गाज़ा में नासिर मेडिकल कॉम्प्लेक्स पर ज़ायोनी हमले के परिणामस्वरूप शहीद हुए पत्रकारों की संख्या बढ़कर 6 हो गई है। इन पत्रकारों को तब निशाना बनाया गया जब वे बमबारी की पहली लहर की रिपोर्टिंग कर रहे थे।
गाज़ा में नासिर मेडिकल कॉम्प्लेक्स पर ज़ायोनी हमले के परिणामसरूप शहीद हुए पत्रकारों की संख्या बढ़कर 6 हो गई है। इन पत्रकारों को तब निशाना बनाया गया जब वे बमबारी की पहली लहर की रिपोर्टिंग कर रहे थे।
फिलिस्तीनी सरकार के मीडिया कार्यालय के अनुसार, अख़बार अलहयात अलजदीदा के पत्रकार हसन दोहान को कब्ज़े वाली सेना ने सीधे निशाना बनाया, जिसके बाद पत्रकारों की कुल शहादतों की संख्या युद्ध की शुरुआत से अब तक 246 तक पहुँच गई है।
इससे पहले इस्राइली हवाई हमले में पाँच अन्य पत्रकार शहीद हुए थे जिनमें शामिल हैं:
मोहम्मद सलामा (अलजज़ीरा के कैमरामैन)
हुसाम अलमिस्री (रॉयटर्स के पत्रकार)
मरियम अबू दक़ा (स्वतंत्र पत्रकार)
मुआज़ अबू ताह (ग्राउंड रिपोर्टर)
अहमद अबू अज़ीज़ (जो घायल होने के बाद शहीद हुए)
यह हमला दो चरणों में किया गया। पहले इमारत अल-यासीन की चौथी मंजिल को निशाना बनाया गया जिसमें कई मरीज़ और नागरिक शहीद या घायल हुए। इसके बाद जब पत्रकार और राहतकर्मी घटनास्थल पर पहुँचे तो इस्राइल ने दोबारा बमबारी की।
फिलिस्तीनी सरकार के मीडिया कार्यालय ने इस दुर्घटना को "पत्रकारों की सुनियोजित और जानबूझकर हत्या" करार देते हुए अंतर्राष्ट्रीय समुदाय से तत्काल प्रतिक्रिया की अपील की है। बयान में कहा गया कि अमेरिका, ब्रिटेन, जर्मनी और फ्रांस भी इस्राइली अपराधों में सहभागी और जिम्मेदार हैं।
कार्यालय ने अंतर्राष्ट्रीय पत्रकार संगठनों और मीडिया संस्थानों से माँग की कि वे इस्राइली अत्याचारों की खुलकर निंदा करें और अंतर्राष्ट्रीय अदालतों में इसके अपराधियों का संज्ञान सुनिश्चित करें। साथ ही अंतर्राष्ट्रीय समुदाय पर जोर दिया गया कि नरसंहार को रोका जाए और पत्रकारों को निशाना बनने से बचाया जाए।