ईरान की पवित्र प्रतिरक्षा काल की उपलब्धियां दुनियावालों के लिए प्रेरणा का आधार

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ईरान की पवित्र प्रतिरक्षा काल की उपलब्धियां दुनियावालों के लिए प्रेरणा का आधार

इस्लामी क्रान्ति के वरिष्ठ नेता आयतुल्लाहिल उज़्मा सय्यद अली ख़ामेनई ने कमान्डरों, इराक़ के बासी शासन द्वारा थोपी गयी जंग में भाग लेने वाले जियालों और कलाकारों के एक समूह से मुलाक़ात की।

इस्लामी क्रान्ति के वरिष्ठ नेता आयतुल्लाहिल उज़्मा सय्यद अली ख़ामेनई ने कमान्डरों, इराक़ के बासी शासन द्वारा थोपी गयी जंग में भाग लेने वाले जियालों और कलाकारों के एक समूह से मुलाक़ात की और इसमें पवित्र रक्षा के जियालों और उनके परिवार के सदस्यों की ओर से इस पवित्र रक्षा के दौर की बयान की गयी बातों को ईरानी राष्ट्र के लिए सबसे मूल्यवान धरोहर बताया और पवित्र रक्षा के काल को, इस वर्चस्ववादी दुनिया में शक्ति के समीकरण की स्थिति को निर्धारित करने वाला बताया। वरिष्ठ नेता ने कहा कि पवित्र रक्षा के संबंध में फ़िल्में बने, इस दौर की कलाकृतियों को देश से बाहर आम किया जाए और लिखित बातों का अनुवाद किया जाए और इस ईरानी राष्ट्र के ईश्वर पर आस्था, संघर्ष और दृढ़ता के संदेश को दुनिया वालों तक पहुंचाया जाए।

1980 से 1988 के दौरान के बासी शासन द्वारा थोपी गयी 8 वर्षीय जंग का काल इस्लामी क्रान्ति का स्वर्णिम दौर है। आठ वर्षीय थोपी गयी जंग ईश्वर पर आस्था, आत्मविश्वास, बलिदान, प्रतिरोध और वीरता का मत थी और ये सब इस्लामी क्रान्ति के संस्थापक इमाम ख़ुमैनी रहमतुल्लाह अलैहि उस यादगार जुमले "हम सक्षम हैं" का प्रतिबिंबन है।

पवित्र रक्षा के दौर की यादों को फ़िल्म व किताब के रूप में तय्यार करना और उन्हें दुनिया की विभिन्न ज़बानों में प्रकाशित करना, ईरानी राष्ट्र के सांस्कृतिक व आध्यात्मिक पहचान पत्र को पेश करने के समान है ताकि सबको यह पता चल जाए कि ईरानी राष्ट्र सबसे बुरे हालात में भी एक क़दम पीछे नहीं हटता। यह दृढ़ता और बलिदान किसी दौर से विशेष नहीं है बल्कि आज भी अगर इस्लामी क्रान्ति के दुश्मन ईरानी राष्ट्र के ख़िलाफ़ दबाव तेज़ करें तो उसी तरह कारगर है।

इस्लामी क्रान्ति के वरिष्ठ नेता के शब्दों में जिस तरह इस्लामी क्रान्ति के आरंभ और पवित्र प्रतिरक्षा के काल में साम्राज्य के क्रान्ति के नेहाल को उखाड़ने की साज़िश नाकाम हो गयी और वह पीछे हटने पर मजबूर हुआ उसी तरह आज भी ईश्वर पर भरोसे, साहस और कोशिश से इस साज़िश को नाकाम किया जा सकता है।

इस समय अमरीकी अधिकारियों ने ईरान के ख़िलाफ़ जो आर्थिक जंग छेड़ रखी है और वे हर देश का चक्कर लगा रहे हैं ताकि अपने विचार में ईरान को झुका दें, पवित्र रक्षा के काल की बर्बरतापूर्ण शैली की ही पुनरावृत्ति है। लेकिन उस दौर का अनुभव इतिहास के उस जटिल दौर से ईरान के सफलतापूर्वक गुज़रने और अत्याचार के ख़िलाफ़ तनिक भी पीछे न हटने का सूचक है।

 

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