परमाणु समझौते से ईरानोफ़ोबिया का प्रोजेक्ट विफल

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परमाणु समझौते से ईरानोफ़ोबिया का प्रोजेक्ट विफल

विदेश मंत्री ने कहा है कि परमाणु वार्ता की एक महत्वपूर्ण उपलब्धि, ईरानोफ़ोबिया के प्रोजेक्ट की विफलता है।

मुहम्मद जवाद ज़रीफ़ ने शनिवार को "परमाणु समझौते के बाद ईरान के समक्ष उत्पन्न होने वाले अवसर" शीर्षक के अंतर्गत आयोजित होने वाली एक बैठक में कहा कि परमाणु वार्ता की एक बड़ी उपलब्धि यह रही कि इसने क्षेत्र और विश्व में ईरान को ख़तरा बना कर पेश करने के षड्यंत्र को विफल बना दिया। तेहरान में आयोजित हुई इस बैठक में ईरान के विभिन्न दलों, राजनैतिक धड़ों व संगठनों, धार्मिक अल्प संख्यकों, ग़ैर सरकारी संगठनों और संचार माध्यमों से संबंधित लोगों ने भाग लिया।

विदेश मंत्री ने कहा कि परमाणु समझौते से पहले, झूठ बोल कर व निराधार ढंग से ईरान की छवि विश्व शांति व सुरक्षा के लिए ख़तरे के रूप में पेश की जा रही थी और इसके आधार पर शत्रु, इस्लामी गणतंत्र ईरान के विरुद्ध अपनी हर प्रकार की कार्यवाही का औचित्य पेश करने की कोशिश करते थे। ज़रीफ़ ने कहा कि इस समझौते ने शत्रुओं की ओर से पेश की जा रही ईरान की हिंसक छवि को समाप्त कर दिया और ईरान एक नया चरण आरंभ करने में सफल रहा जिसके शुरू में प्रतिबंध कम हुए और अंत में पूरी तरह समाप्त हो गए। विदेश मंत्री ने कहा कि अब एेसी परिस्थितियां उपलब्ध हो गई हैं कि ईरान, परमाणु समझौते से प्राप्त होने वाले लाभों को देश की प्रगति के लिए प्रयोग कर सकता है।

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