हज के दौरान फ़िलिस्तीन के मुद्दे को अनदेखा न किया जाएः वरिष्ठ नेता

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हज के दौरान फ़िलिस्तीन के मुद्दे को अनदेखा न किया जाएः वरिष्ठ नेता

हज संस्था के कर्मचारियों ने आज वरिष्ठ नेता से मुलाक़ात की।

ईरान में हज सप्ताह के आरंभ होने और हज के लिए ईरानी हज यात्रियों की रवानगी के अवसर पर हज संस्था के अधिकारियों ने रविवार को तेहरान में इस्लामी क्रांति के वरिष्ठ नेता से मुलाक़ात की।

इस भेंटवार्ता में आयतुल्लाहिल उज़्मा सैयद अली ख़ामेनेई ने कहा कि हज का एक सामाजिक आयाम भी है और यह, इस्लामी आस्था को प्रकट करने का माध्यम है।  उन्होंने कहा कि स्वर्गीय इमाम कहा करते थे कि विरक्तता के बिना हज का कोई अर्थ नहीं है।  वरिष्ठ नेता ने कहा कि वर्तमान समय का ज्वलंत विषय, मस्जिदुल अक़सा है।  उन्होंने कहा कि ज़ायोनी बहुत दुस्साहसी हो गए है।  वे इस प्रकार का व्यवहार कर रहे हैं मानों वे मस्जिदुल अक़सा के मालिक हैं।  उन्होंने कहा कि फ़िलिस्तीन के मुद्दे को कभी न भुलाया जाए क्योंकि यह इस्लामी जगत का यह केन्द्रीय विषय है।  वरिष्ठ नेता ने कहा कि मुसलमानों की आस्था और इस्लामी विषयों विशेषकर फ़िलिस्तीन के विषय को उठाने के लिए पवित्र काबे, मक्के, मदीने, अरफ़ात, मशअर और मिना जैसे पवित्र स्थलों से अच्छा स्थान कहां होगा?

उन्होंने कहा कि हज के दौरान जिन विषयों को वहां पर उठाया जाना चाहिए उनमें इस्लामी देशों विशेषकर मध्यपूर्व में अमरीका की दुष्ट उपस्थिति और तकफ़ीरी आतंकवादी गुटों की हिंसक कार्यवाहियों का भी विषय शामिल है।  आयतुल्लाहिल उज़्मा सैयद अली ख़ामेनेई ने कहा कि हज के दौरान मुसलमानों के बीच एकता स्थापित करने की बात को उठाना इसलिए ज़रूरी है क्योंकि मुसलमानों के बीच मतभेद फैलाने के लिए अरबों डालर ख़र्च किये जा रहे हैं।  एेसे में मुसलमानों को बहुत होशियार रहने की ज़रूरत है और वे मतभेदों से बचें।  

उन्होंने कहा कि यह खुशी की बात है कि इस बार हमारे लोगों को हज पर जाने का अवसर मिला।

आयतुल्लाहिल उज़्मा सैयद अली ख़ामेनेई ने हज के महत्व का उल्लेख करते हुए कहा कि हज के दौरान सुरक्षा का विषय विशेष महत्व का स्वामी है।  उन्होंने कहा कि हम 2015 में हज के दौरान होने वाली घटना को भूले नहीं हैं।  हाजियों की सुरक्षा की ज़िम्मदारी उस देश की है जहां पर पवित्र काबा स्थित है।  दूसरे देशों को भी यह मांग करनी चाहिए कि हज के दौरान सुरक्षा को बनाए रखा जाए।  मेज़बान देश को इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि पवित्र काबे और मिना जैसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न होने पाए।

इस्लामी क्रांति के वरिष्ठ नेता आयतुल्लाहिल उज़्मा सैयद अली ख़ामेनेई ने कहा कि इस वर्ष के हज के बारे में चिंताएं पाई जाती थीं किंतु देश के तीनों पालिकाओं ने यह निर्णय लिया कि हज के लिए जाया जाए।

ज्ञात रहे कि ईरान के हज यात्रियों के प्रमुख और हज के बारे में वरिष्ठ नेता के प्रतिनिधि अली क़ाज़ी असकरी के नेतृत्व में सोमवार को ईरान से हज की यात्रा पर जाने वाले यात्रियों का पहला जत्था रवाना होगा।

 

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