पिछले राष्ट्रपतियों की नीति पर चले तो उनके जैसा ही अंजाम होगा, नए अमरीकी राष्ट्रपति को चेतावनी

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पिछले राष्ट्रपतियों की नीति पर चले तो उनके जैसा ही अंजाम होगा, नए अमरीकी राष्ट्रपति को चेतावनी

 तेहरान की केन्द्रीय नमाज़े जुमा के इमाम ने कहा कि ईरान की जनता अमरीका में सत्ता में आने वाली किसी भी सरकार की नीतियों पर भरोसा नहीं करेगी।

तेहरान की केन्द्रीय नमाज़े जुमा के ख़ुतबों में आयतुल्लाह सैयद अहमद ख़ातेमी ने कहा कि अमरीका के राष्ट्रपति चुनावों के परिणामों से क्षेत्र के राष्ट्रों के बारे में वाशिंग्टन की विस्तारवादी नीतियों में कोई बदलाव नहीं आएगा। उन्होंने कहा कि ईरानी जनता अमरीकी सरकार की मांगों के आगे झुकने वाली नहीं है।

तेहरान के इमाम जुमा ने अमरीका के नव निर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को ईरान के विरुद्ध धमकी और अतिक्रमण की नीति अपने की ओर से सचेत करते हुए कहा कि इस्लामी गणतंत्र ईरान इस प्रकार की नीतियों का डटकर मुक़ाबला करेगा। आयतुल्लाह सैयद अहमद ख़ातेमी ने दुनिया के लोग अमरीका की सैनिक हस्तक्षेप की नीतियों से थक चुके हैं। उन्होंने अमरीका के नव निर्वाचित राष्ट्रपति को नसीहत की कि बेहतर होगा कि वह पुरानी नीतियों को जारी रखने के बजाए अपने देश की जनता की कठिनाइयां दूर करने पर ध्यान केन्द्रित करें।

आयतुल्लाह सैयद अहमद ख़ातेमी ने कहा कि चुनावी बहसों में चुनावी उम्मीदवार ने ख़ुद कहा कि अमरीका पर तीन ट्रिलियन डालर का कर्ज़ा है और यह देश दिवालिया होने की कगार पर पहुंच गया है। उन्होंने कहा कि अमरीका में अशांति फैली हुई है और हर साल बहुत से लोग इस हिंसा की भेंट चढ़ जाते हैं।

तेहरान के इमाम जुमा ने क्षेत्र के कुछ देशों के इस अनुरोध की आलोचना की कि अमरीका इस क्षेत्र की समस्याओं को हल करे। उन्होंने कहा कि जो देश ख़ुद अपनी सुरक्षा व आर्थिक मुशकिलें हल न कर पा रहा हो वह हमारे क्षेत्र की समस्या क्या हल करेगा।

आयतुल्लाह सैयद अहमद ख़ातेमी ने कहा कि आतंकी संगठन दाइश अमरीका की आर्थिक और सामरिक मदद से अस्तित्व में आया और इसका ख़र्चा अमरीकी जनता से मिलने वाली टैक्स की रक़म से अदा किया गया।

तेहरान की केन्द्रीय नमाज़े जुमा के इमाम ने कहा कि यदि अमरीका के नव निर्वाचित राष्ट्रपति भी पिछले राष्ट्रपतियों की तरह साम्राज्यवादी नीतियों पर अमल करेंगे तो निश्चित रूप से विश्व की जनता की नज़र से गिर जाएंगें

आयतुल्लाह सैयद अहमद ख़ातेमी ने मूसिल को दाइश से आज़ाद करवाने के आप्रेशन में इराक़ी बलों की सफलताओं का उल्लेख करते हुए कहा कि इराक़ी बलों को इस आप्रेशन में किसी और की सहायता की ज़रूरत नहीं है अमरीका तथा कुछ क्षेत्रीय देशों ने अनावश्यक ही अपनी सेनाएं भेजी हैं। उन्होंने कहा कि मूसिल इराक़ का हिस्सा है कोई भी अन्य देश इसे हड़प नहीं सकता।

 

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