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सीरिया में असद शासन का पतन हो गया है इसी के साथ फिलिस्तीन के बाद अब सीरिया के एक बड़े हिस्से पर भी इस्राईल का क़ब्ज़ा तय है साथ ही फिलिस्तीन और  प्रतिरोधी मोर्चे को भी भारी नुकसान उठाना पड़ेगा।

इस बारे में मई 2024 मे ही ईरान के सुप्रीम  लीडर हज़रत आयतुल्लाह खामेनेई ने बश्शार असद को पश्चिमी साजिशों से अवगत कराते हुए कहा था कि पश्चिमी जगत ने सीरिया के लिए नई प्लानिंग की है।

आयतुल्लाह खामेनेई ने बश्शार असद को सचेत करते हुए कहा था कि क्षेत्र में पश्चिमी देशों और उनके घटक और मजदूरों  ने, देश की राजनीतिक व्यवस्था को उखाड़ फेंकने और सीरिया को क्षेत्रीय समानता से वंचित करने के लिए युद्ध छेड़ा, उन्होंने सत्ताधारियों को हटाने की योजना बनाई लेकिन असफल रहे और अब अन्य तरीकों का उपयोग करने की योजना बना रहे हैं, जिसमें अनेकों वादे भी शामिल हैं जो पूरे नहीं होंगे, वह सीरिया को क्षेत्रीय समीकरण से हटाने की अपनी योजना से कभी पीछे नहीं हटेंगे।

जब बश्शार असद को युद्ध के माध्यम से नहीं हटाया जा सका, तो उन्हें अलगाव से बाहर निकालने के लिए अरब लीग द्वारा छला गया और अरब लीग के साथ के चक्कर मे ही असद ने प्रतिरोध की धुरी के साथ सहयोग करने में आना कानी की और बहाने बनाते रहे।

आयतुल्लाह खामेनेई ने असद को समझाया था कि अरब लीग के माध्यम से जो वादे किए जा रहे है असल मे यह उसे प्रतिरोधी धुरी से दूर करने के षड्यन्त्र हैं और उसे छला जा रहा है। लेकिन लगता है असद ने आयतुल्लाह खामेनई की नसीहत को गंभीरता से नहीं लिया और अरब लीग और अरब दुनिया पर भरोसा कर के अपनी कब्र खोद ली।

रविवार, 08 दिसम्बर 2024 19:56

बशर अलअसद की सरकार का अंत

सीरियाई प्रधानमंत्री मोहम्मद ग़ाज़ी अल-जलाली ने कहा है कि वह किसी भी ऐसे नेता के साथ सहयोग करने के लिए तैयार हैं जिसे सीरियाई जनता चुने उन्होंने आगे कहा कि वह रविवार सुबह प्रधानमंत्री आवास में मौजूद रहेंगे और सत्ता के हस्तांतरण के लिए हर संभव कदम उठाएंगे।

एक रिपोर्ट के अनुसार,सीरियाई प्रधानमंत्री मोहम्मद ग़ाज़ी अलजलाली ने कहा है कि वह किसी भी ऐसे नेता के साथ सहयोग करने के लिए तैयार हैं जिसे सीरियाई जनता चुने उन्होंने आगे कहा कि वह रविवार सुबह प्रधानमंत्री आवास में मौजूद रहेंगे और सत्ता के हस्तांतरण के लिए हर संभव कदम उठाएंगे।

मोहम्मद ग़ाज़ी अलजलाली ने कहा,हम हर सीरियाई नागरिक का समर्थन करेंगे जो अपने देश की अखंडता और विकास में रुचि रखता हो जनता से अनुरोध है कि वे राष्ट्रीय और सरकारी संपत्तियों को नुकसान न पहुँचाएँ।

उन्होंने यह भी कहा कि सीरिया सभी सीरियाई नागरिकों का देश है और ऐसा देश बन सकता है जो अपने पड़ोसी देशों के साथ अच्छे संबंध बनाए रखते हुए किसी गठबंधन समूह का हिस्सा न बने। उन्होंने स्पष्ट किया कि वह किसी पद या व्यक्तिगत लाभ की आकांक्षा नहीं रखते और सत्ता के हस्तांतरण के लिए हर संभव सुविधा प्रदान करेंगे।

इस दौरान चरमपंथी संगठन तहरीर अलशाम के प्रमुख अबू मोहम्मद अलजोलानी ने घोषणा की कि मोहम्मद ग़ाज़ी अलजलाली सत्ता के पूर्ण हस्तांतरण तक सरकारी संस्थानों और मंत्रालयों का प्रबंधन संभालेंगे।

सूत्रों के अनुसार चरमपंथी तत्व विभिन्न दिशाओं से दमिश्क में प्रवेश कर चुके हैं और बिना किसी विरोध के पूरे शहर पर नियंत्रण कर लिया है। उन्होंने दमिश्क हवाई अड्डे और सरकारी रेडियो टीवी भवन पर भी कब्जा कर लिया है।

समाचार एजेंसी रॉयटर्स ने सीरियाई सूत्रों के हवाले से बताया है कि राष्ट्रपति बशर अलअसद दमिश्क में मौजूद नहीं हैं। वहीं एक सीरियाई सैन्य अधिकारी ने पुष्टि की है कि सैन्य नेतृत्व ने आधिकारिक तौर पर बशर अलअसद की सरकार के पतन की घोषणा कर दी है।

हिज़्बुल्लाह की राजनीतिक परिषद के उपाध्यक्ष, महमूद क़माती ने कहा कि संघर्ष विराम के समझौते को लागू करने के लिए कोई स्पष्ट तंत्र नहीं है, और अमेरिका इस मामले में कोताही बरत रहा है। उन्होंने आरोप लगाया कि अमेरिका ने इज़रायल को लेबनानी क्षेत्रों में घुसपैठ करने का अवसर दिया है।

एक रिपोर्ट के अनुसार ,हिज़्बुल्लाह की राजनीतिक परिषद के उपाध्यक्ष, महमूद क़माती ने कहा कि संघर्ष विराम के समझौते को लागू करने के लिए कोई स्पष्ट तंत्र नहीं है, और अमेरिका इस मामले में कोताही बरत रहा है। उन्होंने आरोप लगाया कि अमेरिका ने इज़रायल को लेबनानी क्षेत्रों में घुसपैठ करने का अवसर दिया है।

अलमयादीन चैनल से बातचीत में क़माती ने कहा कि इज़रायली दुश्मन द्वारा नागरिकों पर किए गए हालिया हमलों और संघर्ष विराम के लगातार उल्लंघन का प्रतिरोध ने जवाब दिया। न तो लेबनानी अधिकारी और न ही अमेरिकी इन उल्लंघनों के बारे में बात कर रहे थे इसलिए प्रतिरोध ने इस पर प्रतिक्रिया दी। इस प्रतिक्रिया के बाद संघर्ष-विराम को लागू करने के लिए तंत्र पर चर्चा शुरू हुई।

 

उन्होंने कहा कि हिज़्बुल्लाह संघर्ष विराम निगरानी समिति के प्रदर्शन का इंतजार कर रहा है। हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि वे इस स्थिति से असंतुष्ट हैं लेकिन फिलहाल आक्रमण को रोकने के लिए प्रतिक्रिया नहीं देंगे।

क़माती ने यह भी आरोप लगाया कि संघर्ष विराम निगरानी समिति की कोताही जानबूझकर की गई है। उन्होंने कहा कि दुश्मन को वह हासिल करने का मौका दिया जा रहा है, जो वह युद्ध में नहीं कर सका। यह एक सोची समझी रणनीति है। क़माती ने जोर दिया कि हमें एक वास्तविक संघर्ष-विराम की आवश्यकता है जो इज़रायल के लिए भी आवश्यक है।

उन्होंने आगे कहा कि हाल के दिनों में इस मुद्दे को सेना सरकारी संस्थानों और संयुक्त राष्ट्र के समक्ष उठाया गया था, लेकिन उनकी ओर से कोई कार्रवाई नहीं हुई।

उन्होंने कहा,हम तब तक संयम बरतेंगे जब तक यह संभव है लेकिन दुश्मन को अपनी आक्रामकता रोकनी होगी।

हिज़्बुल्लाह के वरिष्ठ अधिकारी ने चेतावनी दी कि अगर दुश्मन संघर्ष विराम का उल्लंघन जारी रखता है तो वे हालिया चेतावनी अभियानों की तरह ही, सैन्य बयान संख्या 2 और 3 भी जारी कर सकते हैं। हालांकि, फिलहाल संघर्ष-विराम निगरानी समिति को मौका दिया जा रहा है।

 

 

 

 

 

सीरियाई सरकारी टेलीविजन ने कुछ क्षण पहले एक वीडियो प्रसारित किया जिसमें बशर अलअसद को सत्ता से हटाने और सभी कैदियों की रिहाई की घोषणा की गई है।

एक रिपोर्ट के अनुसार,सीरियाई सरकारी टेलीविजन ने एक वीडियो प्रसारित किया जिसमें एक समूह ने राष्ट्रपति बशर अलअसद के पद से हटने और सभी कैदियों की रिहाई की घोषणा की है।

यह वीडियो उस समय प्रसारित किया गया जब सरकार विरोधी सशस्त्र समूहों ने रविवार सुबह राजधानी दमिश्क का नियंत्रण अपने हाथों में ले लिया। बयान पढ़ने वाले व्यक्ति ने सभी विरोधी गुटों और नागरिकों से अपील की कि वे स्वतंत्र सीरियाई सरकार के संस्थानों की रक्षा करें।

 

 

 

 

 

भारत के दौरे पर आए कुवैत के विदेश मंत्री अब्दुल्ला अली अल याहिया के साथ व्यापक द्विपक्षीय बातचीत की यह दौरा कुवैत के विदेश मंत्री के रूप में याहिया का पहला आधिकारिक भारत दौरा था इस मुलाकात के दौरान दोनों नेताओं ने भारत-कुवैत संबंधों के सभी महत्वपूर्ण पहलुओं की समीक्षा की और इन संबंधों को नई ऊंचाई पर ले जाने के लिए प्रयास करने का संकल्प लिया।

एक रिपोर्ट के अनुसार ,विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर ने भारत के दौरे पर आए कुवैत के विदेश मंत्री अब्दुल्ला अली अल याहिया के साथ व्यापक द्विपक्षीय बातचीत की। यह दौरा कुवैत के विदेश मंत्री के रूप में याहिया का पहला आधिकारिक भारत दौरा था।

इस मुलाकात के दौरान दोनों नेताओं ने भारत-कुवैत संबंधों के सभी महत्वपूर्ण पहलुओं की समीक्षा की और इन संबंधों को नई ऊंचाई पर ले जाने के लिए प्रयास करने का संकल्प लिया।

दोनों मंत्रियों ने राजनीतिक व्यापार, निवेश, ऊर्जा, खाद्य सुरक्षा और सांस्कृतिक सहयोग जैसे विभिन्न क्षेत्रों में साझेदारी को मजबूत करने पर गहन विचार-विमर्श किया।

इसके साथ ही दोनों पक्षों ने आपसी रुचि से जुड़े क्षेत्रीय और अंतरराष्ट्रीय मुद्दों पर भी चर्चा की इस बातचीत का उद्देश्य न केवल द्विपक्षीय संबंधों को मजबूती देना था बल्कि वैश्विक और क्षेत्रीय शांति और स्थिरता में योगदान देना भी था।

याहिया की प्रधानमंत्री से मुलाकात अपने भारत दौरे के दौरान विदेश मंत्री याहिया ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से भी भेंट की इस दौरान प्रधानमंत्री ने भारत और कुवैत के बीच ऐतिहासिक और पारंपरिक संबंधों को याद किया।

उन्होंने कुवैत में रहने वाले 10 लाख से अधिक भारतीय समुदाय के कल्याण के लिए कुवैती नेतृत्व की भूमिका की प्रशंसा की प्रधानमंत्री मोदी ने कुवैत के नेताओं को भारत के विकास में साझेदार बनने का निमंत्रण दिया और दोनों देशों के बीच सहयोग को और बढ़ाने की आवश्यकता पर जोर दिया।

भारत कुवैत संबंध,एक ऐतिहासिक पृष्ठभूमि भारत और कुवैत के बीच गहरे ऐतिहासिक और सांस्कृतिक संबंध रहे हैं।

कुवैत खाड़ी क्षेत्र में भारत का एक महत्वपूर्ण साझेदार है, खासकर ऊर्जा क्षेत्र में कुवैत भारत को पेट्रोलियम उत्पादों का एक प्रमुख आपूर्तिकर्ता है और दोनों देशों के बीच बढ़ते व्यापारिक संबंधों ने इन संबंधों को और मजबूती दी है।

 

 

 

 

 

 

दिल्ली में अगले साल विधानसभा चुनाव होने वाले हैं ऐसे में यहां राजनीतिक माहौल अभी से गरमाने लगा है। दिल्ली विधानसभा चुनाव से पहले ही सत्ताधारी दल और दूसरे उम्मीदवारों की धड़कने बढ़ाते हुए इस चुनाव मे अब ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) की भी एंट्री हो गई है। AIMIM के प्रदेश अध्यक्ष डॉक्टर शोएब जामई ने सत्ताधारी दल के प्रमुख अरविंद केजरीवाल पर निशान साधते हुए उनको RSS का छोटा रीचार्ज कहा है। उन्होंने कहा है कि केजरीवाल की नीतियां मुस्लिम विरोधी हैं।

उन्होंने कहा कि 10 सालों में दिल्ली के मुसलमानों ने अरविंद केजरीवाल को सपोर्ट किया. लेकिन उन्हें बदले में सिर्फ 'धोखा' मिला। उन्होंने दिल्ली दंगों और मरकज मामले में केजरीवाल पर निष्क्रियता का इल्जाम लगाया है। AIMIM का इल्जाम है कि दिल्ली के मुस्लिम इलाकों में कोई खास विकास का काम नहीं हुआ है।

लेबनानी स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया कि इजरायली हवाई हमले मे दक्षिणी लेबनान के एक सीमावर्ती गांव को निशाना बनाया जिसमें पांच लोग घायल हो गए।

एक रिपोर्ट के अनुसार ,लेबनानी स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया कि इजरायली हवाई हमले मे दक्षिणी लेबनान के एक सीमावर्ती गांव को निशाना बनाया जिसमें पांच लोग घायल हो गए।

एलनाश्रा ने कहा इस बीच इजरायली सैन्य वाहन दक्षिणी शहर ऐन अरब के केंद्र की ओर बढ़े और फिर वाता खियाम क्षेत्र की ओर जाने वाली सड़क पर तैनात हो गए।

इसमें कहा गया है कि इजराइली सैनिकों ने कफ़र किला गांव के बाहर ताल नाहास क्षेत्र से सीमावर्ती गांव वज़ानी की ओर जाने वाली सड़क के साथ-साथ कफ़र किला और वज़ानी के बीच अन्य क्षेत्रों की ओर जाने वाली तथाकथित हवाईअड्डा सड़क पर भी बुलडोज़र चला दिया।

इसके अलावा लेबनान की राष्ट्रीय समाचार एजेंसी ने बताया कि एक इजरायली ड्रोन को बेरूत और उसके दक्षिणी उपनगरों में कम ऊंचाई पर उड़ते देखा गया था।

 

 

 

 

 

जॉर्डन के आंतरिक मंत्री माजेन फरैया ने दक्षिणी सीरिया में सुरक्षा स्थितियों के कारण सीरिया के साथ जाबेर सीमा को बंद कर दिया हैं।

एक रिपोर्ट के अनुसार,जॉर्डन के आंतरिक मंत्री माजेन फरैया ने दक्षिणी सीरिया में सुरक्षा स्थितियों के कारण सीरिया के साथ जाबेर सीमा को बंद कर दिया हैं।

मंत्रालय द्वारा शुक्रवार को जारी एक बयान के अनुसार निर्णय के तहत, जॉर्डन के नागरिकों और ट्रकों को राज्य में लौटने की अनुमति दी जाएगी, लेकिन सीरियाई क्षेत्रों के लिए बाहरी यातायात प्रतिबंधित रहेगा।

बयान के मुताबिक मंत्रालय ने कहा कि जॉर्डन सीरिया में घटनाक्रम पर करीब से नजर रख रहा है जबकि सशस्त्र बल सीमाओं की सुरक्षा करना जारी रखे हुए हैं।

एक रिपोर्ट के अनुसार, दमिश्क अम्मान अंतरराष्ट्रीय राजमार्ग पर स्थित जाबेर क्रॉसिंग, जिसे सीरिया में नसीब क्रॉसिंग के रूप में जाना जाता है दोनों देशों के बीच एकमात्र परिचालन यात्री और वाणिज्यिक सीमा क्रॉसिंग थी।

ब्रिटेन स्थित सीरियन ऑब्जर्वेटरी फॉर ह्यूमन राइट्स के अनुसार, शुक्रवार को सीरिया में नसीब क्रॉसिंग के पास झड़पें हुईं, जहां सशस्त्र समूहों ने कथित तौर पर क्षेत्र में घुसपैठ की और सीरियाई सेना की चौकियों पर हमला किया।

जॉर्डन और सीरिया दो मुख्य सीमा क्रॉसिंग साझा करते हैं अलगोमरुक अलकादिम क्रॉसिंग, जिसे जॉर्डन की ओर रामथा के नाम से जाना जाता है।

हौज़ा इल्मिया के प्रमुख ने स्टूडेंट डे के मौके पर जारी अपने संदेश में कहा, इस्तेकबार (साम्राज्यवाद) के खिलाफ जद्दोजहद का परचम छात्रों के हाथ से कभी नहीं गिरेगा और यह संघर्ष हमेशा जारी रहेगा, यहाँ तक कि आखिरी हुज्जते इलाही हज़रत इमाम मेहदी अ.स. के ज़ुहूर तक पूरी ताकत के साथ चलता रहेगा।

एक रिपोर्ट के अनुसार,हौज़ा इल्मिया के प्रमुख ने स्टूडेंट डे के मौके पर जारी अपने संदेश में कहा, इस्तेकबार (साम्राज्यवाद) के खिलाफ जद्दोजहद का परचम छात्रों के हाथ से कभी नहीं गिरेगा और यह संघर्ष हमेशा जारी रहेगा, यहाँ तक कि आखिरी हुज्जते इलाही हज़रत इमाम मेहदी अ.स. के ज़ुहूर तक पूरी ताकत के साथ चलता रहेगा।

संदेश कुछ इस प्रकार है:

بِسْمِ اللَّهِ الرَّحْمَنِ الرَّحِيمِ

«قُلْ إِنَّمَا أَعِظُکُمْ بِوَاحِدَةٍ ۖ أَنْ تَقُومُوا لِلَّهِ مَثْنَیٰ وَفُرَادَیٰ ثُمَّ تَتَفَکَّرُوا»

कह दो मैं तुम्हें सिर्फ एक बात की नसीहत करता हूं कि तुम अल्लाह के लिए दो दो और अकेले अकेले उठ खड़े हो फिर सोच विचार करो।

(सूरह सबा, आयत 46)

7 दिसंबर 1953 ईरान के इतिहास का वह यादगार दिन है, जो ईरानी जनता की साम्राज्यवाद (इस्तेकबारी ताकतों) के खिलाफ संघर्ष और प्रतिरोध का प्रतीक बन चुका है यह दिन ईरानी कैलेंडर में हमेशा यादगार रहेगा। यह गर्व का दिन ईरानी युवाओं और विद्यार्थियों को समर्पित है।

16 आज़र की घटना में जब छात्रों ने अमेरिकी उपराष्ट्रपति रिचर्ड निक्सन की ईरान यात्रा के खिलाफ प्रदर्शन करते हुए अपने प्राणों की आहुति दी इस आंदोलन की जड़ें और गहरी हो गईं। इस्लामी क्रांति से पहले यह आंदोलन पनप रहा था और आज यह एक विशाल वृक्ष का रूप ले चुका है।

विद्यार्थी किसी भी समाज में प्रगति परिपक्वता और सामाजिक ऊर्जा का प्रतीक होते हैं। 16 आज़र का दिन उनके महत्व और गरिमा को सम्मान देने का एक अनूठा अवसर है।

आज ईरान की तेज़ी से होती प्रगति जो शैक्षिक संस्थानों के विद्वतापूर्ण माहौल में पनप रही है उम्मीद और उजाले के सफर को आगे बढ़ा रही है यह गति रुकने वाली नहीं है।

इस्लामी क्रांति के संस्थापक इमाम खुमैनी र.ह. द्वारा शुरू की गई फिलिस्तीन की समर्थन की मुहिम आज पूर्व और पश्चिम में फैल चुकी है। दुनिया भर के छात्र फिलिस्तीन और ग़ाज़ा की मज़लूम जनता के समर्थन में खड़े हैं।

इस्राइल के ज़ुल्म के खिलाफ उनके प्रदर्शन वैश्विक स्तर पर न्याय की लड़ाई का हिस्सा बन चुके हैं यह आंदोलनों का सिलसिला इमाम ज़माना अजलल्लाहु तआला फराजहुम शरीफ के ज़हूर का मार्ग प्रशस्त कर रहा है।

यदि छात्र अपने किसी भी राजनीतिक रुझान के बावजूद दुश्मनों की साज़िशों को सच्चाई से पहचान लें और उन तत्वों को समाप्त कर दें जो विश्वविद्यालयों के विद्वतापूर्ण माहौल को बिगाड़ना चाहते हैं तो वे साम्राज्यवाद और उसके छिपे हुए एजेंटों के खिलाफ एक सांस्कृतिक और राजनीतिक संघर्ष में सक्रिय रह सकते हैं।

16 आज़र साम्राज्यवाद के खिलाफ अपने प्राणों की आहुति देने वाले शहीदों की याद का दिन है। छात्र इन पवित्र रक्तों के संरक्षक हैं और अपने शहीद साथियों के मार्ग को जारी रखने के सबसे अधिक योग्य हैं।

हम 16 आज़र के शहीदों रक्षात्मक युद्ध के शहीद छात्रों और अपने शहीद वैज्ञानिकों जैसे डॉ. अली मोहम्मदी, मोहसिन फखरीज़ादे, दरियूश रज़ाई नेजाद, मजीद शहरीयारी, और मुस्तफा अहमदी रोशन को श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं।

हमें विश्वास है कि साम्राज्यवाद के खिलाफ संघर्ष का झंडा छात्रों के हाथों से कभी नहीं गिरेगा यह संघर्ष हमेशा जारी रहेगा और अंतिम ईश्वरीय प्रतिनिधि के प्रकट होने तक मजबूती से आगे बढ़ता रहेगा।

अली रज़ा आराफी

प्रमुख हौज़ा-ए-इल्मिया

07 दिसंबर 2024

ग़ज़ा के स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया कि 7 अक्टूबर 2023 से जारी इज़राइली हमलों के परिणामस्वरूप शहीदों की संख्या 44,612 हो गई है, जबकि 1,05,834 लोग घायल हो चुके हैं।

एक रिपोर्ट के अनुसार, ग़ाज़ा के स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया कि 7 अक्टूबर 2023 से जारी इज़राइली हमलों के परिणामस्वरूप शहीदों की संख्या 44,612 हो गई है, जबकि 1,05,834 लोग घायल हो चुके हैं।

संयुक्त राष्ट्र की एक हालिया रिपोर्ट के अनुसार, ग़ज़ा युद्ध में शहीद होने वालों में 70 प्रतिशत से अधिक महिलाएं और बच्चे शामिल हैं जो इस मानवीय त्रासदी की गंभीरता को और भी अधिक स्पष्ट करते हैं।

स्वास्थ्य मंत्रालय ने यह भी कहा कि वास्तविक संख्या इससे भी अधिक हो सकती है, क्योंकि कई शव अभी भी तबाह हुई इमारतों के मलबे में दबे हुए हैं।

यह स्थिति अंतरराष्ट्रीय समुदाय के लिए तत्काल कार्रवाई की आवश्यकता को रेखांकित करती है, ताकि ग़ज़ा के लोगों को और अधिक जानमाल का नुकसान होने से बचाया जा सके।