वरिष्ठ नेता, ट्रम्प का हश्र बुश और रीगन जैसा ही होगा

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वरिष्ठ नेता, ट्रम्प का हश्र बुश और रीगन जैसा ही होगा

ईरान की इस्लामी क्रांति के वरिष्ठ नेता आयतुल्लाहिल उज़मा सैय्यद अली ख़ामेनई ने कहा है कि ईरान के साथ अमरीका की दुश्मनी गहरी है, लेकिन इस्लामी क्रांति की सफ़लता के बाद से देश के ख़िलाफ़ समस्त अमरीकी साज़िशें नाकाम रही हैं।

बुधवार को वरिष्ठ अधिकारियों से मुलाक़ात में कहा, अगर ईरानी अधिकारी अपनी ज़िम्मेदारियां पूरी करेंगे तो ईरान निश्चित रूप से अमरीका को पराजित कर देगा।

वरिष्ठ नेता का कहना था कि इस्लामी क्रांति की सफ़लता के बाद से आज तक अमरीका ने इस्लामी गणतंत्र के ख़िलाफ़ विभिन्न प्रकार की साज़िशें की हैं और विभिन्न प्रकार के राजनीतिक, आर्थिक, सामरिक और प्रचारिक क़दम उठाए हैं।

उन्होंने उल्लेख किया कि अमरीका ने इस्लामी क्रांति को उखाड़ फेंकने के लिए जो कुछ हो सकता था वह किया, लेकिन उसे मुंह की खानी पड़ी है और भविष्य में भी उसे हार का मुंह देखना होगा।

वरिष्ठ नेता का कहना था कि अमरीका के वर्तमान राष्ट्रपति का हश्र भी पूर्व राष्ट्रपतियों जॉर्ज डब्लयू बुश और रोनाल्ड रीगन जैसा ही होगा और वह भी उन्हीं की तरह इतिहास में गुम हो जायेंगे।

उन्होंने कहा, परमाणु वार्ता की शुरूआत से अब तक अमरीका के व्यवहार से साबित हो गया कि ईरान, अमरीका पर भरोसा नहीं कर सकता, इसलिए कि अमरीका अपने वचनों का सम्मान नहीं करता है।

आयतुल्लाह ख़ामेनई का कहना था कि अमरीका ने परमाणु समझौते से निकलकर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के 2231 प्रस्ताव का उल्लंघन किया है, यूरोपीय देशों को सुरक्षा परिषद में अमरीका के ख़िलाफ़ प्रस्ताव लाना चाहिए और अमरीका के इस क़दम पर आपत्ति जतानी चाहिए।

उन्होंने कहा परमाणु समझौते को बाक़ी रखने की शर्त यह है कि तीनों यूरोपीय देशों के राष्ट्राध्यक्षों को चाहिए कि मिसाइल और क्षेत्र में ईरान की उपस्थिति का मुद्दा नहीं उठाने का वचन दें। 

 

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