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ईरान के विदेश मंत्री सय्यद अब्बास अराकची ने जर्मनी में ईरानी वाणिज्य दूतावासों को बंद करने के जर्मनी सरकार के इस इस कार्य की निंदा की हैं।

एक रिपोर्ट के अनुसार ,ईरान के विदेश मंत्री सय्यद अब्बास अराकची ने जर्मनी में ईरानी वाणिज्य दूतावासों को बंद करने के जर्मनी सरकार के इस इस कार्य की निंदा की हैं।

जर्मनी द्वारा देश में सभी तीन ईरानी वाणिज्य दूतावासों को बंद करने के फैसले की घोषणा के एक दिन बाद उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट में यह टिप्पणी की हैं।

अराकची ने शुक्रवार को कहा,जर्मनी में ईरान के वाणिज्य दूतावासों को बंद करना उस देश में रहने वाले ईरानियों के खिलाफ एक प्रतिबंध है जिनमें से अधिकांश के पास जर्मन नागरिकता भी है।

उन्होंने कहा कि जर्मन सरकार 2008 में ईरान के दक्षिणी शहर शिराज में बमबारी में 14 निर्दोष लोगों की जान लेने वाले और 200 से अधिक लोगों को घायल करने वाले आतंकवादी के समर्थन में जर्मन पासपोर्ट रखने वाले हजारों अन्य ईरानियों पर प्रतिबंध लगा रही थी।

बंद करने के फैसले से प्रभावित तीन ईरानी वाणिज्य दूतावास फ्रैंकफर्ट, हैम्बर्ग और म्यूनिख में हैं बर्लिन में ईरानी दूतावास चालू रहेगा।

ईरान पर हमला करने के बाद जवाबी हमले के खौफ में जी रहे इस्राईल के लिए अमेरिका ने खुल कर मोर्चा संभाल लिया है। अमेरिका ने ईरान को धमकी देते हुए इस्राईल पर हमला न करने की नसीहत दी है।

 पेंटागन के प्रेस सचिव मेजर जनरल पैट राइडर ने जानकारी देते हुए कहा कि इस्राईल की मदद के लिए अमेरिका ने मिडिल ईस्ट में बमवर्षक विमान, लड़ाकू फाइटर प्लेन और नौसेना के विमानों को भेजने का आदेश दिया है। मेजर जनरल पैट राइडर ने बताया कि अमेरिका ने कई B-52 बमवर्षक विमान, लड़ाकू विमानों का एक स्क्वाड्रन, नौसेना के विध्वंसक विमान और टैंकर विमानों को तैनात करने का आदेश दिया है। जल्द ही यह विमान पश्चिम एशिया पहुंच जाएंगे। साथ ही यूएसएस अब्राहम लिंकन युद्धपोत जल्द ही अमेरिका लौट जाएगा।

हुज्जतुल इस्लाम वल मुस्लिमीन सैयद सद्रुद्दीन काबांची ने इज़राइली विमानों द्वारा इराकी हवाई सीमा के उल्लंघन और ईरान पर हमले की निंदा की है और इराकी सरकार से मांग की है कि वह दोषी को सजा दे।

एक रिपोर्ट के अनुसार, नजफ अशरफ के इमाम-ए-जुमआ हुज्जुतल इस्लाम वल मुस्लिमीन सैयद सद्रुद्दीन कबांची ने जुमा के खुतबे में कहा कि फिलिस्तीनी सहायता संगठन UNRWA पर प्रतिबंध निंदनीय है और लेबनान और गाज़ा की तबाही के लिए अमेरिका और इज़राइल जिम्मेदार हैं।

इसलिए इराकी सरकार को भी इस ओर ध्यान देना चाहिए और अपनी ज़िम्मेदारी निभानी चाहिए।

हुज्जतुल इस्लाम वल मुस्लिमीन सैयद सद्रुद्दीन काबांची ने अपने खुतबे में इज़राइली विमानों द्वारा इराकी हवाई क्षेत्र के उल्लंघन की निंदा की और मांग की कि इराकी सरकार जिम्मेदार पक्ष को सजा दे।

उन्होंने UNRWA पर लगाए गए इज़राइली प्रतिबंध की भी निंदा की और कहा कि इज़राइल फिलिस्तीनियों की मदद में बाधा डाल रहा है जो कि अंतरराष्ट्रीय संधियों का उल्लंघन है।

सैयद सद्रुद्दीन कबांची ने शेख नईम कासिम को हिजबुल्लाह लेबनान का नया महासचिव चुने जाने पर बधाई दी और कहा कि लेबनानी जनता और हिजबुल्लाह दृढ़ता से खड़े रहेंगे और उनका हौसला कमजोर नहीं होगा।

युद्धविराम पर चर्चा के संदर्भ में उन्होंने इज़राइल और अमेरिका से मांग की कि वे गाजा और लेबनान के पुनर्निर्माण की जिम्मेदारी लें और 45,000 शहीदों के नुकसान का मुआवजा दें। उन्होंने हमास और हिजबुल्लाह को अधिक धैर्य और दृढ़ता की सलाह दी।

नजफ के इमाम ए जुमआ ने इज़राइली विमानों द्वारा इराकी हवाई क्षेत्र के उल्लंघन की कड़ी निंदा की और कहा कि इराकी सरकार को इस पर स्पष्ट रुख अपनाना चाहिए।

हुज्जतुल इस्लाम वल मुस्लिमीन सैयद सद्रुद्दीन काबांची ने इराकी संसद के स्पीकर के चुनाव को एक सकारात्मक कदम बताते हुए संसद को कई सुझाव दिए जिनमें लंबित कानूनों की मंजूरी एकता और सामंजस्य को बढ़ावा देना और निजी कानूनों में संशोधन शामिल हैं।

 

दूसरे खुतबे में उन्होंने सोशल मीडिया के प्रभावों पर प्रकाश डाला और अकेलापन और आत्महत्या जैसे मुद्दों पर चिंता व्यक्त की हैं।

 

इमाम ए जुमआ नजफ ने मोमिनों के लिए दुआ की अहमियत पर जोर देते हुए पैगंबर मुहम्मद स.ल. की एक हदीस का जिक्र किया कि जो व्यक्ति दूसरों के लिए दुआ करता है अल्लाह उस पर भी वैसे ही इनायत करता है।

ईरान की इस्लामी क्रांति के सुप्रीम लीडर हज़रत आयतुल्लाह ख़ामेनेई ने ईरान पर इस्राईल के हमलों का मुंहतोड़ जवाब देने का ऐलान करते हुए कहा है किअवैध ज़ायोनी शासन और अमेरिका को उनकी इस हरकत का मुँहतोड़ जवाब दिया जाएगा।

उन्होंने देश वासियों को आश्वासन देते हुए कहा कि वैश्विक सम्राज्यवाद और दुनिया पर प्रभाव रखने वाले अहंकारी शासन को मुंहतोड़ जवाब देना हमारा अधिकार है। यह एक तार्किक कदम है और धर्म, शरिया, नैतिकता और अंतरराष्ट्रीय कानूनों के अनुरूप है और देश और ज़िम्मेदार अधिकारी इस संबंध में कोई संकोच नहीं करेंगे।

 

 

ईरान की परंपरा के अनुसार इस साल भी13वीं अबान की पूर्व संध्या पर, देश भर से छात्रों के एक समूह ने आज इमाम खुमैनी इमाम बारगाह में इस्लामी क्रांति के नेता आयतुल्लाह ख़ामेनेई से मुलाकात की।

मुंबई के इमाम जुमा ने जुमे की नमाज के खुत्बे मे कहा कि जो व्यक्ति पापों के द्वारा, झूठ बोलकर, धन देकर लोगों से अपनी प्रशंसा चाहता है, वह व्यक्ति जो लोगों से अपनी झूठी प्रशंसा कराता है, अर्थात पाप के माध्यम से लोगों से अपनी प्रशंसा करता है। अपनी तारीफ करता है। एक दिन यही तारीफ करने वाला खुद ही उसकी बुराई करने लगता है।

मुंबई के इमाम जुमा मौलाना सय्यद अहमद अली आब्दी ने 1 नवंबर, 2024 को मुंबई की शिया खोजा जामा मस्जिद में जुमे की नमाज के खुत्बे मे कहा कि हम लोगो पर अल्लाह के महान उपकारों और नेमतो में से एक उपकार, जिससे बड़ा कोई उपकार नहीं है, वह है अपने सबसे महान पैग़म्बर मुहम्मद मुस्तफा (स) को हमारे पास भेजना। पैगंबर के मिशन का मुख्य उद्देश्य लोगों को शिक्षा देना और उनकी आत्माओं को शुद्ध करना है। जिस प्रकार शरीर गंदा हो तो उसे शुद्ध किया जाता है और थक जाने पर उसे नहलाया जाता है ताकि व्यक्ति तरोताजा महसूस करे। याद रखें कि ईश्वर की उपस्थिति में केवल शरीर के साथ उपस्थित होना नहीं है, बल्कि आत्मा के साथ उपस्थित होना है।

मौलाना सय्यद अहमद अली आबिदी ने कहा: हम नमाज़ में अल्लाह के करीब होने का इरादा रखते हैं,  स्नान में हम अल्लाह के करीब होने का इरादा रखते हैं, रोज़े में हम अल्लाह के करीब होने का इरादा रखते हैं। इस "अल्लाह से निकटता" का अर्थ केवल शारीरिक निकटता नहीं है, बल्कि आत्मा और हृदय से अल्लाह के करीब होना है।

उन्होंने कहा: शरीर को शुद्ध करना, कपड़ों को शुद्ध करना आसान है। अपनी आत्मा को शुद्ध करना, अपने हृदय को शुद्ध करना कोई आसान काम नहीं है। पानी कपड़ों को तभी पाक करता है जब यह पानी कपड़ों तक पहुंचता है, अगर पानी कपड़ों तक नहीं पहुंच रहा है तो कपड़े पाक नहीं होंगे, इसलिए पानी मौजूद होना चाहिए और हमें इसका इस्तेमाल करना चाहिए। आत्मा का अर्थ यह है कि जब तक कोई व्यक्ति आत्मा तक नहीं पहुंच जाता, तब तक आत्मा शुद्ध नहीं होगी, इसलिए ईश्वर ने हमारी आत्मा तक पहुंचने के लिए सबसे महान पैगंबर हजरत मुहम्मद मुस्तफा को भेजा। जिन्होंने हमें आत्मा की शुद्धि के लिए औषधियाँ बताईं, उपाय बताए।

मुंबई के इमाम जुमा ने रिवायत बयान करते हुए कहा: जो शख्स गुनाहों के जरिए, झूठ बोलकर, पैसे देकर लोगों से अपनी तारीफ करना चाहता है, वह शख्स जो लोगों से अपनी झूठी तारीफ करता है यानी गुनाह के जरिए लोगों से अपनी तारीफ करता है। एक दिन यही प्रशंसा करने वाला उसे गालियां देने लगता है। हम समाज में यह देख रहे हैं, कल तक जो किसी की नाक के बाल थे, परछाई की तरह चलते थे, तारीफ करते थे, सर कहते थे, हाजी कहते थे, आज वे चौराहे पर खड़े होकर उन्हें बुरा-भला कह रहे हैं।

 

 

 

 

 

ईरान में 23 साल से कम उम्र की कुश्ती की नेश्नल टीम ने विभिन्न प्रकार के सात पदकों के साथ अलबानिया में होने वाली प्रतियोगिता में चैंपियन का ख़िताब जीत लिया है।

अलबानिया की राजधानी तिराना में 23 साल से कम उम्र के जवानों की जो फ्री स्टाईल कुश्ती की प्रतियोगिता हुई थी उसमें ईरान की फ़्री स्टाईल कुश्ती की नेश्नल टीम ने तीन स्वर्ण पदक और एक रजत और तीन कांस्य पदक प्राप्त किया। इस प्रकार वह प्रथम स्थान पर रही।

मेहदी यूसुफ़ी ने 79 किलोग्राम, अमीर हुसैन फ़ीरोज़पूर ने 92 किलोग्राम, अमीर रज़ा मासूमी ने 125 किलोग्राम की प्रतियोगिता में स्वर्ण पदक हासिल जबकि मेहदी हाजीलूयान ने 97 किलोग्राम के मुक़ाबले में रजत पदक हासिल किया और अली मोमिनी 57 किलोग्राम, इब्राहीम ख़्वारी ने 61 किलोग्राम और अब्बास इब्राहीमज़ादे ने 70 किलोग्राम के मुक़ाबले में कांस्य पदक प्राप्त किया।

इस प्रकार इस मुक़ाबले में ईरान की फ्री स्टाईल की नेश्नल टीम पहले स्थान पर रही जबकि आज़रबाइजान गणराज्य की टीम दूसरे और जापान की टीम तीसरे स्थान पर रही।

बैरूत यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर ने कहा, बेशक सैय्यद हसन नसरुल्लाह का निधन एक महान और अपूरणीय क्षति है लेकिन उन्होंने ज़ुल्म के खिलाफ एक मकतब और रवश की बुनियाद रखी।

एक रिपोर्टर के अनुसार, बैरूत यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर तलाल अतरीसी ने दफ्तर-ए-तब्लिगात-ए-इस्लामी हौज़ा ए इल्मिया क़ुम की सहायक सांस्कृतिक प्रचार इकाई द्वारा आयोजित (हिज़्बुल्लाह जिंदा है) कांफ्रेंस में भाषण देते हुए कहा,शहीद सैय्यद हसन नसरुल्लाह ने उम्मत ए इस्लामी में एक नई हक़ीक़त को उजागर किया हैं।

उन्होंने लेबनान की आंतरिक स्थिति के सुधार राष्ट्रीय एकता और अमन की हिफाज़त और दुश्मन का मुकाबला करने में हिकमत और जुर्रत को बढ़ावा दिया हैं।

उन्होंने आगे कहा, ज़ुहद, विनम्रता, सादा जीवन शैली, मआरिफ़त अल्लाह पर पक्का यक़ीन, फिक्री और अक़ीदी हमआहंगी और राजनीतिक सोच की पारदर्शिता उनकी प्रमुख विशेषताओं में से हैं।

बेरूत यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर ने कहा,शहीद सैय्यद हसन नसरुल्लाह की शख्सियत की एक अहम ख़ासियत यह थी कि उन्होंने यहूदी दुश्मन के खिलाफ संघर्ष के महत्वपूर्ण चरण की क़ियादत की और क्षेत्र में साम्राज्यवादी योजनाओं को नाकाम कर दिया।

उन्होंने कहा, शहीद सैय्यद हसन नसरुल्लाह ने यहूदी हुकूमत को बड़ा नुकसान पहुँचाया उन्होंने न सिर्फ लेबनानियों बल्कि पूरे उम्मत ए इस्लामी में फतह की सोच को ज़िंदा किया हैं।

उन्होंने इस्राइल को मकड़ी के जाले से भी कमजोर करार दिया और फतह की संस्कृति और एक नई खुद-आगाही पैदा की हैं।

तलाल अतरीसी ने आगे कहा, जब हम उनके बयानों को देखते हैं और उनके विचारों का जायज़ा लेते हैं तो हमें मालूम होता है कि उनकी संस्कृति वास्तव में फतह की संस्कृति थी वह वास्तव में यक़ीन रखते थे कि यह संस्कृति इस्लामी सभ्यता की योजना का हिस्सा है।

यहूदी विपक्षी नेता लापिड ने देश की अर्थव्यवस्था की बर्बादी, हत्याओं और सैनिकों के ड्यूटी से इनकार के संबंध में यहूदी कैबिनेट पर कड़ी आलोचना करते हुए कहा है कि नेतन्याहू के पास हार मानने के अलावा कोई चारा नहीं है।

एक रिपोर्ट के अनुसार, यहूदी विपक्षी नेता लापिड ने देश की अर्थव्यवस्था की बर्बादी, हत्याओं और सैनिकों के ड्यूटी से इनकार के संबंध में यहूदी कैबिनेट पर कड़ी आलोचना करते हुए कहा है कि नेतन्याहू के पास हार मानने के अलावा कोई चारा नहीं है।

अलजज़ीरा के मुताबिक, ग़ाज़ा और लेबनान में ऐतिहासिक आक्रामकता के बावजूद अपने लक्ष्यों को पाने में नाकामी के कारण यहूदी प्रधानमंत्री नेतन्याहू को कड़ी आलोचना का सामना करना पड़ रहा है।

इज़राईली संसद में विपक्षी नेता याइर लापिड ने नेतन्याहू पर तीखा हमला किया है।

 

उन्होंने कहा कि अगर नेतन्याहू दुश्मनों का सफाया करना चाहते हैं तो हमारे बच्चों की मौतों की ज़िम्मेदारी और हार को भी स्वीकार करें।

उन्होंने सैनिकों के ड्यूटी से भागने की ओर इशारा करते हुए कहा कि हमारे सैनिक हर दिन मारे जा रहे हैं और घायल हो रहे हैं, और नेतन्याहू भागने वालों के लिए कानून बना रहे हैं। यह अस्वीकार्य है क्योंकि कानून बनाने से हत्याओं का सिलसिला नहीं रुकेगा।

उन्होंने कहा कि नेतन्याहू कैबिनेट की ओर से कोई सकारात्मक प्रगति नहीं हुई है नेतन्याहू से ज़्यादा किसी ने भी इस्राइल को कमजोर नहीं किया है।

विपक्षी नेता ने आगे कहा कि हमारी अर्थव्यवस्था दिवालिया हो गई है वित्त मंत्री के पास गणना करने के लिए एक कैलकुलेटर तक नहीं है कि आंकड़ों का आकलन कर सकें।

उन्होंने कहा कि वर्तमान कैबिनेट को यहूदी जनता के बहुमत का समर्थन नहीं है, इसलिए इसे बर्खास्त किया जाना चाहिए इस कैबिनेट ने सबसे अधिक इस्राइल को कमजोर किया है।

हज़रत आयतुल्लाहिल उज़मा नूरी हमदानी ने जिहाद और शहादत को इस्लाम की बक़ा का ज़ामिन करार देते हुए बहादुर सिपाहियों की तुलना मालिके अश्तर जैसे महान मुजाहिद से की।

एक रिपोर्ट के अनुसार , आयतुल्लाहिल उज़मा नूरी हमदानी ने जांबाज़ और शहीद फाउंडेशन के प्रमुख से मुलाकात में जिहाद और शहादत की महानता पर प्रकाश डालते हुए कहा कि यदि जिहाद और शहादत न होती तो इस्लाम भी न होता।

उन्होंने बहादुर सिपाहियों को मालिके अश्तर जैसे मुजाहिद के समान बताया और उनकी सेवाओं को समाज के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण करार दिया।

आयतुल्लाह नूरी हमदानी ने कहा कि शहीदों और बहादुर सिपाहियों के परिवारों की सेवा सबसे महत्वपूर्ण जिम्मेदारी है उन्होंने पैगंबर इस्लाम स.ल.के कथन का हवाला देते हुए कहा कि इस्लाम की बक़ा के लिए जिहाद और शहादत जैसी कुर्बानियां बुनियादी महत्व रखती हैं।

उन्होंने आगे कहा कि इमाम जाफर सादिक अ.स. ने शहादत को नेकियों के उच्चतम स्तर पर बताया हैउन्होंने इमाम खुमैनी (र.ह) के इस कथन को दोहराया कि शहीदों के परिवार समाज के चश्म ओ चराग हैं और उनकी सेवा करना पहली ज़िम्मेदारी है।

आयतुल्लाह नूरी हमदानी ने जांबाज़ सिपाहियों को इस्लामी समाज का महत्वपूर्ण स्तंभ बताते हुए कहा कि इन मुजाहिदों ने इस्लाम और इस्लामी व्यवस्था की रक्षा के लिए अपनी ज़िंदगियाँ समर्पित की हैं।

उन्होंने ज़ोर देकर कहा कि शहीद फाउंडेशन की जिम्मेदारी है कि वह उनकी सेवाओं का सम्मान करे और उनकी देखभाल में कोई कमी न आए।