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जापान की राजधानी टोक्यो में तैराकी की 55वीं प्रतियोगिता में ईरानी तैराक ने स्वर्ण पदक जीत लिया। यह प्रतियोगिता 50 मीटर लंबी थी।

16-17 साल के उम्र की तैराकी की प्रतियोगिता में ईरानी तैराक मोहम्मद पारसा सफ़ाई ने पहला स्थान प्राप्त किया। यह प्रतियोगिता जापान की मेज़बानी में आयोजित की गयी थी।

इस प्रतियोगिता में जापान, मलेशिया, सिंगापुर, चीन और ऑस्ट्रेलिया के खिलाड़ी मौजूद थे।

यह 55वीं प्रतियोगिता जापान की मेज़बानी में इस देश की राजधानी टोक्यो में आयोजित हुई। यह प्रतियोगिता 31 अक्तूबर से 4 नवंबर तक 50 मीटर लंबे स्विमींगपुल में आयोजित हुई

 

 

ईरान ने अंतरिक्ष के क्षेत्र में एक और सफलता हासिल करते हुए अपने दो सैटेलाइट लांच किये। इन दोनों ईरानी उपग्रहों को ईरान की निजी कंपनी उम्मीद फजा ने डिजाइन किया है। ईरानी सैटलाइट को रूसी सोयुज रॉकेट के माध्यम से लॉन्च किया गया।

 ईरान ने इस संबंध में एक बयान जारी करते हुए कहा है कि इमेजिंग और संचार उपग्रहों को ईरान की उम्मीद फजा कंपनी द्वारा डिजाइन और निर्मित किया गया है। इसे कृषि, पर्यावरण निगरानी और दूरदराज के क्षेत्रों में संचार के लिए बनाया गया है।

 

 

सुप्रीम कोर्ट ऑफ इंडिया ने इलाहाबाद हाई कोर्ट के यूपी मदरसा एजुकेशन एक्ट से संबंधित फैसले को खारिज करते हुए कहा है कि मदरसों के शैक्षिक पाठ्यक्रम में धार्मिक शिक्षा शामिल होने के बावजूद यह कानून असंवैधानिक नहीं है।

एक रिपोर्ट के अनुसार, सुप्रीम कोर्ट ऑफ इंडिया ने इलाहाबाद हाई कोर्ट के यूपी मदरसा एजुकेशन एक्ट से संबंधित फैसले को खारिज करते हुए कहा है कि मदरसों के शैक्षिक पाठ्यक्रम में धार्मिक शिक्षा शामिल होने के बावजूद यह कानून असंवैधानिक नहीं है।

मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली तीन सदस्यीय बेंच ने कहा कि केवल धर्मनिरपेक्षता के उल्लंघन का आरोप लगाकर कानून को रद्द नहीं किया जा सकता हैं।

सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले से उत्तर प्रदेश में स्थित 16,000 मदरसों को बड़ी राहत मिली है बेंच जिसमें न्यायमूर्ति जेबी पारदीवाला और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा भी शामिल थे ने कहा कि इलाहाबाद हाई कोर्ट ने धर्मनिरपेक्षता के सिद्धांतों के उल्लंघन के मामले में गलत फैसला दिया था।

 

बेंच ने यह स्पष्ट किया कि सरकार को मदरसों में शिक्षा के मानकों को विनियमित करने का अधिकार है लेकिन इससे मदरसों के प्रशासनिक कार्यों में कोई हस्तक्षेप नहीं होता।

मुख्य न्यायाधीश ने कहा कि यूपी मदरसा एजुकेशन एक्ट मदरसों के दैनिक प्रबंधन में हस्तक्षेप नहीं करता है, बल्कि यह कानून यह सुनिश्चित करने के लिए बनाया गया है कि राज्य की जिम्मेदारियों के तहत बच्चों को उचित शिक्षा मिले। अदालत ने आगे कहा कि शिक्षा के मानकों से संबंधित नियम मदरसों की स्वायत्तता पर प्रभाव नहीं डालेंगे।

गौरतलब है कि इलाहाबाद हाई कोर्ट ने अपने फैसले में कहा था कि मदरसों को धर्मनिरपेक्ष शिक्षा प्रणाली में शामिल किया जाना चाहिए और इस कानून को संविधान के धर्मनिरपेक्ष सिद्धांतों के खिलाफ बताया था।

हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने इस दृष्टिकोण को खारिज करते हुए कहा कि मदरसों की धार्मिक शिक्षा भारतीय संविधान द्वारा दी गई स्वतंत्रता के दायरे में आती है, और सरकार केवल शिक्षा के मानकों को सुधारने के लिए नियम लागू कर सकती है।

ईरानी सुरक्षा बलों ने आतंकियों के मंसूबे को नाकाम बनाते हुए एक सैन्य ऑपरेशन में 4 आतंकियों को हलाक कर दिया जबकि इस मुठभेड़ में 6 आतंकी घायल हुए हैं। 

सैन्य प्रवक्ता ने कहा कि तफ्तान में पुलिस जवानों पर हमले और दस जवानों की शहादत के बाद आतंकियों के खिलाफ ऑपरेशन तेज कर दिया गया है। 

प्रवक्ता के मुताबिक ऑपरेशन के दौरान सुरक्षा बलों को उल्लेखनीय सफलता हासिल हुई । अब तक आतंकी संगठन के 4 सदस्य मारे जा चुके हैं जबकि 6 को मुठभेड़ के बाद सुरक्षा बलों ने गिरफ्तार कर लिया है। उन्होंने कहा कि पिछले हफ्ते से अलग-अलग जगहों पर ऑपरेशन के दौरान कुल 14 आतंकवादियों को गिरफ्तार किया गया है और 8 को मार गिराया गया है। 

सूत्रों के मुताबिक, ताफ्तान हमले में शामिल समूह के मुख्य संदिग्धों को गिरफ्तार कर लिया गया है। गिरफ्तार लोगों के कब्जे से अमेरिका निर्मित हथियार बरामद किये गये हैं। 

 

 

दुनिया भर में साम्राज्यवाद और अत्याचार के विरुद्ध प्रतिरोध के प्रतीक बन चुके शहीद याह्या सिनवार की शहादत के बाद आई उनकी पोस्टमार्टम रिपोर्ट ने उनके लिए सम्मान और बढ़ा दिया है। 

रशिया टुडे की रिपोर्ट के मुताबिक़, पोस्टमार्टम करने वाले ज़ायोनी मेडिकल सेंटर के प्रमुख ने हान कोगेल ने कहा कि याह्या सिनवार अपनी शहादत से पहले घायल हो गए थे उनका दाहिना हाथ ज़ख़्मी था जिस से बहते खून को रोकने के लिए उन्होंने अपने हाथ पर पट्टी बांध ली थी। रिपोर्ट में कहा गया है कि याह्या सिनवार की मौत सिर में गोली लगने से हुई.

रिपोर्ट में आगे कहा गया है कि जब वह शहीद हुए तो वह तीन दिनों से भूखे थे।  

 

 

पिछली डाक्यूमेंटरी हमारे आधिकारिक यूट्यूब चैनल नूर माइक्रोफिल्म से (दानिश नूर Danishenoor) यूट्यूब चैनल पर स्थानांतरित कर दी गई है और आगे भी उलेमा की डाक़्यूमेंटरी  (दानिश नूर Danishenoor ) पर ही प्रसारित की जाऐंगी।

जैसा कि आप जानते हैं कि इंटरनेशनल नूर माइक्रोफिल्म सेंटर, नई दिल्ली। भारतीय विद्वानो की जीवनियों पर आधारित एक लघु डाक्युमेंटरी के माध्यम से आपकी सेवा में है, और अब तक डाक्युमेंटरी की सूरत मे 86 विद्वानो की जीवनियो पर आधारित डाक्यूमेंटरि के रूप मे प्रसारित की जा चुकाृी है, और इंशाल्लाह आगे भी यह श्रृंखला जारी रहेगी।

 

लेकिन पिछली डाक्यूमेंटरी हमारे आधिकारिक यूट्यूब चैनल नूर माइक्रोफिल्म से (दानिश नूर Danishenoor) यूट्यूब चैनल पर स्थानांतरित कर दी गई है और आगे भी उलेमा की डाक़्यूमेंटरी  (दानिश नूर Danishenoor ) पर ही प्रसारित की जाऐंगी। अतः पुरानी और आने वाली डाक्यूमेंटरी देखने के लिए हमारे नए यूट्यूब चैनल (दानिश नूर Danishenoor) को सब्सक्राइब करके दूसरो को भी शेयर कीजिए ताकि आने वाले समय मे प्रसारित होने वाली डाक्यूमेटरी से लाभ उठे सके।

हम आपको निम्नलिखित नए चैनल पर कुछ विद्वानों की डॉक्यूमेंट्री का लिंक उपलब्ध करा रहे हैं ताकि आप आसानी से चैनल को सब्सक्राइब कर सकें।

1- अल्लामा गुलाम हसनैन कंतूरी एपिसोड नंबर 1

https://youtu.be/9PtTRWmmTpk?si=eEFLTmu0mDmLApRx

2- आयतुल्लाह नजमुल हसन रिज़वी एपिसोड नंबर 2

https://youtu.be/RzcvxRQQ3F8?si=IdrJ6YsJC3cAbaql

3- आयतुल्लाह सय्यद युसूफ हुसैन अमरोहवी एपिसोड नंबर 3

https://youtu.be/AnP2TNmmtIk?si=tIFUbH0eno6GGNlI

4- क़ारी जाफ़र अली जार्चवी एपिसोड नंबर 4

https://youtu.be/1h5N63NMM0I?si=BKhtyIpUwuomGOeC

5- अल्लामा मुहम्मद बशीर अंसारी एपिसोड नंबर 5

https://youtu.be/lOpmLyQauiY?si=PF_kPUE9Uva-SZbT

प्रिय दर्शको, उपरोक्त कार्यक्रम इंटरनेशनल नूर माइक्रोफिल्म सेंटर, ईरान कल्चर हाउस, नई दिल्ली की देखरेख में और हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के सहयोग से आयोजित किया जा रहा है।

 

 

 

 

 

बिहार के भागलपुर शहर में उस समय तनाव बढ़ गया, जब उन्मादी भीड़ ने एक मस्जिद और इमामबाड़ा पर चढ़कर भगवा और अवैध राष्ट्र इस्राईल का झंडा फहरा दिया। यह घटना लालमटिया पुलिस स्टेशन के अंतर्गत तमतम चौक के पास काली विसर्जन यात्रा के दौरान हुई।

एक वीडियो में कट्टरपंथी भीड़ को मस्जिद के गुंबद पर चढ़ते, बड़ा भगवा झंडा लगाते और दूसरों को ज़ायोनी झंडे लहराने के लिए प्रोत्साहित करते हुए देखा जा सकताहै।  बाद में वीडियो को मुस्लिम समुदाय के बारे में अपमानजनक गीतों के साथ इंस्टाग्राम पर साझा किया गया, जिससे तनाव बढ़ गया।

वीडियो वायरल होने के बाद, पुलिस सतर्क हो गई और विसर्जन मार्ग को साफ करके और जनता को आश्वस्त करके व्यवस्था बहाल करने के लिए तेजी से कार्रवाई की। सांप्रदायिक रूप से संवेदनशील क्षेत्र में आगे की घटनाओं को रोकने के लिए सशस्त्र सीमा बल (SSB) सहित अतिरिक्त बलों को तैनात किया गया।

 पुलिस ने एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर इस घटना को संबोधित करते हुए पुष्टि की कि एफआईआर दर्ज की गई है। उन्होंने कहा, "भागलपुर पुलिस को एक वीडियो मिला है जिसमें एक युवक टमटम चौक के पास एक धार्मिक स्थल पर झंडा लहराता हुआ दिखाई दे रहा है। लालमटिया पुलिस स्टेशन में एफआईआर दर्ज की गई है और आगे की कानूनी कार्रवाई की जा रही है।"

 

फिलिस्तीन और लेबनान में जनसंहार मचा रहे अवैध राष्ट्र इस्राईल ने दमिश्क़ के सैय्यदा ज़ैनब इलाक़े में

बर्बर हमले किये।

दमिश्क़ में हुए इस बर्बर हमले में अभी तक किसी जानी पर माली नुकसान के बारे में कोई रिपोर्ट सार्वजनिक नहीं की गयी है। बता दें कि लेबनान और फिलिस्तीन के अलावा ज़ायोनी शासन लगातार सीरिया, यमन और ोरक बॉर्डर पर भी अतिक्रमणकारी हमले करते  रहा है।

 

इजरायली उत्पादों की खरीद और बिक्री के साथ-साथ इजरायल को लाभ पहुंचाने वाली कंपनियों को लाभ पहुचाने से संबंधित मरजा ए जहान तशय्यो आयतुल्लाहिल उज़्मा सय्यद अली सिस्तानी ने एक प्रश्न का उत्तर दिया है।

इजरायली उत्पादों की खरीद और बिक्री के साथ-साथ इजरायल को लाभ पहुंचाने वाली कंपनियों को लाभ पहुचाने से संबंधित मरजा ए जहान तशय्यो आयतुल्लाहिल उज़्मा सय्यद अली सिस्तानी ने एक प्रश्न का उत्तर दिया है शरई अहकाम मे दिल चस्पी रखने वालो के लिए पूछे गए प्रश्न तथा उसके उत्तर का जवाब प्रस्तुत कर रहे है।

प्रश्न: क्या उन सुपरमार्केट से खरीदना और बेचना जायज़ है जिनका मुनाफा इज़राइल को समर्थन देने के लिए आवंटित किया जाता है?

उत्तर: आयतुल्लाहिल उज़्मा सय्यद अली सिस्तानी ने इस सवाल का जवाब देते हुए कहा कि "इजरायली उत्पादों को खरीदना और बेचना और उन कंपनियों के उत्पादन की अनुमति नहीं है जिनके बारे में माना जाता है कि वे प्रभावी रूप से इज़राइल का समर्थन कर रहे हैं।"

 

आयतुल्लाह सीस्तानी से मुलाक़ात के लिए पहुंचे संयुक्त राष्ट्र के प्रतिनिधि दल ने नजफ़ में इस महान धार्मिक विद्वान् से मुलाक़ात की। आयतुल्लाह सीस्तानी ने इस मुलाक़ात में फिलिस्तीन और लेबनान में जारी ज़ायोनी सेना की बर्बर कार्रवाई पर दुःख जताते हुए कहा कि बड़े अफ़सोस की बात है कि विश्व समुदाय ज़ायोनी राष्ट्र को फिलिस्तनी जनता के जनसंहार से रोकने में विफल रहा है।  विश्व समुदाय को चाहिए कि वह ज़ायोनी सेना की हरकतों पर लगाम लगाए।  कुछ नहीं तो कम से कम आम जनमानस को सैन्य हमलों और बर्बर आतंकी कार्रवाई से सुरक्षित करे।