
رضوی
कुरआन करीम हर दौर की चुनौतियों का हल
हौज़ा इल्मिया क़ुम के उस्ताद हुज्जतुल इस्लाम मोहम्मद फक़ूरी ने इस नज़रिए को खारिज किया है कि क़ुरआन करीम सिर्फ़ रसूलुल्लाह ﷺ के दौर के लिए था। उन्होंने कहा कि आधुनिक दौर की सभी चुनौतियों का हल क़ुरआन में मौजूद है और यह किताब हर ज़माने के लिए हिदायत और मार्गदर्शक है।
हौज़ा इल्मिया क़ुम के उस्ताद हुज्जतुल इस्लाम मोहम्मद फ़क़ूरी ने इस नज़रिए को खारिज किया है कि क़ुरआन करीम सिर्फ़ रसूलुल्लाह ﷺ के दौर के लिए था। उन्होंने कहा कि आधुनिक दौर की सभी चुनौतियों का हल क़ुरआन में मौजूद है और यह किताब हर ज़माने के लिए हिदायत और मार्गदर्शन है।
उन्होंने 32वीं अंतर्राष्ट्रीय क़ुरआन करीम प्रदर्शनी में आयोजित एक विशेष बैठक को संबोधित किया, जिसका विषय था क़ुरआन करीम की वैज्ञानिक मरजइयत बुनियादी सिद्धांत और अनुसंधान के तरीकों की समीक्षा। उन्होंने कहा कि विदेशों में भी कुछ लोग क़ुरआन को एक वैज्ञानिक स्रोत मानते हैं, लेकिन कुछ क्षेत्रों में गलत विचारों की वजह से इस धारणा को नुकसान पहुंचाया जा रहा है।
हुज्जतुल इस्लाम फ़क़ूरी ने इस बात पर ज़ोर दिया कि क़ुरआन एक वैज्ञानिक और बौद्धिक स्रोत है जिसमें सभी प्रकार के ज्ञान की जानकारी मौजूद है उन्होंने आगे कहा कि भविष्य में कई वैज्ञानिक खोजें और चमत्कार क़ुरआन से ही प्रकट होंगे।
उन्होंने इस बात को भी स्पष्ट किया कि क़ुरआन करीम का मुख्य उद्देश्य लोगों को मार्गदर्शन देना और उन्हें पूर्णता तक पहुंचाना है लेकिन कुछ लोग इस सच्चाई से अनजान हैं उनका कहना था कि क़ुरआन मुत्तक़ी और मोमिनों (ईमान वालों) के लिए एक महान मार्गदर्शक है और हर दौर की समस्याओं का हल इसमें छिपा हुआ है।
इसरायली शासन का दमिश्क पर हवाई हमला
इसरायली शासन ने गुरुवार को एक नए हवाई हमले में सीरिया की राजधानी दमिश्क में एक इमारत को निशाना बनाया हैं।
इसरायली शासन ने गुरुवार को एक नए हवाई हमले में सीरिया की राजधानी दमिश्क में एक इमारत को निशाना बनाया हैं।
सीरियाई सरकारी समाचार एजेंसी साना ने बताया कि इसरायली युद्धक विमानों ने दमिश्क के "मशरू दमर" इलाके में एक आवासीय भवन पर हमला किया।
साथ ही इसरायली मीडिया ने दावा किया कि इसरायली सेना के लड़ाकू विमानों ने फिलिस्तीनी इस्लामिक जिहाद आंदोलन के एक मुख्यालय को निशाना बनाया है।
रॉयटर्स ने एक सीरियाई सुरक्षा सूत्र के हवाले से कहा कि इस हमले में इसरायली सेना ने दमिश्क में एक फिलिस्तीनी व्यक्ति को निशाना बनाया।इसरायल के रक्षा मंत्री इसरायल काट्ज़ ने दमिश्क पर हमले की पुष्टि करते हुए कहा कि, हम सीरिया को इसरायल के लिए खतरा बनने की अनुमति नहीं देंगे।
इसरायली सेना के प्रवक्ता अवीखाई अदरई ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर दावा किया कि इसरायली वायु सेना ने दमिश्क में इस्लामिक जिहाद आंदोलन के मुख्यालय पर हमला किया है।
गौरतलब है कि बशर अलअसद की सरकार के पतन के बाद से इसरायल कई बार सीरिया के विभिन्न क्षेत्रों पर हमले कर चुका है और देश के दक्षिणी हिस्से के कुछ क्षेत्रों पर कब्जा भी कर चुका है।
इत्रे क़ुरआन (9) बे गुनाह पर आरोप लगाना गंभीर पाप है
यह आयत हमें सिखाती है कि हमें सदैव निष्पक्षता और ईमानदारी का परिचय देना चाहिए। अपनी गलतियों को स्वीकार करना और सुधार करना सही रास्ता है। किसी निर्दोष व्यक्ति पर आरोप लगाना न केवल पाप है, बल्कि समाज के लिए विनाशकारी भी है।
بسم الله الرحـــمن الرحــــیم बिस्मिल्लाह अल रहमान अल रहीम
وَمَنْ يَكْسِبْ خَطِيئَةً أَوْ إِثْمًا ثُمَّ يَرْمِ بِهِ بَرِيئًا فَقَدِ احْتَمَلَ بُهْتَانًا وَإِثْمًا مُبِينًا۔ व मय यकसिब खतीअतन औ इस्मन सुम्मा यरमे बेहि बरीअन फ़क़देह तमला बेहतानन व इस्मन मुबीना (नेसा 112)
अनुवाद: और जो कोई गलती या पाप करे और उसका दोष किसी दूसरे निर्दोष व्यक्ति पर डाले, तो वह बड़ी बदनामी और स्पष्ट पाप का दोषी है।
विषय:
इस आयत का मुख्य विषय न्याय, नैतिक जिम्मेदारी और बे गुनाह लोगों पर आरोप लगाने की गंभीरता है। इस आयत में परमेश्वर उन लोगों को चेतावनी दे रहा है जो अपने पापों या गलतियों के लिए दूसरों को दोष देते हैं।
पृष्ठभूमि:
यद्यपि इस आयत के नुज़ूल का कारण एक विशिष्ट घटना है, किन्तु इसका अनुप्रयोग सामान्य एवं सार्वभौमिक है, जो सभी लोगों पर लागू होता है। इसलिए, यह आयत स्पष्ट रूप से दिखाती है कि निंदा करना एक बड़ा पाप है। हमारे समाज में निंदा को पाप नहीं माना जाता, विशेषकर राजनीति में निंदा को आवश्यक माना जाता है।
तफ़सीर:
यह आयत एक ऐसे अपराध का उल्लेख करती है जो दैवीय और मानवीय दोनों मूल्यों से संबंधित है। इसका सम्बन्ध ईश्वरीय मूल्यों से है क्योंकि यह अल्लाह के आदेश की अवहेलना करना तथा गलती और पाप करना है। यह मानवीय मूल्यों से संबंधित है क्योंकि इसमें किसी बे गुनाह व्यक्ति को पाप के लिए दोषी ठहराया जाता है।
इस आयत में [बरीअन] का ज़िक्र तन्वीन तनकीर के साथ किया गया है, जिसका मतलब है: कोई निर्दोष। इसमें धर्म, राष्ट्र या समूह की कोई सीमा नहीं है। यहां तक कि अगर इसे किसी यहूदी पर फेंका जाए तो भी यह स्पष्ट पाप है। इससे यह स्पष्ट है कि इस्लाम सभी मनुष्यों को मानवीय मूल्यों में समान अधिकार देता है और इस्लाम की दृष्टि में सभी मनुष्यों का सम्मान है, बशर्ते कि वे इस्लाम और मुसलमानों के विरुद्ध कोई अपराध या अज्ञानता न करें।
महत्वपूर्ण बिंदु:
1- न्याय का महत्व: इस्लाम में न्याय का मौलिक महत्व है। किसी निर्दोष व्यक्ति पर आरोप लगाना न केवल उसके अधिकारों का उल्लंघन है, बल्कि इससे समाज में अराजकता भी फैलती है।
- नैतिक जिम्मेदारी: प्रत्येक व्यक्ति को अपने कार्यों की जिम्मेदारी स्वीकार करनी चाहिए। अपनी गलतियों को छुपाने के लिए दूसरों पर दोष मढ़ना बहुत बड़ा नैतिक अपराध है।
- सामाजिक संबंध: निराधार आरोप समाज में संदेह, घृणा और रिश्तों के टूटने का कारण बनते हैं। इसलिए अल्लाह तआला ने इस प्रथा को सख्ती से मना किया है।
परिणाम:
यह श्लोक हमें सिखाता है कि हमें सदैव निष्पक्षता और ईमानदारी का परिचय देना चाहिए। अपनी गलतियों को स्वीकार करना और सुधार करना सही रास्ता है। किसी निर्दोष व्यक्ति पर आरोप लगाना न केवल पाप है, बल्कि समाज के लिए विनाशकारी भी है।
सूर ए नेसा की तफ़सीर
सीरिया में अलावी और ईसाई समुदाय खतरे में हैं, अंतर्राष्ट्रीय समुदाय को तुरंत ध्यान देना चाहिए
तंज़ीम ए जाफ़री हैदराबाद के अध्यक्ष ने कहा कि अल-जौलानी की थोपी गई सरकार को अमेरिकी और इजरायली समर्थन प्राप्त है, जिसके कारण सीरिया में निर्दोष नागरिकों का नरसंहार जारी है।
तंज़ीम ए जाफ़री हैदराबाद के अध्यक्ष मौलाना सय्यद तक़ी रजा आबिदी ने सीरिया में एचटीएस आतंकवादियों द्वारा हाल ही में किए गए नरसंहार की कड़ी निंदा की है।
मौलाना ने कहा कि अल-जौलानी की थोपी गई सरकार को अमेरिकी और इजरायली समर्थन प्राप्त है, जिसके कारण सीरिया में निर्दोष नागरिकों का नरसंहार जारी है।
मौलाना ने कहा कि अलकायदा, आईएसआईएस और अन्य तकफीरी समूहों से किसी भी प्रकार की सहानुभूति की उम्मीद नहीं की जा सकती, क्योंकि ये समूह हमेशा से ही निर्दोष लोगों की हत्या में संलिप्त रहे हैं।
उन्होंने अरब शासकों की भी कड़ी आलोचना करते हुए कहा कि अवैध सरकारों को स्वीकार करके अरब देशों ने सीरिया के असहाय लोगों के साथ विश्वासघात किया है।
मौलाना तक़ी रज़ा आबिदी ने चेतावनी दी कि सीरिया में अलावी और ईसाई समुदायों के जीवन और संपत्ति गंभीर खतरे में हैं और अंतर्राष्ट्रीय समुदाय को इस पर तत्काल ध्यान देना चाहिए।
बहरैन में अमेरिकी राजदूत की विवादित हरकत
बहरैन में अमेरिकी राजदूत द्वारा इफ्तार वितरण को जनता ने फिलिस्तीन के समर्थन में प्रतिक्रिया के रूप में लिया है।
अमेरिकी राजदूत स्टीवन बोंडी ने बहरैन के एक इलाके में इफ्तार वितरित किया जिसे जनता ने अमेरिका की इस्लामी दुनिया के खिलाफ शत्रुतापूर्ण नीतियों के संदर्भ में संबंध सामान्य करने की कोशिश के रूप में देखा।
बहरैनी नागरिकों ने इसके जवाब में ईसा शहर की "ख़ियाबान कुद्स" (कुद्स स्ट्रीट) में रोज़ेदारों के बीच इफ्तार वितरित कर वैश्विक समुदाय को स्पष्ट संदेश दिया उन्होंने इस अवसर पर नारा लगाया हम रोज़ेदारों के साथ इफ्तार करते हैं और फ़िलिस्तीन के लिए जीते हैं.हम सब इस संघर्ष का हिस्सा हैं।
इस कदम से यह स्पष्ट किया गया कि बहरैनी जनता अपने सिद्धांतों पर अडिग है और फ़िलिस्तीन के मक़सद का समर्थन जारी रखेगी। यह प्रतीकात्मक कार्रवाई हर प्रकार के बाहरी दबाव और संबंध सामान्य करने की साज़िशों के खिलाफ प्रतिरोध का प्रतीक थी।
ग़ौरतलब है कि स्टीवन बोंडी, जो बहरैन में अमेरिका के दूसरे यहूदी राजदूत हैं, इससे पहले अक्टूबर 2023 में भी एक विवादास्पद बयान दे चुके हैं जिसमें उन्होंने केवल इज़राइली हत्याओं पर शोक व्यक्त किया था और हमास की निंदा की थी। उनके इस बयान पर बहरीन में व्यापक जन प्रतिक्रिया और आलोचना देखने को मिली थी।
दो सौ परिवार को सौंपी रमज़ान किट
मौलाना अकील अब्बास ज़ैनबी कहां,जो अल्लाह की मोहब्बत में अल्लाह के बन्दों की मदद करता है अल्लाह अपनी मोहब्बत से उसे अता कर देता है।
अंबेडकरनगर।जलालपुर विगत कई वर्षों की भांति इस वर्ष भी गेटवेल चैरिटेबल क्लीनिक जलालपुर और इमामिया मेडिक्स इंटरनेशनल के द्वारा सैकड़ों परिवारों के बीच रमज़ान किट का वितरण किया गया।
गेट वेल चेरिटेबल क्लीनिक जलालपुर समित के संयोजक मौलाना अकील अब्बास जैनबी , जनाब शफीक हुसैन साहब , जनाब अलमदार हुसैन साहब , जनाब इफ्तेखार हुसैन साहब और तहेरा साहेबा आदि ने बताया कि यह संस्था पिछले कई वर्षों से विभिन्न क्षेत्रों में समाज के निःसहाय गरीब परिवार का सहयोग करती आ रही है।
कहा की आज भी हमारे समाज में कई ऐसे परिवार हैं जिनको सही से इफ्तारी नसीब नही होती उसके बाद भी तरह तरह की परेशानी उठाने के बाद भी रोज़ा रख कर इबादत करते है।
रमज़ान महीने की महत्त्वता पर प्रकाश डालते हुए कहा कि इस्लाम धर्म में रमज़ान महीने का बहुत बड़ा महत्व है इस महीने में लोग अपनी-अपनी हैसियत के हिसाब से ज़कात सदका फितरा आदि के रूप में गरीब निःसहाय परिवार का सहयोग करते है समित में कार्यरत मोहम्मद अली जैनबी ने कहा कि समाज में निवास कर रहे गरीब निःसहाय परिवार के प्रति लोगों को जागरूक करने के उद्देश्य से जरूरतमंदों की जरूरत को पूरा करने के लिए संस्था विगत कई वर्षों से इस प्रकार के विभिन्न कार्य करती आ रही है।
रमज़ान किट में आटा,चावल,तेल, दाल,चीनी,चायपत्ती,खजूर मटर आदि सामान होता है। स्वास्थ्य के विषय पर बात करते हुए कहा कि यह संस्था पिछले कई वर्षों से स्वास्थ्य क्षेत्र मे भी जाति धर्म से ऊपर उठकर कर जरूरतमंदों की सेवा कर रहे है क्यूंकि ऐसे लोगों की सहायता करना ईश्वर की इबादत करने के बराबर है और एक उद्देश्य आपसी भाईचारे के संदेश को जन-जन तक पहुंचाना भी होता है।
आर्थिक स्थिति से कमजोर लोग इफ्तारी से वंचित ना रह जाये परिणामस्वरूप समित ने यह फैसला लिया कि ऐसे पवित्र महीने मे इस तरह की किट का भी वितरण किया जाए जैसा कि पिछले कई वर्षों से किया जा रहा है यह अलग बात है कि इतनी बड़ी जनसंख्या में ये सैकड़ों किट काफी नही है अर्थात इस तरह के कार्य और लोगों को भी करने की जरूरत है इस मुबारक महीने में गरीबों और बेसहारा लोगों की मदद करना बहुत ज्यादा सवाब है।
मैं गेट वेल चेरिटेबल क्लीनिक और इमामिया मेडिक्स इंटरनेशनल का बहुत बहुत शुक्र गुजार हु कि वो हर साल की तरह इस साल भी फ्री राशन का इंतेज़ाम किया अल्लाह इन सभी को सेहत व सलामती दे और लंबी उम्र फरमाए और इसी तरह हमेशा लोगों की मदद करते रहे।
दक्षिणी सीरिया के कुछ क्षेत्रों में इस्राइली शासन की आगे बढ़ती कार्रवाई जारी
सीरियाई समाचार ने बताया कि इस्राइली सेना ने दक्षिणी सीरिया के कुछ क्षेत्रों में आगे बढ़ने की कार्रवाई की है।
अलमयादीन नेटवर्क को बताया कि इस्राइली सेना ने दक्षिणी सीरिया के क़ुनैतरा प्रांत में स्थित अइन अलनूरिया' गांव और 'क़ुम मुहैरस' कस्बे के आसपास घुसपैठ की है।
स्थानीय सूत्रों ने बताया कि इस्राइली बलों ने भारी गोलीबारी के साथ बख्तरबंद वाहनों को लेकर क़ुनैतरा के ग्रामीण इलाकों में प्रवेश किया।
इसके अलावा बुधवार तड़के इस्राइली सेना ने सीरिया की संप्रभुता का उल्लंघन करते हुए जबाता अलख़शब' कस्बे में घुसपैठ की जो क़ुनैतरा प्रांत के उपनगरीय इलाके में स्थित है।
सूत्रों के अनुसार इस साल बहमन महीने फरवरी में असद सरकार के पतन के बाद, इस्राइली सेना ने गोलान के कब्जे वाले क्षेत्र की सीमा पार करते हुए सीरिया के मुख्य क्षेत्र में प्रवेश किया और दक्षिणी प्रांतों 'दारा' व 'क़ुनैतरा' में अपनी सैन्य गतिविधियों को तेज़ किया।
तेल अवीव लेबनान के साथ संबंधों को सामान्य बनाने की कोशिश कर रहा है
तेल अवीव की ओर से संबंधों को सामान्य बनाने के प्रयासों की सूचना दी है और यह भी कहा है कि लेबनान के राष्ट्रपति का रुख सियोनिस्ट शासन के हित में मजबूत किया जाए।
सियोनिस्ट शासन से जुड़े मीडिया ने लेबनान को लेकर इस्राइली शासन की नई गतिविधियों की खबर दी है इस्राइली चैनल 12 ने इस शासन के एक जिम्मेदार सूत्र के हवाले से बताया कि नेतन्याहू की नीति मध्य पूर्व को बदलने की है।
इस सियोनिस्ट सूत्र ने दावा किया कि नेतन्याहू ने मध्य पूर्व को बदल दिया है।इस्राइली शासन लेबनान के साथ संबंधों को सामान्य बनाने की दिशा में कदम उठा रहा है।
इस स्रोत के अनुसार,लेबनान की अपनी सीमाई मांगें हैं और हमारी भी अपनी मांगें हैं हम इन मुद्दों की समीक्षा कर रहे हैं। लेबनान के साथ वार्ता एक व्यापक और समग्र योजना का हिस्सा है।
दूसरी ओर इस्राइली मीडिया चैनल 'कान' ने भी एक सियोनिस्ट अधिकारी के हवाले से कहा कि हम लेबनान के राष्ट्रपति की स्थिति को इस्राइल के हितों के अनुरूप मजबूत करना चाहता हैं
गाज़ा में युद्ध विराम के बाद से इजरायली हमलों में 137 से अधिक फिलिस्तीनियों की मौत हुई
गाज़ा में हमास के साथ संघर्ष विराम समझौते के प्रभावी होने के बाद से इजरायली हमलों में कम से कम 137 फिलिस्तीनियों की मौत हुई है।
गाज़ा में हमास के साथ संघर्ष विराम समझौते के प्रभावी होने के बाद से इजरायली हमलों में कम से कम 137 फिलिस्तीनियों की मौत हुई है। यह जानकारी हमास द्वारा संचालित सरकारी मीडिया कार्यालय के प्रमुख सलामा मारूफ ने मंगलवार को दी।
मारूफ ने एक प्रेस वक्तव्य में कहा कि कि पिछले 10 दिनों में इजरायली बलों ने संघर्ष विराम का उल्लंघन तेज कर दिया है जिसमें आज गाजा शहर के दक्षिण में पांच लोगों की हत्या भी शामिल है।
इन हत्याओं में ड्रोन द्वारा निशाना बनाए गए दो भाई भी शामिल हैं जिससे 19 जनवरी को शांति समझौते के प्रभावी होने के बाद से अब तक मारे गए फिलिस्तीनियों की कुल संख्या 137 हो गई है, जिनमें राफा शहर में मारे गए 52 लोग भी शामिल हैं।
मारूफ ने इजरायल पर सैन्य कार्रवाई और आर्थिक नाकेबंदी के माध्यम से फिलिस्तीनी आबादी पर दबाव बढ़ाने का आरोप लगाया।
उन्होंने कहा कि इज़रायल घेराबंदी को कड़ा कर रहा है और लोगों को बुनियादी आवश्यकताओं तक पहुंच से वंचित कर रहा है, जबकि नागरिकों की निर्मम हत्या जारी है। पीड़ितों में महिलाएं और बच्चे शामिल हैं जो इज़रायली सेना के लिए कोई ख़तरा नहीं थे अधिकांश लोग उस समय मारे गए जब वे कब्ज़ा करने वाले ठिकानों के पास अपने घरों का निरीक्षण कर रहे थे।
मारूफ ने अंतर्राष्ट्रीय मध्यस्थों से हस्तक्षेप करने और इजरायल को उसके कार्यों के लिए जवाबदेह ठहराने का आह्वान किया।उल्लेखनीय है कि मिस्र, कतर और अमेरिका की मध्यस्थता से गाजा में युद्ध विराम 15 महीने के विनाशकारी युद्ध के बाद 19 जनवरी को शुरू हुआ।
एतेकाफ एक इब्राहीमी और ईलही सुन्नत
केंद्रीय एतेकाफ समिति के प्रमुख, हुज्जतुल इस्लाम सैयद अली रज़ा तकियाई ने कहा है कि इतेकाफ एक पवित्र और बरकत वाली परंपरा है जो हज़रत इब्राहीम अ.स.के समय से चली आ रही है उन्होंने आगे कहा कि इस्लामी गणराज्य ईरान में यह परंपरा एक महत्वपूर्ण धार्मिक और आध्यात्मिक प्रक्रिया के रूप में स्थापित हो चुकी है और सभी मुस्लिम विद्वान इस पर ज़ोर देते हैं।
क़ज़वीन में केंद्रीय इतेकाफ़ समिति के प्रमुख, हुज्जतुल इस्लाम सैयद अली रज़ा तकियाई ने कहा कि इतेकाफ़ एक पवित्र और बरकत वाली परंपरा है जो हज़रत इब्राहीम अ.स. के समय से चली आ रही है उन्होंने आगे कहा कि इस्लामी गणराज्य ईरान में यह एक महत्वपूर्ण धार्मिक और आध्यात्मिक प्रक्रिया के रूप में स्थापित हो चुकी है और सभी मुस्लिम विद्वान इस पर ज़ोर देते हैं।
मस्जिदुल नबी क़ज़वीन में इतेकाफ़ में बैठे छात्रों को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि इस्लामी क्रांति के नेता ने बयानिया-ए-गाम-ए-दोम-ए-इंक़लाब क्रांति के दूसरे चरण का घोषणापत्र में इतेकाफ़ को इस्लामी व्यवस्था की आध्यात्मिक और नैतिक महानता का एक महत्वपूर्ण तत्व करार दिया है और इसे अरबईन के साथ दो बड़ी धार्मिक आंदोलनों में गिना है।
उन्होंने कहा कि इस्लामी क्रांति ने एतेकाफ़ को सीमितता और गुमनामी से निकालकर वैश्विक स्तर पर जीवित किया और आज यह दुनिया के विभिन्न हिस्सों में प्रचलित हो चुका है। क्रांति से पहले की तुलना में इतेकाफ़ करने वालों की संख्या में अभूतपूर्व वृद्धि हुई है, जो इस्लामी गणराज्य ईरान और धार्मिक नेतृत्व की बरकत का परिणाम है।
हुज्जतुल इस्लाम वल मुस्लिमीन तकियाई ने कहा कि इतेकाफ़ से शिया और सुन्नी मुसलमानों के बीच एकता मजबूत हुई है, और यह दुश्मनों की साजिशों को नाकाम बनाने का एक प्रभावी माध्यम भी है।
उन्होंने आगे कहा कि रजब और शाबान के महीनों में इतेकाफ़ के जरिए दिल की पवित्रता प्राप्त करने के बाद जब इंसान रमज़ान के पवित्र महीने में प्रवेश करता है, तो वह अल्लाह की निकटता को और अधिक महसूस करता है।
उन्होंने इतेकाफ़ के प्रचार प्रसार के लिए मस्जिदों के सुधार की आवश्यकता पर जोर दिया और कहा कि इस्लामी गणराज्य ईरान की बदौलत विभिन्न सांस्कृतिक, मनोरंजक और खेल सुविधाओं का भी विस्तार किया जा रहा है।
अंत में उन्होंने कहा कि एतेकाफ़ एक नबवी परंपरा है जिस पर स्वयं हज़रत मुहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि व आलिहि व सल्लम दृढ़ता से अमल करते थे और हमेशा इसका विशेष प्रबंध करते थे।