में भर्ती हो सकता है और कानूनी तौर पर यह अपराध नहीं है।

ग़ज़्ज़ा पर हमले में ज़हरीली गैस का इस्तेमाल

ग़ज़्ज़ा में अस्पताल के सूत्रों ने बताया है कि इस्राईल ने ग़ज़्ज़ा पट्टी पर हमले में विचित्र प्रकार की ज़हरीली गैस का प्रयोग किया है।

गज़्ज़ा में स्वास्थ्य मंत्रालय के प्रवक्ता अशरफ क़देरह ने बताया कि सफेद रंग की अजीब सी गैस सूंघने के कारण गुरुवार को दसियों फिलिस्तीनियों का जिनमें से अधिकांश बच्चे थे, दम घुटने लगा।

यह सफेद रंग की गैस इस्राईल ग़ज़्ज़ा पर हमले के दौरान प्रयोग कर रहा है।

अस्पतालों पर भी हमला

ग़ज़्ज़ा पर इस्राईली हमला आरंभ होने के बाद विश्व की सब से बड़ी खुली जेल कहे जाने वाले ग़ज़्ज़ा के अस्पतालों में दवाओं सहित हर चीज़ की कमी हो गयी किंतु बैत हानून में एक अस्पताल पर इस्राईली युद्धक विमानों ने कई राकेट फायर करके इसे लगभग तबाह कर दिया।

इस हमले के बाद अलवफा अस्पताल में भर्ती दसियों घायलों को दूसरे स्थानों में पहुंचाया गया।

यह सब कुछ मानवाधिकारों का दम भरने वाले अमरीका और पश्चिमी देशों की आंखों के सामने हो रहा है।

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