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ईरान की शिपिंग कंपनी ने चाबहार बंदरगाह और भारत की कांडला बंदरगाह के बीच त्वरित और सीधे परिवहन का सिलसिला आरंभ करने के लिए एक सीधा संपर्क स्थापित किया है।

ईरान की नौवहन कंपनी के दो जहाज़ों के माध्यम से भारत की कांडला और मुंद्रा बंदरगाहों से माल लोड करके उसे ईरान की चाबहार बंदरगाह लाया जा रहा है। प्राप्त रिपोर्ट के अनुसार ईरान के आरज़ू नामक समुद्री मालवाहक जहाज़ ने पहले चरण में भारत की कांडला बंदरगाह से 300 कंटेनर और ईरान के ही यारारेन जहाज़ ने पहले चरण में भारत की मुंद्रा बंदरगाह से 141 कंटेनर चाबहार बंदरगाह स्थानांतरित किया है।

दक्षिण पूर्वी ईरान की चाबहार बंदरगाह और भारत की कांडला बंदरगाह के बीच यतायात का सीधा सिलसिला शुरू होने से दोनों देशों के बीच यतायात के लिए आवश्यक समय का दूरी अब दो दिन से भी कम हो गई है।

उल्लेखनीय है कि भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कुछ दिन पहले ही कहा था कि गुजरात की कांडला बंदरगाह जल्द ही ईरान के चाबहार बंदरगाह से जुड़ जाएगी और यह क़दम न केवल भारत के अंतर्राष्ट्रीय व्यापार को बढ़ावा देने का कारण बनेगा बल्कि दुनिया में भारत की इस बंदरगाह की स्थिति भी बेहतर होगी।  

 

 

27 मई 2017 को तेहरान में पवित्र क़ुरआन की सभा में वरिष्ठ नेता बोलते हुए

इस्लामी क्रान्ति के वरिष्ठ नेता ने सऊदी शासन को अयोग्य क़रार देते हुए कहा है कि ये शासन न सिर्फ़ यह कि क़ुरआन पर आस्था का ढोंग करता है बल्कि व्यवहारिक रूप से पवित्र क़ुरआन की शिक्षाओं के ख़िलाफ़ क़दम उठाता है।

आयतुल्लाहिल उज़्मा सय्यद अली ख़ामेनई ने शनिवार को तेहरान में पवित्र क़ुरआन की तिलावत की विशेष सभा में यह बात कही। उन्होंने कहा कि खेद की बात है कि इस्लामी समाज दूसरे समाजों की तरह समस्याओं में घिरा हुआ है और इस्लामी समाजों का भविष्य सऊदी सरकार की तरह अयोग्य व्यक्तियों के हाथ में है।

उन्होंने कहा कि ये लोग पवित्र क़ुरआन पर आस्था का ढोंग करते हैं, यहां तक कि क़ुरआन की लाखों प्रतिंया छपवाते हैं लेकिन अमल में नास्तिकों से दोस्ती बढ़ाते हैं जो पवित्र क़ुरआन के आदेश के ख़िलाफ़ है।

वरिष्ठ नेता ने यमन और बहरैन में जारी धर्म विरोधी कृत्यों की भर्त्सना करते हुए कहा कि मुसलमानों के ख़िलाफ़ जो लोग ऐसा कर रहे हैं वे असत्य पर हैं और उनका पतन होकर रहेगा क्योंकि यह क़ुरआन का वादा है। उनके पतन का समय मुसलमानों की कोशिशों पर निर्भर है। अगर मुस्लिम जगत सही तरह क़दम उठाए तो उनके पतन की प्रक्रिया तेज़ हो जाएगी।

आयतुल्लाहिल उज़्मा ख़ामेनई ने कहा कि कुछ रूढ़ीवादी देश इस भ्रम में पड़े हुए हैं कि वे पैसों से इस्लाम दुश्मनों को दोस्त बना सकते हैं लेकिन सच्चाई यह है कि इस तरह की निकटता नहीं हो सकती जैसा कि ख़ुद अमरीकियों ने कहा है कि वे उनका दोहन करेंगे और फिर अंत में उन्हें अपने पास से भगा देंगे। 

 

 

अंतरराष्ट्रीय कुरान समाचार एजेंसी समाचार साईट «आज ऑनलाइन», इस सॉफ्टवेयर कार का नाम«Traore" है जो उत्पादन के अंतिम चरण में है और रमजान की पूर्व संध्या पर इस सप्ताह के शुक्रवार को अनावरण किया जाऐगा।

इस सॉफ्टवेयर का उपयोग करके जो लोग मस्जिद जाने का इरादा रखते हैं, कार नंबर, मॉडल और कार के रंग और समय और जगह के लिए अपने इस कदम की घोषणा कर सकते हैं।

जो लोग मस्जिद जाने के लिए कार चाहते हैं, उन कारों के साथ जिन्हों ने अपनी आमादगी की घोषणा की और उनके पास हैं, पहचान कीकरें और उनके साथ जा सकते हैं।

400 यात्रियों और चालकों ने रमजान के दौरान मस्जिदों में जाने के लिए पंजीकृत किया है।

यह सॉफ्टवेयर Android फोन पर स्थापित और इस्तेमाल किया जा सकता है कल "लम्स रमज़ान" जश्नों के अवसरर पर मलेशिया में अनावरण किया गया।

कार (carpooling) एक निजी यात्री कार साझा करने के लिए कहा जाता है,इस तरह कि एक समय में एक से अधिक व्यक्ति उस कार का इस्तेमाल कर सकते हैं, और शहर में ऐक सवार वाहनों की संख्या को कम करने के लिए सबसे अच्छा तरीकों में से एक यह है।

 

इस्लामी क्रांति के वरिष्ठ नेता ने बल दिया है कि रक्षा काल का एक स्थायी पाठ यह रहा है कि अगर ईश्वर पर भरोसा व्यवहारिक रूप से और दिलो व जान से हो तो निश्चित रूप से सभी बाधाओं और चुनौतियों का सामना आस्था के साथ किया जा सकता है।

वरिष्ठ नेता आयतुल्लाहिल उज़मा सैयद अली ख़ामेनई ने बुधवार की शाम सेना के कुछ कमांडरों, सैनिकों और कलाकारों से भेंट में अपने भाषण के दौरान, आठ वर्षीय रक्षा काल की घटनाओं के वर्णन और इन घटनाओं को कलात्मक और नये तरीक़ों से नयी पीढ़ी तक पहुंचाने को महत्वपू्र्ण काम बताया। 

वरिष्ठ नेता ने बल दिया कि रक्षा काल, मानवीय व भौतिक नुकसान का कारण रहा है किंतु उसके साथ ही वर्तमान और भविष्य के लिए बहुत अच्छे परिणाम भी सामने आए हैं और इससे समाज में क्रांतकारी विचारों की रक्षा हुई। 

वरिष्ठ नेता ने कहा कि अगर समाज में सत्ता व संसार लोभ से दूरी  और आध्यात्मिक लक्ष्य  की भावना न हो तो तो निश्चित रूप से बाधाएं अधिक होंगी और एेसे समाज में व्यवहारिक रूप से ईश्वर पर भरोसा और बाधाओं को पार करने की शक्ति बहुत महत्वपूर्ण है। 

वरिष्ठ नेता ने कहा कि आज ईरान सभी चुनौतियों के सामने विजय का दावा कर सकता है क्योंकि उसके पास रक्षा काल के दौरान अत्याधिक बाधाओं को पार करने का अनुभव है। 

वरिष्ठ नेता ने कहा कि  रक्षा काल के दौरान अमरीका, नेटो, सोवियत संघ और क्षेत्र के रूढ़िवादियों सहत सभी शक्तियां इस्लामी गणतंत्र ईरान के सामने खड़ी थीं, लेकिन इन हालात में भी ईरान इन सभी शक्तियों के सामने विजयी रहा।  

 

अंतरराष्ट्रीय कुरान समाचार एजेंसी ने खबर "अल-वतन समाचार"द्वारा उद्धृत किया कि यह कुरान "अबु वारदा" के नाम से रंग़ीन और कवर पर फूलों के साथ छपा है।

यह कुरान इस समय मिस्र के बाजार में आए हैं जिन की अल अजहर ने देश के बाजारों में विरोध किया है

और इस पर अल अजहर के इस्लामी अनुसंधान परिषद ने 2015 में बिक्री पर प्रतिबंध लगाया था

यह "अबु वारदा" कुरान काहिरा की मस्जिद "अल-हुसैन" के पीछे अलमारियों में स्थित है और छोटे संस्करण की कीमत(मिस्री मुद्रा)40 पाउंड है और बड़े संस्करण की 70 पाउंड है।

इस जग़ह बेचने वाले अब्दुल वहाब बताते हैं कि लोग इस आकर्षक रूप वाले कुरआन को दोस्त रख़ते हैं और रमजान की पूर्व संध्या पर खरीद कर उपहार देते है।

उन्होंने अल-वतन के साथ एक साक्षात्कार में कहा कुरान अबु वारदा के कुरआन के पास अल अजहर का लाइसेंस है इस बयान की तस्दीक़ के लिए पृष्ठ के अंत में अल अजहर के लाइसेंस है जो साबित करता है

यह इस हाल में है कि अल अजहर के इस्लामी अनुसंधान परिषद के एक सदस्य मोहम्मद अल शोहात अल-जुन्दी ने कहा कि यह लाइसेंस नकली है और हमने कुरान की नई व्यवस्था के लिए मिस्र के आंतरिक मंत्रालय को सुचना दिया है

 

अंतरराष्ट्रीय कुरान समाचार एजेंसी ने "मलेशियाई डाइजेस्ट" खबर द्वारा उद्धृत किया कि मलेशिया प्रधानमंत्री के उप-और मंत्री अहमद ज़ाहिद हमीदी ने कहा कि यह केंद्र "नशरुल कुरआन" है सरकार प्रतिबद्धता है कि केंद्र को बढ़ावा दे ताकि इस्लाम की महिमा का जश्न मनाया जाए।

उन्हों ने मलेशिया के 59वीं अंतर्राष्ट्रीय कुरान प्रतियोगिता के समापन समारोह में कहा कि मलेशिया के प्रधानमंत्री नाजीब रज़ाक ने कहा कि यह केंद्र दक्षिण पूर्व एशिया का सबसे बड़ा कुरानी केंद्र है।

उम्मीद है कि यह केंद्र वार्षिक दस लाख कुरान की प्रतियां प्रकाशित करती है इसकी क्षमता वार्षिक तीस लाख प्रतियां के प्रकाशन की है।

केंद्र से अंग्रेजी, चीनी, बहासा, थाई, रूसी, आदि सहित विभिन्न भाषाओं में कुरान का अनुवाद प्रकाशित किया जाएगा।

अहमद ज़ाहिद हमीदी ने कहा कि मलेशिया अंतर्राष्ट्रीय कुरान प्रतियोगिता मुसलमानों के बीच भाईचारे की भावना को बढ़ावा देग़ी।

59वीं मलेशिया अंतर्राष्ट्रीय कुरान प्रतियोगिता दो हिस्सों तहक़ीक़ी केराअत,पुरे कुरआन का हिफ्ज़ 15 से 20 मई तक कुआलालंपुर में आयोजित किया गया।

हामिद अलीजादेह, तहकीकी केराअत में इस्लामी गणराज्य ईरान के प्रतिनिधि इस टूर्नामेंट में पहली जगह जीत है।

 

 

 

 

 

इस्लामी क्रान्ति के वरिष्ठ नेता ने राष्ट्रपति पद के चुनाव में ईरानी जनता व इस्लामी गणतंत्र व्यवस्था को विजेता बताते हुए कहा कि दुश्मन की साज़िश के बावजूद व्यवस्था के प्रति इस महान राष्ट्र का विश्वास बढ़ा।

आयतुल्लाहिल उज़्मा ख़ामेनई ने 19 मई के राष्ट्रपति पद के चुनाव के संबंध में अपने संदेश में कहा कि सभी जगहों पर मतदान केन्द्रों पर जनता की भव्य उपस्थिति व लंबी क़तारें इस्लामी गणतंत्र के आधारों के मज़बूत होने और इस व्यवस्था के प्रति जनता में लगाव को दर्शाती हैं और इम्तेहान की घड़ी में ईरान व ईरानी जनता विजयी हुयी।

उन्होंने इस बात का उल्लेख करते हुए कि इस्लामी ईरान ने एक बार फिर दुश्मनों को पीछे हटने पर मजबूर कर दिया, कहा कि चुनाव के बाद जनता एकता के बारे में सोचे कि एकता ही राष्ट्रीय शक्ति का महत्वपूर्ण तत्व है।

वरिष्ठ नेता ने राष्ट्रपति और उनके अगले मंत्रीमंडल में शामिल होने वालों पर बल दिया कि रोज़गार और जवानों की मुश्किलों के हल के लिए कोशिश करें। इसी प्रकार उन्होंने कमज़ोर वर्ग, निर्धन क्षेत्रों व गावों पर ध्यान देने पर भी बल दिया। वरिष्ठ नेता ने बल दिया कि अगली सरकार भ्रष्टाचार और सामाजिक ताने बाने को नुक़सान पहुंचाने वाली चीज़ों के ख़िलाफ़ कार्यवाही को अपना कार्यक्रम बनाए।

वरिष्ठ नेता ने अपने संदेश में चुनाव में भाग लेने वाली हर इकाई के प्रति आभार जताया।

 

 

विदेश मंत्रालय ने बयान जारी करके घोषणा की है कि ईरान का मिज़ाइल कार्यक्रम अपनी पूरी शक्ति के साथ आगे भी जारी रहेगा।

अमरीका की ओर से एकपक्षीय नए प्रतिबंधों पर प्रतिक्रिया स्वरूप ईरान के विदेशमंत्रालय ने गुरूवार को बयान जारी करके इसे ग़ैरक़ानून बताते हुए इसकी भर्त्सना की है।  विदेश मंत्रालय ने इस बात पर बल दिया है कि देश की रक्षा क्षमता में वृद्धि का अधिकार ईरान को भी प्राप्त है।  विदेश मंत्रालय ने अपने बयान में बताया है कि ईरान का मिज़ाइल कार्यक्रम राष्ट्रसंघ के प्रस्ताव क्रमांक 2231 के विरुद्ध नहीं है।

विदेश मंत्रालय ने अमरीका की ओर से ईरान के कुछ लोगों और कंपनियों पर लगाए जाने वाले नए प्रतिबंधों की कड़ी भर्त्सना की है।  इन प्रतिबंधों के जवाब में 9 उन अमरीकी लोगों और कंपनियों को प्रतिबंधित कर दिया है जो परोक्ष या अपरोक्ष रूप में ज़ायोनी शासन के अत्याचारों में सहभागी रहे हैं।

उल्लेखनीय है कि अमरीकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने मिज़ाइल कार्यक्रम के बहाने ईरान के कुछ अधिकारियों और कंपनियों पर प्रतिबंध लगा दिया है।   

 

 

इस्लामी गणतंत्र ईरान में बारहवें राष्ट्रपति चुनाव तथा नगर व ग्राम परिषद के चुनावों के लिए मतदान हुआ।

मतदान आरंभ होते ही सुबह से मतदान केन्द्रों पर लोगों की भीड़ नज़र आयी। इस्लामी क्रांति के वरिष्ठ नेताक आयतुल्लाहिल उज़मा सैयद अली ख़ामेनेई ने तेहरान में स्थित इमाम ख़ुमैनी इमाम बाड़े में अपना वोट डाला।

वोट डालने के बाद उन्होंने पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि ईरानी राष्ट्र के लिए चुनाव को महत्वपूर्ण बताया और कहा कि जितनी जल्दी हो सके लोग मतदान केन्द्रों पर उपस्थित हो कर अपने मूल्यवान मत डालें।

उन्होंने राष्ट्रपति चुनाव को महत्वपूर्ण बताते हुए कहा कहा कि देश का भविष्य जनता के हाथों में है क्योंकि यह चुनाव देश के कार्य पालिका के प्रमुख को चुनने के लिए है।

 

इस्लामी गणतंत्र ईरान के विदेशमंत्री ने तेहरान व नयी दिल्ली के मध्य बैंकिंग क्षेत्र में सहयोग में विस्तार की बाधाओं को दूर करने और भारत में ईरानी छात्रों के लिए सुविधा दिये जाने की ज़रूरत पर ज़ोर दिया है।

विदेशमंत्री जवाद ज़रीफ़ ने मंगलवार को भारत के विदेश सचिव एस जयशंकर से तेहरान में होने वाली भेंट में विभिन्न क्षेत्रों विशेषकर ऊर्जा व व्यापार के क्षेत्र में दोनों देशों की संयुक्त क्षमताओं की उल्लेख करते हुए आशा प्रकट की है कि ईरान और भारत के सहयोग में विस्तार होना चाहिए। 

एस जयशंकर ने भी इस भेंट में, ईरान के साथ भारत के संबंधों के भविष्य को सकारात्मक बताया। 

उन्होंने इसी प्रकार ऊर्जा, ट्रांज़िट, और उत्तर-दक्षिण कॅारीडोर के संदर्भ में ईरान व भारत के मध्य सहयोग पर बल दिया। 

मंगलवार को भी  भारत के विदेश सचिव एस जयशंकर और ईरानी विदेश मंत्रालय में एशिया और प्रशांत महासागर के मामलों के प्रभारी इब्राहीम रहीम पुर ने भेंट की। 

इस बैठक में ऊर्जा, खनन, उद्योग और व्यापार के विभागों से संबंध रखने वाले अधिकारियों ने भाग लिया और ईरान व भारत के मध्य सहयोग को बढ़ाने की संभावनाओं का जायज़ा लिया।