मजलिस ए खबरगान के सदस्य ने कहा, कि सियोनिस्ट राज्य का अस्तित्व केवल अत्याचार और अपराध के सहारे है और वैश्विक संस्थाओं की चुप्पी मानवता के लिए शर्मनाक है।
मजलिस ए खबरगान के सदस्य हुज्जतुल इस्लाम वल मुस्लिमीन अस्कर दीरबाज ने कहा है कि सियोनिस्ट राज्य का अस्तित्व केवल ज़ुल्म और अपराध के सहारे है और अंतरराष्ट्रीय संस्थाओं की चुप्पी मानवता के लिए शर्मनाक है।
उन्होंने स्पष्ट किया कि इस नकली सरकार की नींव तीन स्तंभों पर टिकी है,धार्मिक शिक्षाओं का राजनीतिक और विचारधारात्मक शोषण चुनी हुई क़ौम के नाम पर दूसरों को कमतर समझना और उनके खिलाफ अत्याचार को जायज़ ठहराना।
नकली वादे, ज़मीन और परलोक संबंधी विचारों का विकृत उपयोग नील से फरात" तक के सपने और ईसाई सियोनिस्ट समूहों के साथ स्वार्थपूर्ण गठजोड़।विदेशी समर्थन और उपनिवेशवादी हित अमेरिका और पश्चिमी शक्तियों की मदद जो क्षेत्र के संसाधनों, तेल और गैस पर कब्ज़ा करने के लिए इज़राइल का इस्तेमाल कर रहा हैं।
हुज्जतुल इस्लाम वल मुस्लिमीन अस्कर दीरबाज ने कहा कि इज़राइल वास्तव में अत्याचारी सरकारों की एक अपराधी शाखा है और लेबनान, यमन, सीरिया, इराक़ और यहां तक कि ईरान पर हमलों में सीधे शामिल है। उन्होंने अमेरिका के दोहरे मापदंड की मिसाल क़तर घटना से दी, जहां एक ओर हमास को बातचीत का निमंत्रण दिया गया और दूसरी ओर उनके ठिकानों पर हमला किया गया।
उन्होंने गाज़ा की गंभीर मानवीय स्थिति पर बात करते हुए कहा कि जब इज़राइल को सैन्य हार का सामना करना पड़ा तो उसने घेराबंदी, भूख और प्यास को हथियार बना लिया। भोजन और पानी के लिए कतार में खड़े बेसहारा फिलिस्तीनियों पर गोलियां चलाना और उन्हें शहीद करना सबसे बुरी बर्बरता है।
उन्होंने आगे कहा कि इज़राइल ने NPT समझौते पर हस्ताक्षर नहीं किए हैं और अपने परमाणु हथियार बढ़ा रहा है, जो क्षेत्र और विश्व के लिए गंभीर खतरा है।