رضوی

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इसराइल के अपराधों के जवाब में ईरान के मिसाइल हलमों पर विभिन्न देशों में लोगों में जोश और ख़ुशी की लहर दौड़ गई।

इस्लामी गणतंत्र ईरान ने अपनी राष्ट्रीय संप्रभुता के उल्लंघन पर कुछ समय तक संयम बरतने के बाद, मंगलवार की रात इसराइल के सैन्य और सुरक्षा ठिकानों को मिसाइलों से निशाना बनाया। ईरान के इस ऑप्रेशन के बाद, कई देशों में लोगों ने जश्न मनाया।

ईरान के हमले के बाद, लेबनान के कई शहरों में लोग सड़कों पर निकल आए और उन्होंने ख़ुशी मनाई।

इसराइल के अपराधों से पीड़ित ग़ज़ा पट्टी, ख़ान यूनिस और जेनिन में फ़िलिस्तीनियों ने राहत की सांस ली और जश्न मनाया। लोगों ने जब आसमान में ईरान के मिसाइलों को लक्ष्यों की ओर जाते हुए देखा, तो शुक्र का सजदा किया और आईआरजीसी के लिए दुआ की।

इस दौरान, सोशल मीडिया पर फ़िलिस्तीनी बच्चों की कई वीडियो फ़ुटेज वायरल हुईं, जिसमें सड़कों पर उन्हें ख़ुशियां मनाते हुए दिखाया गया था।

जैसे ही ईरान का मिसाइल हमला शुरू हुआ, तुर्की में एक लाइव टीवी प्रोग्राम के दौरान एंकर और विशेषज्ञों ने मिठाई बांटकर ख़ुशी का इज़हार किया।

इराक़ में बग़दाद और करबला समेत कई शहरों में लोग सड़कों पर निकल आए और ख़ुशी मनाने लगे।

सीरिया की राजधानी दमिश्क़ में लोगों ने सड़कों पर निकलकर ईरान के इस हमले के समर्थन में नारे लगाए।

सोशल मीडिया पर जारी होने वाले वीडियोज़ में जॉर्डन के लोगों को इसराइल के ख़िलाफ़ ईरान के हमले पर नाचते और गाते हुए देखा जा सकता है।

पाकिस्तान के लोगों ने भी इसराइल के सैन्य और सुरक्षा ठिकानों पर ईरान के मिसाइल हमलों का स्वागत किया और जश्न मनाया।

यमन में भी लोगों को ख़ुशियां मनाते हुए और मिठाई बांटते हुए देखा गया

पूर उत्साह के साथ हौज़ा ए इल्मिया देश के ग़य्यूर ज़िम्मेदारान, मुजाहिद रक्षकों, सेना के कमांडरों और सशस्त्र बलों को ईमानदारी से धन्यवाद देता हैं और मानव मानको के अनुसार उनका पुरजोर समर्थन करता हैं ।

हौज़ा ए इल्मिया की ओर से इस्लामी क्रांति के सर्वोच्च नेता और सिपाह, सेना और सशस्त्र बलों के सर्वोच्च कमांडरों का समर्थन और प्रशंसा का बयान, जो आयतुल्लाह अराफ़ी द्वारा जारी हुआ है इस प्रकार है:

بسم اللہ قاصم الجبارین و مبیر الظالمین बिस्मिल्लाह कासिम अल-जब्बारीन व बेरिल ज़ालेमीन

"انا من المجرمین منتقمون अना मिनल मुजरेमीना मुन्तक़ेमुन"

सिपाह और बहादुर इस्लामी सेना के बहादुर, निष्पक्ष और साहसी हमले की खबर, जो इस्लामी क्रांति के सर्वोच्च नेता आयतुल्लाहिल उज़्मा सय्यद अली ख़ामेनई मदा ज़िल्लोहुल आली के नेतृत्व मे ईरान की सीमाओं के उल्लंघन और फिलिस्तीन और लेबनान के उत्पीड़ित लोगों के अत्याचार के जवाब मे अत्याचारी,  क्रूर, बेशर्म और कुख्यात ज़ायोनी शासन के खिलाफ किया गया, जिससे दुनिया भर के स्वतंत्र लोगों और मुसलमानों और प्रतिरोध मोर्चे के दिलो मे मौजूद ग़म और गुस्से को खुशी और गर्व में बदल दिया। प्रतिरोध मोर्चे के नेता शहीद सय्यद हसन नसरुल्लाह की शहादत के दुःख से पीड़ित थे।

हौज़ा इल्मीया पूरी ईमानदारी के साथ देश के ग़य्यूर ज़िम्मेदारान, मुजाहिद रक्षकों, सेना के कमांडरों और सशस्त्र बलों को ईमानदारी से धन्यवाद देता हैं और इस्लामी गणराज्य और प्रतिरोध मोर्चे की रक्षा को अंतर्राष्ट्रीय मानको, शरई, बौद्धिक और मानवी मानको के अनुसार जानते हुए उसका पूर्ण समर्थन करते हैं।

ईरान का संपूर्ण सम्मानित राष्ट्र, उलमा फ़ुज़्ला, युवा, महिलाएं और पुरुष दृढ़ता से मांग करते हैं कि ज़ायोनी शासन और उसके समर्थक आपराधिक शासकों द्वारा किसी भी खतरे या हमले का कड़ा और निर्णायक जवाब दिया जाए।

"ولینصرن الله من ینصره ان الله لقوی عزیز वलेयनसरुन्नल्लाहो मन यनसोरोहू इन्नल्लाहा लेक़वी अज़ीज"

अली रज़ा आराफ़ी

यमन के एक मुस्तबसिर ऐसाम अल-अबद ने लिखा: मेरे लिए सय्यद हसन नसरुल्लाह का अल्लाह के प्रति प्रेम की गहराई को व्यक्त करना कठिन है, क्योंकि उनका पूरा जीवन एकेश्वरवाद और ईश्वर के ज्ञान के मार्ग पर था, और उनके सभी शब्द और कर्म ईश्वर के प्रति उसके प्रेम और उससे जुड़े रहने का प्रतीक हैं।

यमनी मुस्तबसिर और हौज़ा इल्मीया क़ुम के प्रोफेसर ऐसाम अल-ऐबाद ने शहीद सय्यद हसन नसरुल्लाह के लिए शोक संदेश में कहा: सय्यद हसन पर अल्लाह की नेमतो मे से एक नेमत यह थी कि नसरुल्लाह हमेशा एकेश्वरवाद और ईश्वर के ज्ञान के मार्ग पर प्रयासरत रहे और यही सबसे बड़ा लक्ष्य था जिसके लिए उन्होंने प्रयास किया।

उन्होंने कहा: मेरे लिए अल्लाह की नेमतो में से एक यह है कि मैं सययद हसन नसरुल्लाह से प्यार करता हूं और तीस से अधिक वर्षों से उनके भाषण सुनता हूं।

ऐसाम अल-ऐबाद सय्यद हसन नसरल्लाह पर ईश्वर के आशीर्वाद में से एक यह है कि वह हमेशा एकेश्वरवाद और ईश्वर के ज्ञान के लिए प्रयास करते रहे, और यह सबसे बड़ा लक्ष्य था जिसके लिए उन्होंने प्रयास किया।

उन्होने कहा कि दरअसल, मैं चाहता हूं कि ईश्वर से की गई उनकी सभीदुआओं को एकत्र किया जाए, जिसमें एक व्यापक एकेश्वरवाद शामिल हो जिसमें पवित्र कुरान में वर्णित एकेश्वरवाद और ईश्वर के ज्ञान के सभी तथ्य शामिल हों।

हौज़ा इल्मीया के प्रोफेसर ने कहा कि सय्यद हसन नसरुल्लाह के ईश्वर के बारे में ज्ञान की एक लंबी कहानी है, यह आश्चर्य की बात नहीं है कि वह ईश्वर के साथ रहते थे, ईश्वर से दुआ करने का आनंद लेते थे और ईश्वर का समर्थन करने के लिए अपना सब कुछ दे देते थे। वास्तव में, हमें ईश्वर के साथ उनकी लंबी यात्रा से लाभ उठाना चाहिए और ईश्वर के साथ उनके रिश्ते से प्रेरित होना चाहिए और एकेश्वरवाद की सच्चाई और ईश्वर के ज्ञान को जानने के लिए सय्यद हसन नसरल्लाह से सीखना चाहिए।

हज़रत आयतुल्लाहिल उज़्मा जवादी आमूली ने अपने दरस की शुरुआत में (वादा-ए-सादिक 2)ऑपरेशन का उल्लेख करते हुए इस्लामिक रिवॉल्यूशनरी गार्ड और सेना और रक्षा मंत्रालय द्वारा इस्राइल के खिलाफ किए गए सफल मिसाइल हमले को अल्लाह की विशेष कृपा करार दिया हैं।

एक रिपोर्ट के अनुसार, हज़रत आयतुल्लाहिल उज़्मा जवादी आमूली ने अपने दरस की शुरुआत में (वादा-ए-सादिक 2)ऑपरेशन का उल्लेख करते हुए इस्लामिक रिवॉल्यूशनरी गार्ड और सेना और रक्षा मंत्रालय द्वारा इस्राइल के खिलाफ किए गए सफल मिसाइल हमले को अल्लाह की विशेष कृपा करार दिया हैं और उम्मीद जताई कि यह हमला इस्राइलियों को उनकी हदें याद दिला देगा।

उन्होंने आगे कहा,हाल के दिनों में कई दुखद और सुखद समाचार सुनने को मिले हिज़्बुल्लाह लेबनान के महान नेता की शहादत ने सभी को दुखी कर दिया और यह एक बड़ा दुख था लेकिन हमें उम्मीद है कि उनकी मेहनतें और कुर्बानियां अल्लाह की बारगाह में स्वीकार होंगी और उन्हें अंबिया और औलिया-ए-किराम के साथ स्थान मिलेगा।

आयतुल्लाह जवादी आमुली ने (वादा-ए-सादिक 2)ऑपरेशन के सफल मिसाइल हमले पर टिप्पणी करते हुए कहा,यह अल्लाह की विशेष कृपा थी कि इस्लामिक रिवॉल्यूशनरी गार्ड कॉर्प्स और सेना ने साहीयानों को हमले का कोई मौका नहीं दिया और उनके आयरन डोम डिफेंस सिस्टम को निष्क्रिय कर दिया।

उन्होंने आगे कहा,यह सफलता हिज़्बुल्लाह के महान नेता की शहादत के खून की बरकत का परिणाम है।

अल्लाह तआला इन सभी मुजाहिदीनों को दुनिया और आखिरत की खुशहाली दे और दुश्मनों को हमेशा उनकी हदें दिखाए इमाम-ए-ज़माना अ.स की विशेष कृपाओं से यह मुजाहिदीन हमेशा सफल रहें।

आयतुल्लाह जवादी आमूली ने दुआ की कि अल्लाह तआला इस्लामिक रिवॉल्यूशनरी गार्ड कॉर्प्स, सेना और रक्षा मंत्रालय के सभी जवानों को दुनिया और आखिरत की सफलता और खुशहाली दे, और इस्लाम और मुसलमानों के दुश्मनों को हमेशा अपमानित और शर्मिंदा करे।

अपने शोक संदेश में जामेअतुज जहरा के निदेशक ने शहीद हुज्जतुल-इस्लाम वल-मुस्लेमीन सय्यद हसन नसरुल्लाह को एक मुजाहिद विद्वान के रूप में याद किया, जिन्होंने अपना धन्य जीवन फिलिस्तीन की विजय, उत्पीड़न, भ्रष्टाचार, कब्जे के खिलाफ संघर्ष में बिताया। आक्रामकता और उसने अपनी दृढ़ता और संरक्षकता के पुरस्कार के रूप में शहादत का जाम पी लिया।

शोक संदेश इस प्रकार है:

बिस्मिल्लाहिर्रहमानिर्राहीम

इस महान और अथक मुजाहिदे मक़ावेमत और सर्वोच्च नेता के वफ़ादार साथी हुज्जुतल-इस्लाम वल-मुस्लेमीन सैय्यद हसन नसरल्लाह की पृथ्वी पर सबसे दुष्ट और घृणित प्राणी के हाथो शहादत पर हज़रत बकियतुल्लाह, इस्लामी क्रांति के सर्वोच्च नेता और मराज ए तकलीद, विद्वान, प्रतिरोध पथ के अनुयायी, ईरान और लेबनान के लोग, दुनिया के सभी स्वतंत्रता चाहने वाले और उनके सम्मानित परिवार की सेवा में अपनी संवेदनाएँ और बधाई देती हूँ।

सय्यद हसन नसरुल्लाह ने एक अनुकरणीय मुजाहिदीन जीवन जीया। उन्होंने फिलिस्तीन की विजय, उत्पीड़न, कब्जे और आक्रामकता के खिलाफ संघर्ष में अपना धन्य जीवन समर्पित कर दिया और इस दृढ़ता, बहादुरी और नेतृत्व का इनाम शहादत और हज़रत अबू अब्दुल्ला अल-हुसैन (से) से प्राप्त कर वफादार सहाबा से जा मिले।

आज, हालांकि प्रतिरोध के नेता ने अपनी लंबे समय से पोषित इच्छा हासिल कर ली है और अपने शहीद साथियों में शामिल हो गए हैं, प्रतिरोध का परचम कभी जमीन पर नहीं गिरेगा। शहीदों के खून के आशीर्वाद से, हजारों अग्रदूत उठ खड़े होंगे जो हमारे नेता हज़रत आयतुल्लाह खामेनेई के नेतृत्व में ज़ायोनी आतंकवादी और बच्चों की हत्या करने वाले शासन के पूर्ण अंत तक इस खूनी ध्वज को लेकर रहेंगे।

सईदा ज़हरा बुरक़ई

ईरान के रक्षामंत्री ने बल देकर कहा है कि अगर इस्राईल के अपराध जारी रहे और उसने दोबारा दुस्साहस किया तो निश्चितरूप से इसके बाद वाली प्रतिक्रिया बहुत तीव्र होगी और हम उन आधुनिकतम हथियारों का प्रयोग करेंगे जो हमारे पास हैं।

समाचार एजेन्सी तसनीम की रिपोर्ट के अनुसार प्रतिरक्षामंत्री अमीर अज़ीज़ नसीरज़ादे ने टीवी वार्ता में सिपाहे पासदारान के मिसाइल हमले की ओर संकेत किया और इस कामयाब हमले पर मुबारकबाद देते हुए कहा कि काफ़ी समय से लोग हमसे इस हमले की मांग कर रहे थे यहां तक कि संसद में विश्वासमत के दौरान भी सांसद हमसे यह मांग कर रहे थे कि सशस्त्र सेना ज़ायोनी सरकार के उस दुस्साहस का जवाब दे जो उसने ईरान के अंदर इस्माईल हनिया को शहीद करने के लिए अंजाम दिया।

उन्होंने कहा कि यह विवेकपूर्ण और बहुत ही जटिल कार्यवाही थी जिसे अंजाम दिया गया और जो लक्ष्य निर्धारित किये गये थे उसके हिसाब से विभिन्न मिसाइलों का प्रयोग किया गया और यह हमला सैनिक लक्ष्यों के ख़िलाफ़ था जो बहुत कामयाब रहा।

रक्षामंत्री ने कहा कि यह हमला विशेषकर उन ठिकानों पर किया गया जिनका प्रयोग इस्माईल हनिया की हत्या के लिए किया गया था। रक्षामंत्री ने कहा कि सिपाहे पासदारान का हमला पूरी तरह वैध और अंतरराष्ट्रीय क़ानूनों के अनुसार था और अगर ज़ायोनी सरकार के अपराध जारी रहे और उसने दोबारा दुस्साहस किया तो निश्चित रूप से अगली प्रतिक्रिया बहुत भीषण होगी और उन विकसित व आधुनिकतम हथियारों का प्रयोग किया जायेगा जो हमारे पास हैं।

रक्षामंत्री ने कहा कि यह भी बता दें कि यह हमला हमारी क्षमता का मात्र एक छोटा भाग था और हमारी प्रक्षेपास्त्रिक क्षमता व ताक़त के बहुत बड़े भाग का अभी इस्तेमाल नहीं किया गया है। इसी प्रकार रक्षामंत्री ने बल देकर कहा कि जो ज़ायोनी सरकार को अपराधों व अतिक्रमणों से नहीं रोक रहे हैं और उसे क्षेत्र को युद्ध की आग में ढ़कलने की अनुमति दे रहे हैं उन्हें जान लेना चाहिये कि हमारा अगला जवाब अधिक भीषण होगा।

सेना कमांडर-इन-चीफ ने यह कहते हुए कि ज़ायोनी शासन का अपराध जारी रखने से उसका पूर्ण विनाश हो जाएगा, कहा: यदि दुश्मन ग़लतियाँ करता हैं, तो हम बुनियादी ढाँचे को नष्ट करने का भी निर्णय ले सकते हैं।

सेना के कमांडर इन चीफ अमीर मेजर जनरल सय्यद अब्दुलरहीम मूसवी ने ज़ायोनी शासन के खिलाफ इस्लामी गणतंत्र ईरान के सशस्त्र बलों के बड़े पैमाने पर मिसाइल हमलों के संबंध में एक टेलीविजन साक्षात्कार में (ऑपरेशन सादिक 2) कहा: हमें उम्मीद है कि यह ऑपरेशन शोक संतप्त लोगों के दिलों में खुशी लाएगा, यह उन लोगों के दिलों पर मरहम होगा जिन्होंने इन हालिया घटनाओं में अपने प्रियजनों को खो दिया है।

सेना के प्रमुख कमांडर ने कहा: हमने हमेशा घोषणा की है कि हम किसी भी युद्ध के आरंभकर्ता नहीं हैं; लेकिन हम अपने अधिकारों की मजबूती से रक्षा जरूर करेंगे और इसके बाद भी ऐसा ही होगा।

उन्होंने जोर देकर कहा, "उन्हें आज जवाब मिला, और इसके बाद, यदि वे कोई अपराध और शरारत करते हैं, तो हम किसी भी स्तर पर जवाब देंगे, और हमारी अगली प्रतिक्रिया निश्चित रूप से और कई गुना मजबूत होगी। हमें उम्मीद है कि ज़ायोनी शासन को आवश्यक संदेश मिलेगा। निःसंदेह, अमेरिकियों और उनके समर्थकों को यह संदेश ज़ायोनी शासन से अधिक मिलना चाहिए।

मेजर जनरल मूसवी ने बताया: ज़ायोनी शासन का अपराधो को जारी रखने से उसका निश्चित विनाश होगा; यह उनके लिए एक संदेश था कि वे बच्चों और महिलाओ की हत्या और बलात्कार को रोकें और ग़ज़्ज़ा और लेबनान में निर्दोष महिलाओं और बच्चों को मारना बंद करें और अन्य देशों की संप्रभुता का सम्मान करें।

इज़राईल मीडिया ने दावा किया है कि ईरान ने मध्य और दक्षिणी इज़राइल की ओर 400 से अधिक मिसाइलें दागी हैं।

एक रिपोर्ट के अनुसार, ईरान ने मध्य और दक्षिणी इज़राइल की ओर 400 से अधिक मिसाइलें दागी हैं।

समाचार एजेंसियों ने तस्वीरें प्रकाशित करते हुए ईरान के इज़राइल पर मिसाइल हमले की खबर दी है। यहूदी सेना ने पुष्टि की है कि कुछ समय पहले ईरान की ओर से इज़राइली भूमि पर मिसाइलें दागी गई थीं।

 रिपोर्टों के अनुसार, यहूदी मीडिया ने बताया कि ईरान ने मध्य और दक्षिणी इज़राइल की ओर 400 से अधिक मिसाइलें फायर की हैं।

इज़राइली सेना ने अपने सभी नागरिकों को निर्देश दिया है कि ईरान द्वारा इज़राइल पर मिसाइल हमले के बाद सभी लोग शरण स्थलों में रहें।

इस हमले के बाद इजरायल में चारों तरफ अफरा तफरी फैल गई हैं।

 

 

 

 

पीडीपी अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने सोमवार को कहा कि इजराइल के प्रधानमंत्री नेतन्याहू एडोल्फ हिटलर के बाद सबसे बड़े आतंकवादी हैं।

पीडीपी अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने सोमवार को कहा कि इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू एडोल्फ हिटलर के बाद सबसे बड़े आतंकवादी हैं क्योंकि यहूदी नेता ने फिलिस्तीन और लेबनान को गैस चैंबर में बदल दिया है।

महबूबा बोलीं इंटरनेशनल क्रिमिनल कोर्ट ने नेतन्याहू के खिलाफ फैसला सुनाया है लेबनान पर हमले ने साबित कर दिया है वे अपराधी है। फिलिस्तीन के बाद अब लेबनान में भी वह हज़ारों लोगों की हत्या कर रहा है।

महबूबा ने इजराइली एयर स्ट्राइक में हिजबुल्लाह चीफ हसन नसरल्लाह की हत्या की निंदा की। और लेबनान फिलिस्तीन के समर्थन में एक दिन के लिए अपना चुनाव प्रचार कैंसिल कर दिया है।

उन्होने ने कहां, नेतन्याहू सरकार के साथ संबंध रखने का सरकार का फैसला गलत है महात्मा गांधी के समय से ही हम फिलिस्तीन के साथ खड़े हैं ऐसी सरकार के साथ संबंध रखना और उसे हथियार और ड्रोन मुहैया कराना, जिसका इस्तेमाल लोगों की हत्या के लिए किया जा रहा है यह गलत फैसला है।

भाजपा मुझे क्या बताएगी? वे भाजपा फिलिस्तीन के लोगों के लिए नसरल्लाह के लंबे संघर्ष के बारे में क्या जानते हैं? उन्हें देखना चाहिए कि कश्मीर, लखनऊ और देश के अन्य हिस्सों में कितने लोग निकल रहे हैं और शहीद के लिए नारे लगा रहे हैं। उन्हें यह महसूस करना चाहिए कि उनकी सोच कितनी गलत है।

आयतुल्लाहिल उज़मा वहीद ख़ुरासानी ने सैयद हसन नसरल्लाह की शहादत पर गहरा दुःख व्यक्त किया हैं उन्होंने दुआ की कि अल्लाह उनकी रूह को शांति प्रदान करे उनके दर्जे बुलंद करे और उन्हें जवारे मसूमिन अ.स. में जगह करार दे।

एक रिपोर्ट के अनुसार, आयतुल्लाहिल उज़मा वहीद ख़ुरासानी ने सैयद हसन नसरल्लाह की शहादत पर गहरा दुःख और शोक व्यक्त किया और प्रार्थना किया है कि अल्लाह उनकी रूह को शांति प्रदान करे, उनके दर्जे बुलंद करे और उन्हें सैय्यदु शुहदा अ.स. के सानिध्य में स्थान दे।

आयतुल्लाहिल उज़मा वहीद ख़ुरासानी के कार्यालय द्वारा जारी किया गया शोक संदेश इस प्रकार है।

बिस्मिल्लाह हिर्रहमान निर्रहीम

إِنَّا لِلَّهِ وَإِنَّا إِلَیْهِ رَاجِعُونَ

मरज ए आलीक़द्र आयतुल्लाहिल उज़मा वहीद ख़ुरासानी ने हुज्जतुल इस्लाम हज़रत सैयद हसन नसरल्लाह की शहादत पर एक शोक संदेश भेजा है, जिसे उनके प्रिय पुत्र ने एक टेलीफोनिक संपर्क के दौरान आयतुल्लाह वहीद ख़ुरासानी का संदेश पहुँचाया और दुःख व्यक्त किया हैं।

आयतुल्लाह वहीद ख़ुरासानी ने इस दुखद घटना पर गहरा शोक व्यक्त करते हुए, शहीद सैयद हसन नसरल्लाह के उच्च दर्जे और उन्हें सैयद-ए-शुहदा अ.स. की सानिध्य में स्थान प्राप्त होने की प्रार्थना की हैं।

उन्होंने उनके परिवारजनों के लिए धैर्य और महान प्रतिफल की दुआ की इसके साथ ही उन्होंने अल्लाह की बारगाह में प्रार्थना की कि इस अपराध के जिम्मेदार अपराधियों को ज़लील करे और उन्हें उनके कर्मो की सजा जल्द से जल्द मिले।