2 नवंबर 2017 को तेहरान में हज़ारों की संख्या में छात्रों की वरिष्ठ नेता ख़ामेनई से मुलाक़ात की तस्वीर
इस्लामी क्रान्ति के वरिष्ठ नेता आयतुल्लाहिल उज़्मा ख़ामेनई ने बल दिया कि अमरीकियों के सामने पीछे हटने से वे और दुस्साहसी होते जा रहे हैं इसलिए दृढ़ता ही उनसे निपटने का एक रास्ता है।
गुरुवार को हज़ारों की संख्या में छात्रों ने वरिष्ठ नेता से तेहरान में मुलाक़त की जिसमें उन्होंने जवान नस्ल को समाज को आगे ले जाने वाली पीढ़ी बताते हुल बल दिया यह क़ाबिल व समझदार पीढ़ी ही कठिनाइयों से पार पाते हुए प्रिय ईरान को वांछित तरक्क़ी दिलाएगी अलबत्ता इस उद्देश्य की प्राप्ति के लिए ज़रूरी है कि ईरानी राष्ट्र के मुख्य दुश्मन यानी अमरीका की पहचान ज़रूरी है जो बहुत ही नीच दुश्मन है।
वरिष्ठ नेता ने कहा कि अमरीका सही अर्थ में नीच दुश्मन है और यह बात पक्षपात या दुर्भावना के तहत नहीं बल्कि ज़मीनी सच्चाई और मामलों की समझ से हासिल अनुभव के तहत कह रहा हूं।
उन्होंने अमरीकी राष्ट्रपति ट्रम्प के हालिया बयान की ओर इशारा करते हुए, जिसमें उन्होंने ईरानी राष्ट्र को आतंकवादी कहा था, कहा कि यह मूर्खतापूर्ण बयान दर्शाता है कि अमरीकियों को सिर्फ़ ईरानी नेतृत्व व सरकार से ही नहीं बल्कि उस राष्ट्र के वजूद से दुश्मनी है जो उनके द्वेष व दुश्मनी के सामने डटा हुआ है।
आयतुल्लाहिल उज़्मा ख़ामेनई ने कई साल पहले एक अमरीकी अधिकारी के बयान का हवाला दिया कि जिसमें अमरीकी अधिकारी ने कहा था कि ईरानी राष्ट्र का जड़ से सफ़ाया करना चाहिए। वरिष्ठ नेता ने कहा कि अमरीकी अधिकारी इस सच्चाई को समझ नहीं पा रहे हैं कि जो राष्ट्र इतने उज्जवल अतीत का स्वामी हो उसे जड़ से उखाड़ा नहीं जा सकता।
उन्होंने कहा कि अमरीका ईरानी राष्ट्र से अपनी गहरी दुश्मनी के कारण अपने आंकलन व समीक्षाओं में बारंबार ग़लती करता है। उन्होंने कहा कि अमरीका उसी साज़िश को जारी रखी हुए है जो अब तक बेनतीजा रही है लेकिन वह अपनी अंधी दुश्मनी के कारण सच्चाई को नहीं समझ पा रहा है।
आयतुल्लाहिल उज़्मा ख़ामेनई ने इसी प्रकार अमरीका की ओर से जारी दुश्मनी का उल्लेख करते हुए कहा कि अमरीकी अब पूरी तरह नीचता पर उतरते हुए परमाणु वार्ता के नतीजे में होने वाले परमाणु समझौते जेसीपीओए को ख़राब करने पर तुले हुए हैं।
वरिष्ठ नेता ने एक बार फिर छात्रों से अस्ली दुश्मन यानी अमरीका को न भूलने की अनुशंसा करते हुए कहा कि यही ईरान को अच्छे भविष्य के मार्ग पर ले जाने की मुख्य शर्त है।













