इस्लामी क्रांति के नेता सर्वोच्च नेता ने कहा: असली इस्लाम अमेरिकी इस्लाम के विपरीत है, असली इस्लाम सर्वांगीण है, जो व्यक्तिगत जीवन और निजी आचरण से लेकर इस्लामी व्यवस्था की स्थापना तक सबको शामिल करता है।
इस लेख में पार्स टुडे ने इस्लामी क्रांति के नेता आयतुल्लाह इमाम ख़ामेनेई के असली इस्लाम और अमेरिकी इस्लाम से संबंधित विचारों पर नज़र डाली है।
असली इस्लाम और अमेरिकी इस्लाम पर आयतुल्लाह ख़ामेनेई का दृष्टिकोण क्या है?
आयतुल्लाह इमाम ख़ामेनेई ने इमाम ख़ुमैनी (रह.) की 27वीं पुण्यतिथि के समारोह में कहा:
असली इस्लाम अमेरिकी इस्लाम के विपरीत है। अमेरिकी इस्लाम की दो शाखाएँ हैं: एक कट्टरपंथी इस्लाम और दूसरे सेक्युलर इस्लाम। यही अमेरिकी इस्लाम है।
साम्राज्यवादी और भौतिक शक्तियाँ इन दोनों शाखाओं का समर्थन करती रही हैं और करती हैं कभी-कभी वे इन्हें पैदा करते हैं, कभी दिशा-निर्देश देते हैं, और कभी मदद करते हैं।
इसके विपरीत असली इस्लाम है ऐसा इस्लाम जो सर्वांगीण है; जो व्यक्तिगत जीवन और निजी जीवन से लेकर इस्लामी व्यवस्था की स्थापना तक सबको शामिल करता है।
इस्लामी क्रांति के नेता ने यह इशारा करते हुए कि अमेरिकी इस्लाम, असली इस्लाम का मुकाबला कर रहा है, कहा कि हमारे महान इमाम ने अमेरिकी इस्लाम और कट्टरपंथी इस्लाम को एक साथ रखा ये दोनों असली इस्लाम के विरोध में खड़े होते हैं। वे असली इस्लाम से डरते हैं।
अमेरिकी इस्लाम, दरअसल इस्लाम का लिबास पहनाकर विदेशी ताक़तों की ग़ुलामी करना और इस्लामी उम्मत से दुश्मनी करना है।
आयतुल्लाह ख़ामेनेई ने हुज्जाज-ए-बैतुल्लाहिल हराम को भेजे संदेश में कहा: सबसे महत्वपूर्ण और प्राथमिकता वाला विषय यह है कि दुनिया-ए-इस्लाम के सच्चे और चिंतित कार्यकर्ताओं को असली मोहम्मदी इस्लाम और अमेरिकी इस्लाम के बीच के अंतर पर गहरी और समझदार नज़र रखनी चाहिए और इन दोनों को मिलाने या भ्रमित करने से स्वयं को और दूसरों को बचाना चाहिए।
हमारे महान इमाम (इमाम ख़ुमैनी रह.) ने पहली बार इन दोनों की भिन्नता को स्पष्ट किया और इसे इस्लामी दुनिया की राजनीतिक शब्दावली में शामिल किया।
असली इस्लाम वह है जो पवित्रता और आध्यात्मिकता से भरपूर हो, परहेज़गारी और जनसत्ता का इस्लाम हो वह इस्लाम हो जिसका परिचय है काफ़िरों पर कठोर यानी काफ़िरों के साथ सख़्ती से पेश आना और आपस में दयालुता के साथ रहना।
अमेरिकी इस्लाम वह है जिसमें इस्लाम का नाम और लिबास हो, लेकिन हकीकत में वह विदेशियों की ग़ुलामी और इस्लामी उम्मत से दुश्मनी हो। ऐसा इस्लाम जो मुसलमानों के बीच फूट डाले, अल्लाह के वादे पर भरोसा करने की बजाय दुश्मनों पर भरोसा करे, ज़ायोनिज़्म और साम्राज्यवाद से लड़ने के बजाय मुसलमान भाइयों से लड़े, और अत्याचारी अमेरिका के साथ मिलकर अपनी ही क़ौम या दूसरी क़ौमों के खिलाफ़ खड़ा हो वह इस्लाम नहीं, बल्कि एक ख़तरनाक और घातक निफ़ाक़ यानी पाखंड है। जिससे हर सच्चे मुसलमान को संघर्ष करना चाहिए।
अमेरिकी इस्लाम, ऐसा इस्लाम है जो ताग़ूत व अत्याचारियों से समझौता करता है ज़ायोनिज़्म से समझौता करता है और अमेरिका के लक्ष्यों की सेवा करता है।
इस्लामी क्रांति के नेता ने महफ़िले उंस बा क़ुरआन अर्थात क़ुरआन से प्रेम नामक संगोष्ठी में यहा भी कहा कि दुनिया-ए-इस्लाम में जो देखा जा रहा है वह यह है कि इस्लाम के नाम पर इस्लाम के दुश्मन, इस्लाम की आड़ लेकर स्वयं इस्लाम का मुकाबला कर रहे हैं वही अभिव्यक्ति जो हमारे महान इमाम (अल्लाह उनकी रूह व आत्मा पर रहमत करे) ने कही थी: अमेरिकी इस्लाम, असली मोहम्मदी इस्लाम के विपरीत है।
अमेरिकी इस्लाम, ऐसा इस्लाम है जो ताग़ूत से समझौता करता है, ज़ायोनिज़्म से समझौता करता है और अमेरिकी लक्ष्यों की पूर्ति करता है।