इस सप्ताह को अमरीकी मानवाधिकार सप्ताह का नाम दिया जाना चाहिए!

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इस सप्ताह को अमरीकी मानवाधिकार सप्ताह का नाम दिया जाना चाहिए!

वरिष्ठ नेता ने कहा है कि ईरान की जुम्हूरी इस्लामी पार्टी के कार्यालय में बम विस्फोट के ज़िम्मेदार आज़ादी के साथ अमरीका व युरोप में घूम रहे हैं और जो लोग अमरीका की दुष्टता को मीडिया के पर्दे के पीछे छिपाने की कोशिश करते हैं वह वास्तव में ग़द्दार हैं।

इस्लामी क्रांति के वरिष्ठ नेता आयतुल्लाहिल उज़मा सैयद अली ख़ामेनई ने शनिवार की शाम 28 जून वर्ष 1981 की घटना में शहीद होने वालों के परिजनों से एक भेंट में यह बात कही।

याद रहे 28 जून वर्ष 1981 में ईरान की तत्कालीन सत्ताधारी पार्टी जुम्हूरी इस्लामी के कार्यालय में एक मीटिंग के दौरान बम विस्फोट हुआ था जिसमें ईरान के तत्कालीय न्यायपालिका प्रमुख आयतुल्लाह सैयद मोहम्मद हुसैनी बहिश्ती और 72 उच्चाधिकारी शहीद हो गये थे।

वरिष्ठ नेता ने इस घटना की ओर संकेत करते हुए कहा कि 28 जून वर्ष 1981 की घटना कि जिसमें आयतुल्लाह बहिश्ती और कई मंत्री और सांसद तथा उच्च अधिकारी शहीद हुए थे स्वाभाविक रूप से ईरान में इस्लामी क्रांति की विफलता का कारण बन सकती थी किंतु इन शहीदों के खून की बरकत से, यह घटना ईरानी राष्ट्र के मध्य अधिक एकजुटता का कारण बनी और क्रांति अधिक मज़बूती के साथ अपनी राह पर आगे बढ़ी और इस घटना से ईरानी समाज में इस्लामी क्रांति के प्रभाव की गहराई से शत्रु भी अवगत हो गये तथा इसके साथ ही उनके वास्तविक चेहरे भी सामने आ गये क्योंकि इस घटना के बहुत से ज़िम्मेदार आज भी युरोप और अमरीका में आज़ादी के साथ सक्रिय हैं और बड़े बड़े सरकारी अधिकारियों से भेंटवार्ता करते हैं बल्कि उनके लिए मानवाधिकार की रक्षा के विषय पर सम्मेलन भी आयोजित किये जाते हैं।

वरिष्ठ नेता ने कहा कि हमारे देश में 17 हज़ार लोगों की आतंकवादी घटनाओं में हत्या की गयी और मारे जाने वालों में महिलाएं, बच्चे, किसान, क्लर्क और शिक्षक शामिल हैं और इन हत्याओं के ज़िम्मेदार मानवाधिकारों की रक्षा का दावा करने वाले देशों में शरण लिये हैं।

इस्लामी क्रांति के वरिष्ठ नेता ने 28 जून वर्ष 1981 में बम विस्फोट, 28 जून वर्ष 1987 में ईरान के सरदश्त क्षेत्र पर रासायनिक बमबारी और तीन जूलाई वर्ष 1988 में ईरान के यात्री विमान को मार गिराने जैसी घटनाओं का उल्लेख करते हुए इन्हें अमरीका और उसके घटकों की आतंकवादी गतिविधियों का नमूना बताया और कहा कि बहुत से लोगों का यह विचार है कि जून के महीने के इस हफ्ते को अमरीकी मानवाधिकार सप्ताह का नाम दिया जाना चाहिए। 

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