
رضوی
ईरानी महिलाओं ने फिर अपनी ताक़त का डंका बजाया
एशियाई टेबल टेनिस संघ एटीटीयू ने क़ज़ाक़िस्तान में एशियाई चैम्पियनशिप के वयस्क टेबल टेनिस टूर्नामेंट वर्ग में 2 ईरानी महिला रेफरी की उपस्थिति की सूचना दी है।
एशियाई टेबल टेनिस संघ एटीटीयू की घोषणा के अनुसार 2 ईरानी महिला रेफ़री सीमीन रेज़ाई और "नसीबा दिलेर हर्वी को क्रमशः क़ज़ाक़िस्तान में एशियाई चैम्पियनशिप टेबल टेनिस टूर्नामेंट के मुख्य रेफरी और सहायक निदेशक के रूप में चुना गया है।
"सीमीन रेज़ाई" के पास ओलंपिक और विश्व चैम्पियनशिप जैसे मुक़ाबलों में रेफ़री बनने का अनुभव है।
"नसीबा दिलेर हर्वी" ने विश्व चैम्पियनशिप, एशियाई खेलों और एशियाई चैम्पियनशिप जैसे महत्वपूर्ण मुक़ाबलों में भी रेफ़री की भूमिका निभाई है।
पुरुष और महिला दोनों वर्गों में एशियाई सीनियर चैंपियनशिप की टेबल टेनिस प्रतियोगिताएं 05 से 13 अक्टूबर 2024 तक क़ज़ाकिस्तान की मेज़बानी में राजधानी अस्ताना में आयोजित होंगी।
इसके अलावा, एशिया संघ ने दिलेर हर्वी को इराक़ के सुलेमानिया में आयोजित होने वाले पश्चिम एशियाई चयन टूर्नामेंट की निदेशक और पश्चिम एशियाई युवा चयन टूर्नामेंट की प्रबंधक के रूप में चुना है जिसकी मेज़बानी इराक़ करेगा।
केरल में CAA के खिलाफ ट्रेन रोककर विरोध प्रदर्शन, राज्य में लागू नहीं होगा सीएएः मुख्यमंत्री
सोमवार की शाम को CAA नोटिफिकेशन जारी होने के बाद रात से ही केरल में विरोध प्रदर्शन शुरू हो गया है। केरल में अलग- अलग प्रोटेस्ट किया गया।
राज्य के मुख्यमंत्री ने ऐलान करते हुए कहा कि केरल में नागरिकता संशोधन अधिनियम 2024 यानी CAA लागू नहीं किया जाएगा।
भारत सरकार की तरफ से सोमवार की शाम नागरिकता (संशोधन) अधिनियम CAA का नोटिफिकेशन जारी कर दिया गया है। CAA लागू होने जाने के बाद केरला में सोमवार रात से ही विरोध प्रदर्शन शुरू हो गया है। कांग्रेस के यूथ विंग NSUI ने कोच्चि और त्रिशूर रेलवे स्टेशन पर ट्रेन रोककर CAA के खिलाफ प्रदर्शन किया। पुलिस ने इन सभी प्रदर्शनकारियों को ट्रेक से हटाया। सत्तारूढ़ CPM के यूथ विंग DYFI ने कोझिकोड में विरोध मार्च किया और फ्रेटानिटी पार्टी के समर्थकों ने भी कोझिकोड में अचानक प्रोटेस्ट कर दिया। इस पर पुलिस ने हल्का बल प्रयोग कर प्रदर्शनकारियों को हिरासत में ले लिया।
इसके अलावा कासरगोड में IUML के यूथ विंग यूथ लीग के कार्यकर्ताओं ने CAA के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया। इसी बीच केरला के CM पिनराई विजयन ने एक बयान जारी करते हुए कहा कि राज्य में नागरिकता संशोधन अधिनियम 2024 यानी CAA लागू नहीं किया जाएगा। केरल के सीएम ने इसकी कड़ी आलोचना करते हुए कहा कि राज्य सांप्रदायिक विभाजन अधिनियम (communal division act) का एक साथ विरोध करेगा।
प्राप्त समाचारों के अनुसार CAA को नॉर्थ ईस्टर्न राज्यों में के अधिकांश जनजातीय क्षेत्रों में लागू नहीं किया जाएगा। सीएए कानून को उन सभी पूर्वोत्तर राज्यों में लागू नहीं किया जाएगा जहां भारत के अन्य हिस्सों में रहने वाले लोगों को यात्रा करने के लिए ‘इनर लाइन परमिट’ (आईएलपी) की जरूरत होती है।
ज्ञात रहे कि आईएलपी अरुणाचल प्रदेश, नगालैंड, मिजोरम और मणिपुर में लागू है। अधिकारियों ने नियमों के हवाले से बताया कि जिन जनजातीय क्षेत्रों में संविधान की छठी अनुसूची के तहत स्वायत्त परिषदें बनाई गई हैं, उन्हें भी सीएए के दायरे से बाहर रखा गया है। असम, मेघालय और त्रिपुरा में ऐसी स्वायत्त परिषदें हैं।
फ़िलिस्तीनी महिलाओं और बच्चों की हत्या कर देनी चाहियेः जायोनी रब्बी
एक ज़ायोनी रब्बी ने खुल्लम- खुल्ला फिलिस्तीनी महिलाओं और बच्चों की हत्या कर देने का आह्वान किया है।
इससे पहले एक अतिवादी जायोनी मंत्री ने कहा था कि फिलिस्तीनियों पर परमाणु बम मार देना चाहिये।
अतिवादी जायोनी रब्बी ने कहा कि आज जंग में विनाशकारी वही बच्चे हैं जिन्हें हमने पिछली जंगों में जीवित छोड़ दिया और महिलायें भी वास्तव में वही हैं जो इन बच्चों को आतंकवादी बनाती हैं।
यह जुमले जायोनी रब्बी इल्याहू माली के हैं। इसी प्रकार इस अतिवादी जायोनी रब्बी ने कहा है कि यह पवित्र युद्ध है और शरीयत का कानून बहुत स्पष्ट कि अगर इनकी हत्या नहीं करोगे तो वे तुम्हारी हत्या करेंगे। इसी प्रकार जायोनी रब्बी इल्याहू माली ने कहा कि इसका मतलब यह है कि हम रहेंगे या वे। इसी प्रकार उसने कहा कि जो तुम्हारी हत्या करने के लिए आ रहे हैं पहले तुम उनकी हत्या कर दो। इसमें केवल वे लोग शामिल नहीं हैं जो 16.18.20 या 30 साल के हों और तुम्हारे खिलाफ हथियार उठा रहे हैं बल्कि इसमें भावी पीढ़ी के बच्चे भी शामिल हैं और इसी प्रकार इसमें वे फिलिस्तीनी भी शामिल हैं जो भावी पीढ़ी को जन्म देंगे।
वर्ष 1948 में फिलिस्तीनियों की मातृभूमि में जायोनी सरकार के अवैध अस्तित्व की घोषणा की गयी और तब से लेकर आजतक फिलिस्तीनियों के खिलाफ इस्राईल के अनवरत जघन्य अपराधों का सिलसिला यथावत जारी है। इस्राईल अब तक चालिस लाख से अधिक फिलिस्तीनियों को उनकी मातृभूमि से निकाल चुका है जो दूसरे देशों में बहुत ही दयनीय दशा में शरणार्थी का जीवन व्यतीत कर रहे हैं।
सवाल यह पैदा होता है कि यहूदियों और जायोनियों ने कैसे और किस बहाने से फिलिस्तीनियों की मातृभूमि पर कब्ज़ा किया और वहां पर इस्राईल के अवैध अस्तित्व की घोषणा की? इसका जवाब स्पष्ट है। ब्रिटेन ने इसकी भूमि प्रशस्त की और बिलफौर घोषणापत्र को इसी परिप्रेक्ष्य में देखा सकता है। इस्राईल के अवैध अस्तित्व की घोषणा के बाद पूरी दुनिया के यहूदियों व जायोनियों को अवैध अधिकृत फिलिस्तीन लाकर फिलिस्तीनियों की मातृभूमि पर लाकर बसाया गया और अपनी मातृभूमि को इस्राईल के अवैध कब्ज़े से आज़ाद कराने के लिए फिलिस्तीनी हमेशा संघर्ष करते रहे हैं परंतु बड़े खेद के साथ कहना पड़ता है कि अगर अमेरिका और पश्चिम की वर्चस्ववादी नीतियों के विरोधी किसी देश में किसी एक इंसान की मौत हो जाती है तो तुरंत वे उसे मानवाधिकारों के हनन की संज्ञा देते हैं परंतु इस्राईल के पाश्विक और बर्बर हमलों में 31 हज़ार से अधिक फिलिस्तीनी शहीद हो गये अब उन्हें कहीं मानवाधिकारों का हनन नज़र नहीं आ रहा है।
रोचक बात यह है कि इस्राईल के समर्थक और मानवाधिकारों का राग अलापने वाले इस्राईल के कृत्यों के बचाव में उसे आत्म रक्षा का नाम देते हैं। यही नहीं इस्राईल के समर्थक फिलिस्तीनियों के कानूनी, नैतिक और स्वाभाविक संघर्ष को आतंकवाद का नाम देते हैं।
बिनगोरियन हवाई अड्डे और अमेरिकी जहाज़ पर हमला
इराक के इस्लामी प्रतिरोध ने मंगलवार को एक बयान जारी करके एलान किया है कि तेलअवीव के बिनगोरियन हवाई अड्डे पर ड्रोन से हमला किया।
समाचार एजेन्सी इर्ना की रिपोर्ट के अनुसार इराक के इस्लामी प्रतिरोध ने एलान किया है कि अतिग्रहण के मुकाबले में कार्यवाही के परिप्रेक्ष्य में आज सुबह इस्राईल के अंदर बिनगोरियन हवाई अड्डे को ड्रोन से लक्ष्य बनाया गया। इसी प्रकार इराक के इस्लामी प्रतिरोध ने गुरूवार की रात को भी एलान किया था कि अलजलील क्षेत्र में स्थित इस्राईल की एक सैनिक छावनी को लक्ष्य बनाया था।
इराक के इस्लामी प्रतिरोध ने अमेरिका द्वारा इस्राईल के व्यापक समर्थन की भर्त्सना करते हुए फिलिस्तीन की मज़लूम जनता के समर्थन में इराक और सीरिया में स्थित अमेरिकी सैनिक छावनियों और इसी प्रकार खुद अवैध अधिकृत फिलिस्तीन में जायोनी सरकार के ठिकानों पर बारमबार हमला किया है।
इसी बीच यमन की सशस्त्र सेना के प्रवक्ता यहिया सरीअ ने मंगलवार की सुबह कहा कि इस देश की सेना ने लाल सागर में एक अमेरिकी जहाज़ को लक्ष्य बनाया है। उन्होंने कहा कि इस अमेरिकी जहाज़ को कई मिसाइलों से लक्ष्य बनाया गया। यमनी सेना के प्रवक्ता ने बल देकर कहा कि जब तक गज्जा पट्टी पर हमले बंद नहीं होते और उसका परिवेष्टन खत्म नहीं किया जाता तब तक अवैध अधिकृत फिलिस्तीन की ओर जाने वाले जहाजों पर हमला होता रहेगा।
पिछले सप्ताह भी यमन की सशस्त्र सेना ने लाल सागर में अमेरिका के दो युद्धपोतों को लक्ष्य बनाया था।
मुसलमानों के मध्य शांति प्रचलित करना इस्लामी देशों के नेताओं का दायित्व हैः रईसी
ईरान के राष्ट्रपति ने रमज़ान का पवित्र महीना आरंभ हो जाने पर इस्लामी देशों के नेताओं और लोगों को मुबारकबाद देते हुए कहा है कि मुसलमानों के मध्य शांति और बंधुत्व को प्रचलित करना इस्लामी देशों के नेताओं का दायित्व है।
राष्ट्रपति सैयद मोहम्मद इब्राहीम रईसी ने कहा कि फिलिस्तीनी मुसलमानों का संघर्ष जारी रहने और विश्व के मुसलमानों का निरंतर समर्थन जारी रहने से फिलिस्तीन, बैतुल मुकद्दस और मस्जिदुल अक्सा दोबारा इस्लामी जगत में लौट आयेंगे।
राष्ट्रपति ने बल देकर कहा कि इस्लामी राष्ट्रों के मध्य भाईचारे और बंधुत्व के संबंध के मज़बूत होने और इसी प्रकार इस्लामी देशों के मध्य संबंधों के विस्तृत व प्रगाढ़ होने से इस्लामी जगत मज़बूत होगा।
इसी प्रकार राष्ट्रपति ने कहा कि अत्याचार विशेषकर जायोनी सरकार के वर्चस्व व अपराधों के मुकाबले में इस्लामी देशों के मध्य समन्वय समस्त क्षेत्रों में मुसलमानों विशेषकर फिलिस्तीन के मज़लूम लोगों की इज्जत और सर बुलंदी का कारण बनेगा।
ज्ञात रहे है कि आज मंगलवार को ईरान में रमज़ान के पवित्र महीने की पहली तारीख है जबकि सऊदी अरब, क़तर, सीरिया, संयुक्त अरब इमारात, अफगानिस्तान, बोस्निया व हिर्ज़ोगोविना, इराक और लेबनान में कल सोमवार को रमज़ान महीने की पहली तारीख थी।
इसी प्रकार इंडोनेशिया, मलेशिया, ऑस्ट्रेलिया, ब्रुनई, सिंगापुर, इराक और लेबनान के शीयों ने आज मंगलवार को रमज़ान की पहली तारीख होने का एलान किया है।
अपनी देखभाल- 2
अपनी देख-भाल आप के बारे में पहला क़दम स्वतः ज्ञान या अपने बारे में ज्ञान बढ़ाना है।
हमने अपनी देख-भाल आप की परिभाषा का उल्लेख किया था और बताया था कि यह वह काम है जिसमें हर व्यक्ति अपने ज्ञान, दक्षता व क्षमता को एक स्रोत के रूप में इस्तेमाल करता है ताकि अपने तौर पर अपने स्वास्थ्य का ध्यान रख सके। इस आधार पर अपनी देख-भाल आप ऐसा व्यवहार है जो लोगों की अपने इरादे से स्वेच्छा के आधार पर सामने आता है और इसके अंतर्गत व्यक्ति आवश्यक ज्ञान व दक्षता प्राप्त करके अपने स्वास्थ्य की देख-भाल करने में सक्षम हो जाता है।
हममें से सभी के अपने जीवन में बहुत से दायित्व होते हैं जिनके कारण हम अपनी देख-भाल को भूल जाते हैं जबकि उचित व सही अर्थ में अपनी देख-भाल आप, अच्छे जीवन का एहसास दिलाती है और हम स्वयं को जो अहमियत देते हैं उससे दूसरों को भी अवगत कराती है। इस आधार पर अपनी देख-भाल आप का एक अहम तत्व, अपना ज्ञान बढ़ाना है। इसका अर्थ वह दक्षता हासिल करना है जो इस बात में हमारी मदद करती है कि हम अपने आपको, अपनी ज़रूरतों को, अपनी विशेषताओं को, अपनी कमज़ोरियों को, अपने मज़बूत बिंदुओं को, अपनी भावनाओं को और अपनी प्रवृत्ति को संपूर्ण ढंग से पहचान लें।
अधिकतर लोग केवल आयु, लिंग, काम की स्थिति इत्यादि जैसी अपनी मूल व साधारण विशेषताओं के बारे में बात करते हैं और अपने व्यक्तित्व और व्यवहार की विशेषताओं के बारे में पर्याप्त व संपूर्ण जानकारी नहीं रखते। उदाहरण स्वरूप उन्हें पता नहीं होता कि किन कामों को वे बेहतर ढंग से अंजाम दे सकते हैं? उनमें कौन सी नकारात्मक और असैद्धांतिक नैतिक विशेषताएं हैं? अपनै जीवन के बारे में उनकी क्या महत्वकांक्षाएं और लक्ष्य हैं? उनके जीवन की रुचियां और प्राथमिकताएं क्या हैं? और कौन सी चीज़ें उन्हें ख़ुश या दुखी करती हैं? ये सारी बातें अपने बारे में ज्ञान की कमी के कारण होती हैं।
जीवन की विशेषम्ताओं की प्राप्ति से पहले अपने बारे में जानकारी ज़रूरी है क्योंकि इस प्रकार की जानकारी रखने वाले लोग अपने बारे में अधिक सटीक पहचान रखते हैं जिससे उन्हें अपनी सुरक्षा, देख-भाल और प्रगति में काफ़ी मदद मिलती है। अलबत्ता यह नहीं सोचना चाहिए कि अपने बारे में सटीक जानकारी से सभी समस्याओं का समाधान हो जाएगा क्योंकि यह तो केवल पहला क़दम है।
अपने आपको निष्पक्ष रूप से देखना कोई सरल काम नहीं है। इसका अर्थ यह होता है कि मनुष्य इस पर ग़ौर करे कि उसके विचार क्या हैं? आस्थाएं क्या हैं? कमज़ोरियां क्या हैं? मज़बूत बिंदु क्या हैं? कौन सी चीज़ें उसे अप्रसन्न करती हैं? किन बातों से वह ख़ुश होता है? उसके जीवन में कोई लक्ष्य है भी या नहीं? और अगर है तो उस लक्ष्य का आधार क्या है?
वास्तव में अधिकांश लोग अपने जीवन में ज़्यादातर बाहरी मामलों का ज्ञान हासिल करने, उनकी वास्तविकता जानने और तकनीक प्राप्त करने की कोशिश में रहते हैं और अपने बारे में ज्ञान बढ़ाने की कोशिश नहीं करते। यह बात भी रोचक है कि कुछ लोग सोचते हैं कि आयु का एक भाग गुज़र जाने के बाद वे अपने आपको अच्छी तरह पहचान गए हैं जबकि बहुत कम ही लोग होते हैं जो अपने विचारों व आस्थाओं और अपने व्यवहार पर उनके प्रभाव के बारे में ज्ञान रखते हैं। ये लोग शायद ही कभी अपने दुखों, मान्यताओं, रुचियों और व्यवहार की समीक्षा करते हों। ये लोग अधिकतर आज वही काम करते हैं जो इन्होंने कल किए थे। चूंकि इन्हें अपने आपको पहचानने में रुचि नहीं है इस लिए ये कल भी और उसके बाद भी वही पिछले काम करते रहेंगे।
अलबत्ता इस बिंदु पर भी ध्यान रखना चाहिए कि स्वतः ज्ञान या अपने बारे में ज्ञान उसी समय हासिल होता है जब अपने बारे में व्यक्ति की सोच को सवालों के कटघरे में खड़ा किया जाए और वह व्यक्ति पूरी सच्चाई से उनका जवाब दे। “मैं कौन हूं?” इस प्रश्न का उत्तर लोग जितना सटीक और वास्तविक देंगे या दूसरे शब्दों में उनका उत्तर अपने बारे में जितना अधिक सच्चाई और ज्ञान पर आधारित होगा, उतना ही वे अपने बारे में अधिक ज्ञान के स्वामी होंगे।
अब सवाल यह उठता है कि स्वतः ज्ञान का अपनी देख-भाल आप से क्या संबंध है? और इसका इस विषय में कितना महत्व है? अपनी देख-भाल आप के लिए जो कुछ हम हैं, जो कुछ हम बनना चाहते हैं और इस उद्देश्य के लिए हमारे जो तर्क हैं उनके बारे में हमारा स्पष्ट दृष्टिकोण होना चाहिए और फिर हमें सक्षम होना चाहिए ताकि हम पूरे ज्ञान व सक्रियता के साथ, जो कुछ हम चाहते हैं, उसे वास्तविकता में बदल दें। आप सोचिए कि आप एक गलियारे में चल रहे हैं और एक कमरे की ओर जाते हैं, दरवाज़ा खोलते हैं और अचानक ही कमरे का बल्ब बुझ जाता है। आपके अस्तित्व में घबराहट भर जाती है, आप धीरे-धीरे और छोटे-छोटे क़दम उठाते हैं, सहसा ही आपका शरीर किसी चीज़ से टकराता है और एक आवाज़ सुनाई देती है, आप और डर जाते हैं। उसी क्षण बल्ब जल उठता है और आप देखते हैं कि एक साधारण सा कमरा है और आप एक मेज़ से टकराए थे जिसके कारण एक पेन नीचे गिर गया था। वस्तुतः जब बल्ब जलता है तो आप निश्चितं व संतुष्ट हो जाते हैं और आपकी घबराहट दूर हो जाती है। ठीक इसी तरह अगर आप, अपने आपको सही ढंग से नहीं जानते और पहचानते हैं तो मानो आप एक अंधेरे कमरे में घुस गए हैं।
अब एक सवाल और उठता है और वह यह कि स्वतः ज्ञान में दक्षता किस तरह हासिल की जा सकती है या उसे किस तरह बढ़ाया जा सकता है? इस सवाल का पहला जवाब ज्ञान है यानी जो व्यक्ति अपने ज्ञान में वृद्धि करता है वह बेहतर ढंग से विभिन्न अवसरों व स्थानों पर अपने व्यवहार के कारण की समीक्षा कर सकता है। यह ज्ञान, उसे उन चीज़ों को बदलने का अवसर देता है जो उसे पसंद नहीं हैं और वह अपने जीवन को अपनी इच्छाओं और परिस्थितियों के अनुकूल ढाल कर उससे आनंदित हो सकता है। अपने आपके बारे में ज्ञान रखे बिना, अपने आपको स्वीकार करना और बदलना असंभव होगा। हम क्या हैं? और क्या बनना चाहते हैं और इसी तरह इन बातों के लिए हमारा तर्क क्या है? इसके बारे में अगर हमारे विचार और हमारा दृष्टिकोण पूरी तरह से सटीक और स्पष्ट होगा तो इससे हमें अपनी इच्छाओं को पूरा करने में बहुत मदद मिलेगी और इसी तरह इससे हम अपनी बेहतर देख-भाल कर सकेंगे।
अनमोल बातें - 2
ईश्वर की उपासना का अर्थ उसका आज्ञापालन और उसकी प्रसन्नता की दिशा में क़दम उठाना है।
ईश्वर की उपासना मुक्ति की सीढ़ी, उससे प्रेम का तरीक़ा और सौभाग्य की प्राप्ति का सबसे ठोस दस्तावेज़ है। ईश्वर की उपासना उससे संपर्क बनाने का साधन, उसके आज्ञापालन का एलान और उसके सामने नत्मस्तक होना है।
इमाम जाफ़र सादिक़ अलैहिस्सलाम फ़रमाते हैं कि ईश्वर कहता हैः हे मेरे प्रिय बंदो! इस तुच्छ भौतिक दुनिया के जीवन में मेरी उपासना की अहमियत को समझो। इस नेमत की क़द्र करो।
नमाज़ ईश्वर की बहुत बड़ी उपासना है। रोज़ा, ज़कात और ख़ुम्स नामक विशेष कर और हज ईश्वर की अनुकंपा है। इन उपासनाओं का हमारे लिए अनिवार्य होना नेमत की तरह है। ईश्वर कहता है कि दुनिया में मेरी उपासना को अहम समझो। उपासना को अपने लिए बोझ न समझो, बल्कि ईश्वर की ओर से मिलने वाली नेमत समझो।
जहां तक मुमकिन हो धर्मपरायण बंधु के मुंह से निकली बात को सही मानो। अगर हम सिर्फ़ इसी उसूल को अपने जीवन में चरितार्थ कर लें तो बहुत सी दुश्मनियां और अफ़वाहें कम हो जाएंगी।
जिस समय कोई धर्मपरायण भाई कोई बात कहे तो उसमें दो संभावनाएं मौजूद होती हैं एक अच्छी और दूसरी बुरी। जब तक मुमकिन हो उसके नकारात्मक आयाम को अहमियत न दीजिए बल्कि अच्छे आयाम को अहमियत दीजिए। यह मूल नियम और नैतिक सिद्धांतों में है जिससे सामाजिक संबंध मज़बूत होते हैं। क्योंकि समाज की अखंडता बहुत अहम है। अगर समाज में लोगों के बीच संबंध मज़बूत हों तो उनके अपने लक्ष्य तक पहुंचने की संभावना अधिक है न कि फूट की स्थिति में।
जब आपका धर्मपरायण भाई कोई बात कहे तो उस वक़्त तक उसकी बात का बुरा अर्थ न निकालिए जब तक उसकी बात में अच्छाई का पहलू निकल सकता हो। अगर अच्छा अर्थ निकल सकता है कि उससे अच्छा ही अर्थ निकालिए।
यमन में मारा गया भगोड़ा आतंकी सरग़ाना
आतंकवादी गुट अलक़ाएदा का एक आतंकी सरग़ना ख़ालिद बातरफ़ी, यमन में मारा गया।
ईरान प्रेस के अनुसार अलक़ाएदा के सूत्रों ने बताया है कि उसका एक वरिष्ठ कमांडर, यमन में मारा गया। इन सूत्रों ने कहा है कि ख़ालिद बातरफ़ी की मौत के बाद अब उसके स्थान पर साद बिन आतिफ़ अलऔलक़ी को लाया जाएगा।
जेल से फ़रार ख़ालिद को सन 2020 के आरंभ में क़ासिम अर्रीमी की हत्या के बाद अलक़ाएदा की ओर से यमन के लिए अलक़ाएदा प्रमुख नियुक्त किया गया था। यमन के तटवर्ती नगर मलका की जेल पर सन 2015 में अलक़ाएदा के आतंकियों के हमले में इस जेल से लगभग 150 आतंकवादी निकल भाग थे।
जेल से फरार आतंकवादियों में ख़ालिद बातरफ़ी भी था जो बाद में यमन में अलक़ाएदा प्रमुख बनाया गया। इस आतंकवादी की मौत के बारे में अभी बहुत सी बातें स्पष्ट नहीं हैं।
आंध्र प्रदेश में भाजपा का टीडीपी और जेएसपी से गठबंधन
भारतीय जनता पार्टी ने आगामी लोकसभा और आंध्र प्रदेश विधानसभा चुनावों के लिए जो एक साथ होंगे तेलुगु देशम पार्टी और जन सेना पार्टी के साथ गठबंधन की घोषणा की है।
एक संयुक्त बयान में तीनों पार्टियों ने कहा कि साथ आने से आंध्र प्रदेश के लोगों की आकांक्षाओं पर खरा उतरने में मदद मिलेगी।
बयान में कहा गया कि भाजपा और टीडीपी का बहुत पुराना रिश्ता है। टीडीपी 1996 में एनडीए में शामिल हुई और अटल बजी और नरेंद्र मोदी जी की सरकार में सफलतापूर्वक साथ काम किया। 2014 में टीडीपी और भाजपा ने लोकसभा चुनाव और विधानसभा चुनाव साथ मिलकर लड़ा था। जेएसपी ने आंध्र प्रदेश में 2014 के आम चुनाव और विधानसभा चुनावों में समर्थन दिया था।
हालांकि गठबंधन पर मुहर लग चुकी है लेकिन सीट-बंटवारे की व्यवस्था की औपचारिक घोषणा होना बाकी है। भाजपा ने कहा कि एक-दो दिन में तौर-तरीकों पर विचार किया जाएगा।
गठबंधन पर मुहर लगने के बाद संवाददाताओं को संबोधित करते हुए नायडू ने कहा कि आंध्र प्रदेश में हम सभी सीटें जीतेंगे।
उन्होंने कहा कि आंध्र प्रदेश बुरी तरह बर्बाद हो गया है, भाजपा और टीडीपी का एक साथ आना देश और राज्य के लिए शुभ संकेत है।
ज्ञात रहे कि आंध्र प्रदेश को विशेष राज्य का दर्जा देने से मोदी सरकार के इनकार के बाद टीडीपी 2018 में एनडीए से बाहर हो गई थी।
इसके बाद, टीडीपी ने ‘धर्म पोरातम’ या ‘न्याय के लिए लड़ाई’ शुरू की और एनडीए सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव भी लाया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को ‘आतंकवादी’ करार देते हुए नायडू ने उन पर अपनी पत्नी को ‘छोड़ने’ का भी आरोप लगाया था।
हालांकि टीडीपी को 2019 के चुनावों में अभूतपूर्व हार का सामना करना पड़ा, जब उन्हें वर्तमान मुख्यमंत्री जगन मोहन रेड्डी की वाईएसआर कांग्रेस पार्टी ने सत्ता से बाहर कर दिया।
नायडू तब से एनडीए में लौटने के इच्छुक थे, जिन्होंने जून 2023 में पांच साल में पहली बार शाह से मुलाकात की थी।
अमेरिका को इस्राईल का समर्थन मंहगा पड़ा, बाइडन की बोलती बंद
अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन के चुनाव प्रचार के दौरान एक फ़िलिस्तीन समर्थक कार्यकर्ता ने ज़ोरदार विरोध प्रदर्शन किया।
अरब मीडिया के मुताबिक अमेरिकी शहर अटलांटा में अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन के भाषण के दौरान फ़िलिस्तीन के समर्थन में नारे लगाए गए।
फ़िलिस्तीन समर्थक कार्यकर्ता ने नारा लगाते हुए कहा कि राष्ट्रपति जो बाइडेन आप एक तानाशाह हैं, फिलिस्तीन में नरसंहार हो रहा है और आप न केवल चुप हैं बल्कि इसका समर्थन भी कर रहे हैं।
विदेशी मीडिया के मुताबिक, राष्ट्रपति जो बाइडन का भाषण शुरू होने के कुछ ही देर बाद एक प्रदर्शनकारी चिल्लाया, "आप क्या करने जा रहे हैं? हज़ारों फिलिस्तीनियों ने अपनी जान गंवा दी है।