हिंसक वहाबी विचारधारा को लोगों के लिए स्पष्ट किया जाएः आयतुल्लाह काशानी

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हिंसक वहाबी विचारधारा को लोगों के लिए स्पष्ट किया जाएः आयतुल्लाह काशानीतेहरान में जुमे की नमाज़ में आयतुल्लाह काशानी ने कहा है कि वहाबियों की हिंसक विचारधारा स्पष्ट करना इस्लामी धर्मगुरूओं का दायित्व है। आयतुल्लाह इमामी काशानी ने नमाज़े जुमा के अपने ख़ुत्बे में कहा कि इस्लामी जगत में नरसंहार को रूकवाने हेतु वहाबियों की हिंसक विचारधारा से लोगों को अवगतर कराना, समस्त इस्लामी धर्मगुरूओं और विद्वानों का दायित्व है। आयतुल्लाह काशानी ने कहा कि सलफ़ियों की ओर से जनसंहारों का आरंभ तीसरी शताब्दी से जारी है और उसके बाद ब्रिटेन ने अपनी विस्तारवादी नीति के अन्तर्गत इस्लामी जगत में इस भ्रष्ट एवं हिंसक विचारधारा को फैलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उन्होंने इस्लामी जगत में तेज़ी से फैलती वहाबी विचारधारा की ओर से लोगों को सचेत करते हुए कहा कि वर्तमान समय में धर्मगुरूओं और इस्लामी विद्वानों का यह दायित्व बनता है कि वे सलफ़ियों या वहाबियों की हिंसक एवं भ्रष्ट विचारधारा को रोकने के लिए प्रयास करें। आयतुल्लाह काशानी ने मिस्र तथा सीरिया की हालिया घटनाओं की ओर संकेत करते हुए कहा कि हमें मुसलमानों के शत्रुओं को पहचानना चाहिए। आयतुल्लाह इमामी काशानी ने ईरान में वरिष्ठ धार्मिक नेतृत्व की उपस्थिति की ओर संकेत करते हुए कहा कि देश मंर पाई जानी वाली शांति और स्थिरता, इस्लामी क्रांति के वरिष्ठ नेता के उचित मार्गदर्शन के ही कारण संभव है। उन्होंने कहा कि इस्लामी जगत को भी इस इस्लामी विचारधारा से लाभ उठाना चाहिए। अपने भाषण में आयतुल्लाह काशानी ने देश में नई सरकार के गठन की ओर संकेत करते हुए आशा व्यक्त की है कि यह सरकार, देश की समस्याओं के समाधान में सफल सिद्ध हो।

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