فَالِقُ الْإِصْبَاحِ وَجَعَلَ اللَّيْلَ سَكَنًا وَالشَّمْسَ وَالْقَمَرَ‌ حُسْبَانًا ۚ ذَٰلِكَ تَقْدِيرُ‌ الْعَزِيزِ الْعَلِيمِ

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उसी के लिए सुबह की पौ फटी और उसी ने आराम के लिए रात और हिसाब के लिए सूरज और चाँद बनाए ये ख़ुदाए ग़ालिब व दाना के मुक़र्रर किए हुए किरदा (उसूल) हैं [6:96]

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क़ुरआन की शरण में

जो वादे और समझौते तोड़ते हैं, उन पर भरोसा नहीं किया जा सकता?
जो वादे और समझौते तोड़ते हैं, उन पर भरोसा नहीं किया जा सकता?
पवित्र कुरान घमंडी और बेवफ़ा लोगों को दुश्मन बताता है जो कसमों, वादों और समझौतों की परवाह नहीं करते और लगातार धोखा देते हैं। क्योंकि…