ईरान के राष्ट्रपति डॉ. मसूद पिजेश्कियान ने फ्रांस के राजदूत से मुलाकात के दौरान कहा कि ईरान युद्ध नहीं चाहता लेकिन किसी भी आक्रामकता का करारा जवाब दिया जाएगा।
ईरानी राष्ट्रपति ने स्पष्ट किया कि इस्लामी गणतंत्र ईरान किसी भी संभावित आक्रमण के सामने कमजोर नहीं पड़ेगा अगर फिर किसी ने हमला किया तो उसे निर्णायक और कड़ा जवाब मिलेगा।
तेहरान में फ्रांस के नए राजदूत पियरे कुशार द्वारा अपने कार्यभार संभालने के अवसर पर आयोजित समारोह में राष्ट्रपति ने कहा कि ईरान खुद युद्ध नहीं चाहता और हमेशा वार्ता को प्राथमिकता देता है। लेकिन यह शांतिप्रियता हमारी कमजोरी नहीं बल्कि हमारे सिद्धांतों की मजबूती को दर्शाती है।
पिजेश्कियान ने आगे कहा कि ईरान आंतरिक एकता और वैश्विक सहमति की तलाश में है, लेकिन दुर्भाग्य से पश्चिमी देश झूठे प्रचार और ईरान पर परमाणु हथियार बनाने के आरोप लगाकर इस रास्ते में रुकावटें पैदा कर रहे हैं। ईरान अंतरराष्ट्रीय कानूनों के तहत अपने अधिकारों की मांग करता है और इन कानूनों का पूरी तरह पालन करता आया है।
उन्होंने पश्चिम की चुप्पी की आलोचना करते हुए गाजा में इस्राइली आक्रमण को बर्बर और अभूतपूर्व बताया उन्होंने कहा कि यूरोपीय देशों, खासकर फ्रांस की चुप्पी शर्मनाक है।
इस अवसर पर फ्रांस के राजदूत पियरे कुशार ने ज़ाहेदान में हालिया आतंकी हमले में ईरानी नागरिकों की शहादत पर दुख जताया और कहा कि फ्रांस राजनयिक प्रक्रिया को जारी रखने में विश्वास रखता है।
उन्होंने आगे कहा कि फ्रांसीसी सरकार ईरान के साथ सहयोग बढ़ाना चाहती है और परमाणु मुद्दे पर वार्ता ही एकमात्र रास्ता है।